Published - 05 Feb 2021 by Tractor Junction
हमारे देश में अब इंसानों की तरह ही भेड़-बकरियों के भी आधार कार्ड बनाएं जाएंगे। सुनने में जरा अजीब सा लग रहा होगा न आपको। पर यह सही है। दरअसल गाय-भैंसों की तरह ही अब भेड़-बकरियों की टैगिंग का कार्य किया जाएगा। इसके पिहले भेड़-बकरियों को एक पहचान दी जाएगी। उनके कानों में 10 अंकों का आधार नंबर का छल्ला पहनाया जाएगा ताकि इनकी पहचान हो सके। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ये कार्य इसी फरवरी माह में शुरू कर दिया जाएगा। इसका पूरा रिकार्ड पोर्टल पर दर्ज होगा ताकि भेड़-बकरियों की संख्या का भी पता लगाया जा सके कि अमुक जिले में या राज्य में कितनी संख्या है।
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एनएडीसीपी यानी नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत पशुपालन विभाग की ओर से भेड़-बकरियों की ईयर टैगिंग का कार्य शुरू किया जाना है। इसके पहले सभी भेड़-बकरियों का एक 10 अंकों का आधार नंबर दिया जाएगा जो हर भेड़ और बकरी को अलग पहचान देगा। सभी भेड़-बकरी अपना आधार नंबर का एक छल्ला कान में पहनेंगी।
11 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मथुरा में नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को लांच किया था। सरकार ने पहले चरण में गोवंश और महीष वंशीय को ही शामिल किया था। एलके वर्मा, सीवीओ बरेली कहते हैं कि सरकार ने एनएडीसीपी में भेड़-बकरी को शामिल किया है। इनको 10 डिजिट का नंबर दिया जाएगा। इसी महीने ईयर टैगिंग शुरू हो जाएगी। इनका खुरपका-मुंहपका का वैक्सीनेशन भी होगा।
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अब एक-एक भेड़ और बकरी का रिकॉर्ड एनडीसीपी के पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। भेड़-बकरी की उम्र और पालने वाले का नाम और पता भी ऑनलाइन रहेगा। साथ ही भेड़-बकरियों को बीमा की सुविधा भी मिल सकेगी। बता दें कि एनडीसीपी में पहले भेड़ और बकरी को शामिल नहीं किया गया था। सिर्फ गोवंश और महीष वंशीय पशुओं को ही एनएडीसीपी के तहत इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं थीं। गोवंश और महीष वंशीय पशुओं को आधार नंबर देने की मुहिम अंतिम चरण में है। ऐसे में इसमें भेड़-बकरी को भी शामिल कर पशुपालकों को बड़ी राहत दी गई है।
मीडिया से मिली जानाकारी के अनुसार एनडीसीपी के तहत गोवंश और महीष वंश की तरह भेड़-बकरी को खुरपका-मुंहपका के टीके लगाए जाएंगे। बरसात से पहले भेड़-बकरी के खुरपका-मुंहपका के टीके लगाने की मुहिम चलाई जाएगी। जल्द ही वैक्सीन सभी जिलों में पहुंचने का दावा पशुपालन विभाग ने किया है। बरेली में 160636 भेड़ और बकरी हैं। इनमें बकरी 130539 और भेड़ों की संख्या 30097 है। इनके कान में डालने के लिए छल्ला आपूर्ति की जिम्मेदारी नोएडा की कंपनी को सरकार ने दी है। ब्लॉक के पशु अस्पताल में ग्राम वार भेड़ और बकरी का रजिस्टर बनाया जाएगा। ईयर टैगिंग के बाद भेड़ -बकरी के टीकाकरण का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
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पशुपालकों को अपने पशुओं को बीमा करवाने के लिए संबंधित पशु चिकित्सालय में पशु बीमा के लिए सूचित करना होगा। सूचना के बाद पशु चिकित्सक एवं संबंधित बीमा कंपनी अभिकर्ता पशुपालक के घर पहुंचेंगे। वहां पर पशु चिकित्सक द्वारा पशु का स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेगा। बीमा के लिए पशुपालक के पास विभाग का जारी कार्ड एवं बैंक में खाता होना जरूरी है।
पशु का बीमा करने के दौरान बीमा कंपनी द्वारा पशु के कान में टैग लगाया जाएगा। पशुपालक की पशु के साथ संयुक्त फोटो ली जाएगी। बाद में पशु का बीमा कर पॉलिसी जारी कर दी जाएगी। पशु का बीमा होने के बाद कान में लगाया जाने वाला टैग गिर जाता है तो पशुपालक द्वारा बीमा कंपनी को सूचना दी जाएगी। जिससे बीमा कंपनी पशु के नया टैग लगा सके। जिस पशुपालक को विभाग ने कार्ड जारी किया हुआ है। तो वह अपने 5 पशुओं का बीमा करवा सकता है।
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