खरीफ फसलों की खेती पर 9 हजार रुपए प्रति एकड़ सब्सिडी, आवेदन शुरू

Share Product Published - 02 Jun 2021 by Tractor Junction

खरीफ फसलों की खेती पर 9 हजार रुपए प्रति एकड़ सब्सिडी, आवेदन शुरू

राजीव गांधी किसान न्याय योजना : जानें, कहां और कैसे करना है आवेदन और क्या रहेगी चयन प्रक्रिया

किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना है। यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने राज्य के किसानों के लिए शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि और आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश करने और काश्त लागत में राहत दी जाती है। छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित इस योजना के तहत यहां की सरकार ने किसानों को फसल उत्पादन पर 9 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का फैसला लिया है। बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत वर्ष-2020 के खरीफ मौसम के लिए 21 मई 2021 को राज्य के 22 लाख किसानों के खातों में 1500 करोड़ रुपए पहली किस्त के रूप में दिए गए थे। योजना के तहत किसानों को चार किश्तों में पैसा दिया जाना है।

 

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इनपुट सब्सिडी का लाभ लेने के लिए ये होगी पात्रता

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इसलिए योजना के तहत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टाधारी किसान योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। 


इन फसलों पर दी जाएगी इनपुट सब्सिडी

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष-2021 के लिए 14 फसलों पर 9,000 रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, रामतिल, कोदो, कुटकी, कुल्थी, रागी तथा गन्ना की फसलों की खेती करने पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इसके अलावा खरीफ वर्ष 2020-21 में जिन खेतों में धान लगाई थी यदि किसान उन खेतों में धान को छोडक़र अन्य फसल जैसे कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टीफाईड धान, केला, पपीता लगता है, अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10,000 रुपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए तीन वर्षों तक दिए जाएंगे।


किसान कब कर सकते हैं इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन

छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों के लिए चलाई जा रही राजीव गांधी न्याय योजना के तहत वर्ष 2021 के खरीफ सीजन के लिए आवेदन 1 जून से शुरू हो गए हैं। राज्य के किसान 1 जून से 30 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल  https://rgkny.cg.nic.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।


यह रहेगी योजना के तहत इनपुट सब्सिडी के लिए चयन की प्रक्रिया

  • पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया के अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किसान के आवेदन एवं अभिलेखों का प्रारंभिक सत्यापन एवं परीक्षण किया जाएगा। आवेदन के सत्यापन बाद आवश्यक अभिलेखों के साथ पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन प्रपत्र संबंधित किसान साख गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी। यदि किसान के पास आधार नंबर नहीं है, तो उन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। 
  • संबंधित मौसम में भूईयां पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकडें तथा किसान के आवेदन में अंकित फसल व रकबा में से जो भी कम हो, उसको आदान सहायता राशि की गन्ना हेतु मान्य की जाएगी। पात्रता निर्धारण करते समय कृषि भूमि सीलिंग कानून प्रावधानों का ध्यान रखा जाएगा। पंजीकृत किसान की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। आवेदन पत्र में गलत जानकारी देने पर भू-राजस्व संहिता के प्रचलित प्रावधान अनुसार दी गई सहायता राशि को वसूल किया जाएगा। 


आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पंजीकृत कृषक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे- ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा। जिसे निर्धारित समयावधि में संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में जमा कर कृषक वहां से पावती प्राप्त कर सकेगा। संयुक्त खातेदार का पंजीयन नंबरदार नाम से किया जाएगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। आदान सहायता पंजीकृत कृषक नंबरदार के खाते में अंतरित की जाएगी। जिसका बंटवारा आपसी सहमति से खातेदार करेंगे।

 

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