प्रकाशित - 20 Oct 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
बिहार से किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई हैं। बिहार सरकार की इस योजना से अब किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बिहार सरकार प्रदेश में जल्द ही 15 हजार से अधिक बिजली के फीडर लगाने का निर्णय लिया हैं। योजना के तहत अब किसानों को खेत में जहां पर बिजली का कनेक्शन लेना चाहेंगे सरकार उसको वहां पर कनेक्शन देगी। इससे किसानों को अपनी फसल की सिंचाई करने में आसानी होगी और किसान सिंचाई के लिए डीजल पर होने वाले खर्च से भी बचेंगे। क्योंकि सिंचाई करने के लिए इंजन में पड़ने वाले डीजल के मुकाबले बिजली का बिल काफी सस्ता होता है। ऐसे में अब किसान बिजली से ट्यूबवेल चलाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे। दरअसल, रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत कृषि फीडर की संरचना तैयार किए जाने को लेकर बिजली कंपनी ने टेंडर जारी कर दिया है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से आपको योजना से जुड़ी सभी जानकारी देंगे।
बिहार सरकार की इस योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कृषि फीडर तैयार किए जाने की योजना पर काम शुरू हो जाएगा। इस योजना की खास बात यह होगी कि किसानों द्वारा डिमांड करने पर उन्हें बिजली का कनेक्शन दे दिया जाएगा। बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस के अनुसार पूरे प्रदेश में 15 हजार से अधिक फीडर तैयार किए जाएंगे। जैसे ही सारे फीडर तैयार हो जाएंगे वैसे ही नीतीश सरकार ऑन डिमांड कृषि बिजली कनेक्शन के लिए एक विशेष योजना की शुरूआत करेगी। बिहार सरकार की इस योजना के तहत इच्छुक किसानों को उनके खेत तक बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।
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बिहार सरकार की मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना के तहत किसानों को बिजली कनेक्शन का लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा 70 हजार बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अभी तक केवल 55 हजार किसानों को ही बिजली कनेक्शन का लाभ मिल पाया हैं। अब इस नई योजना के जरिए जैसे ही कोई किसान बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करेगा, उसे एक तय समय के भीतर बिजली कृषि कनेक्शन दे दिया जाएगा। दरअसल, इस नई योजना पर केंद्र सरकार 60 प्रतिशत जबकि बिहार सरकार 40 फीसदी रुपए का खर्च वहन करेगी।
केंद्र की मोदी सरकार ने सभी खेतों में सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015 में की थी। पहले यह योजना वर्ष 2021 तक थी, केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में इस योजना को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। असल में हमारे देश में करीब 14 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर किसान खेती करते हैं। 2015 में जब प्रधानमंत्री ने कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की तब 6.5 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर ही सिंचाई की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध थीं। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य 2026 तक देश के सभी खेतों में सिंचाई व्यवस्था पहुंचाना हैं।
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