Published - 26 May 2022
पीएम किसान योजना के तहत किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि प्रदान की जाती है। इसके तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए केंद्र सरकार की ओर से सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। इस योजना की राशि को हर चार माह के अंतराल में 2-2 हजार रुपए की तीन समान किस्तों में किसानों के खाते में भेजा जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लघु व सीमांत किसानों को कृषि कार्य के लिए आर्थिक मदद पहुंचाना है। लेकिन इस योजना में कुछ अपात्र लोग भी शामिल हो गए और उन्होंने गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा उठाया। ऐसे लोगों पर केंद्र सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए उनसे वसूली कार्रवाई शुरू कर दी है और उन्हें इस योजना से बाहर कर दिया है।
उत्तरप्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो इस योजना के पात्र न होते हुए भी इसका लाभ उठा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तरप्रदेश में भी योजना से जुड़े अपात्र किसानों से वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके लिए ऐसे किसानों को सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया है कि वे तय समय सीमा के भीतर पीएम किसान सम्मान निधि की राशि लौटाएं। ऐसा नहीं करने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसमें उन्हें सजा और जुर्माना दोनों भुगतना पड़ सकता है। बता दें कि उत्तरप्रदेश के सीतापुर जिले में करीब 8 लाख किसान हैं जिनमें से करीब 6.52 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। अब यहां अपात्र किसानों की छंटनी का काम शुरू कर दिया गया है। इनमें से कुछ किसान तो ऐसे निकले हैं जो इनकम टैक्स दे रहे है।
इस संबंध में सीतापुर जिले के कृषि उप निदेशक के अनुसार जिले में अब तक 6 लाख 52 हजार किसान पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे। अब अपात्र किसानों की पहचान कर ली गई है। इनमें से करीब अब तक 6100 अपात्र किसानों की पहचान कर ली गई है। जिसमें से 3200 किसान इनकम टैक्स जमा करा रहे थे। जबकि 2900 किसान ऐसे थे जो भूमिहीन के साथ ही अन्य कारणों से अपात्र घोषित किए गए हैं। इन सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त राशि को सरकार को लौटाना होगा। राशि वापस नहीं करने पर इनसे वसूली की कार्रवाई भी हो सकती है। नोटिस भेज जाने के बाद अपात्र किसानों में खलबली मच गई है।
बता दें कि यूपी में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत जांच और सत्यापन में अब तक तीन लाख 15 हजार 10 लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं। इन्हें दी गई धनराशि की वसूली कराई जाएगी। प्रदेश में अब तक 2.55 करोड़ किसानों ने इस योजना का लाभ लिया है। इनमें से 6.18 लाख किसान ऐसे हैं जिनके डेटाबेस में आधार संख्या और आधार कार्ड में दर्ज नाम में भिन्नता पाई गई है। ऐसे लोगों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 11वीं किस्त नहीं मिल पाएगी। मुख्य सचिव के अनुसार कुुछ के डेटाबेस में सुधार किया जा चुका है।
जिले में जिन अपात्र किसानों से करीब 5 लाख 54 हजार रुपए की वसूली की जानी है। इसके लिए इन किसानों को नोटिस भेज दिए गए हैं। उप निदेशक के अनुसार अपात्र किसान स्वयं ही सम्मान निधि का पैसा सरकार को लौटा दें अन्यथा कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
पीएम किसान सम्मान निधि की वेबसाइट एक नया लिंक ऑनलाइन रिफंड के जरिये अपात्र किसान सरकार को पैसा वापिस कर कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है-
यदि आपके घर में एक ही जमीन पर एक से अधिक परिवार के सदस्य पीएम किसान के तहत किस्त ले रहे हैं तो किस्त पैसा वापस करना होगा। केवल परिवार का एक ही सदस्य किस्त पाने का अधिकारी होगा जिसके नाम खेत के कागजात है। अब ये नहीं होगा कि किसी परिवार में एक ही जमीन पर माता-पिता, पत्नी, बेटे पीएम किसान योजना के तहत सम्मान निधि की किस्त का लाभ ले रहे हो। यदि ऐसा है तो उन्हें पैसा वापस करना होगा। नए नियम के मुताबिक परिवार का एक ही सदस्य पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले सकता है जिसके नाम खेत के कागजात हैं।
यदि नोटिस के बाद भी आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा वापस नहीं करते हैं तो नियमानुसार आप पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो सकता है और आपको ऐसे मामले में जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इससे बचने के लिए ऐसे अपात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को शीघ्र सरकार को लौटा देना चाहिए।
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