Published - 20 Nov 2021
इस समय रबी की बुवाई का सीजन चल रहा है। किसान रबी की फसल गेहूं और दलहनी फसलों की बुवाई कर रहे हैं। वहीं गन्ना किसान भी गन्ने का उत्पादन कार्य में जुट गए हैं। इधर फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचा रही है। इसी क्रम में हरियाणा सरकार गेहूं, गन्ना, दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनुदान दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक पात्र किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। किसानों को यह अनुदान राष्ट्रीय खाद्य मिशन योजना के तहत उपलब्ध कराया जाएगा।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन), स्कीम के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में मसूर व चने के बीज का वितरण व इनके प्रदर्शन-प्लांट एवं सूक्ष्म तत्व, जिप्सम, जैविक खाद, पौधा संरक्षण रसायन, खरपतवारनाशी, स्प्रे पम्प व हस्तचालित/बैटरी चालित स्प्रे का वितरण किसानों को अनुदान पर किया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) ओ.एस तथा ओ.पी स्कीम के अंतर्गत हरियाणा के सभी जिलों में सरसों के बीज वितरण, सरसों के प्रदर्शन-प्लांट, सूरजमुखी के प्रदर्शन-प्लांट, जिप्सम, राईजोबियम कल्चर/फॉसफेट सोल्युब्लाइजेशन बैक्टिरिया का वितरण, पौध संरक्षण, खरपतवारनाशक सहित रसायन, न्यूक्लीयर पोलिहाईटरोसिस वायरस आदि भी किसानों को दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (गेंहू), योजना के तहत हरियाणा के अंबाला, भिवानी, हिसार, झज्जर, मेवात, पलवल, चरखी दादरी तथा रोहतक समेत आठ जिलों में अनुदान पर बीज वितरण, गेंहू के प्रदर्शन-प्लांट, सूक्ष्म तत्व, पौधा संरक्षण रसायन, खरपतवारनाशी रसायन का वितरण किसानों को किया जा रहा है।
गन्ना तकनीकी मिशन के तहत कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में गन्ने की सी.ओ 15023 किस्म को बीज उत्पादन हेतु 4 फीट की दूरी पर सिंगल-आंख विधि द्वारा प्रदर्शन-प्लांट लगाने हेतु किसानों को फाऊंडेशन/प्रमाणित बीज खरीदने के लिए अनुदान के रूप में 8 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से दिए जाएंगे।
ऊपर बताई गईं फसलों पर अनुदान के लिए राज्य के किसान, कृषि तथा कल्याण विभाग की वेबसाइट https://www.agriharyana.gov.in/ अथवा https://agriharyana.org/agrischemes पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
सरकारी योजना में सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने हेतु इसके लिए आवेदन किया जाता है। आवेदन के समय किसान भाइयों को कुछ दस्तावेजों जरूरत होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं।
• आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
• आवेदन करने वाले किसान का आईडी प्रूफ- जैसे राशन कार्ड, वोटर आईडी आदि
• किसान के खेत के कागजात
• बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ की कॉपी
• आवेदक का मोबाइल नंबर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), अक्टूबर 2007 में शुरू की गई थी। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस मिशन को भारी सफलता मिली और चावल, गेहूं और दालों के लक्षित अतिरिक्त उत्पादन को हासिल किया। ग्यारहवीं योजना अवधि के दौरान, मिशन ने 20 मिलियन मीट्रिक टन तक अनाज के उत्पादन में वृद्धि हासिल की; चावल, गेहूं और दालों के उत्पादन भी बढ़ा। यह योजना बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान 25 मिलियन टन बढ़ी हुई अनाज उत्पादन के लक्ष्य के साथ जारी रही थी। इसके बाद, मोटे अनाज और वाणिज्यिक फसलों को एनएफएसएम 1 के दायरे में शामिल किया गया। एनएफएसएम वर्तमान में देश में 638 जिलों में लागू किया जा रहा है। भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता वृद्धि के माध्यम से लक्षित फसलों के उत्पादन में सतत वृद्धि करना, व्यक्तिगत कृषि स्तर पर मिट्टी की प्रजनन क्षमता और उत्पादकता की बहाली करना तथा कृषि स्तर की शुद्ध आय में वृद्धि करना है ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन स्कीम का लाभ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल राज्य के किसानों को मिल रहा है।
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