मशरूम की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी 10 लाख रुपए सब्सिडी

Share Product प्रकाशित - 07 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

मशरूम की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी 10 लाख रुपए सब्सिडी

जानें, कहां करना है आवेदन और आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से नई-नई योजनाएं लाई जा रही है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी किसानों की आय दुगुनी करने के मिशन पर काम कर रही है। सरकार की ओर से किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक सहित कृषि यंत्रों के लिए भी अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके अलावा अधिक कमाई देने वाली फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जाता है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को अनुदान (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। इसी कड़ी में बिहार सरकार मशरूम की खेती करने वाले किसानों के लिए एक सुनहरा मौका लेकर आई है। राज्य सरकार की ओर से मशरूम की खेती करने वाले किसानों को मशरूम की यूनिट लगाने पर 10 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। राज्य के इच्छुक किसान इसमें आवेदन करके 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में किसानों को बिहार सरकार की ओर से मशरूम की खेती या मशरूम यूनिट लगाने पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी और अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को कैसे आवेदन करना होगा और इसके लिए उन्हें किन दस्तावेजों आवश्यकता होगी, इन सब बातों की जानकारी देंगे ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।

मशरूम यूनिट के लिए कितनी मिलेगी सब्सिडी

प्रदेश में मशरूम का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों के एकीकृत बागवानी मिशन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को मशरूम की यूनिट लगाने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को मशरूम उत्पादन यूनिट के साथ-साथ मशरूम स्पॉन जिसे मशरूम का बीज कहते हैं के लिए और मशरूम कंपोस्ट उत्पादन यूनिट लगाने के लिए भी अनुदान दिया जाता है। जो इस प्रकार से हैं

  • मशरूम उत्पादन ईकाई की लागत 20 लाख रुपए निर्धारित की गई है जिस पर 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।
  • मशरूम स्पॉन इकाई के लिए 15 लाख रुपए की लागत निर्धारित की गई है जिस पर 7.5 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।
  • मशरूम कंपोस्ट उत्पाद इकाई के लिए 20 लाख रुपए की लागत निर्धारित की गई है। इस पर 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।
  • इन तीनों इकाइयों की कुल लागत 55 लाख रुपए है जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत यानि 27.50 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।
  • किसान मशरूम की उपरोक्त तीनों इकाइयों में से किसी भी इकाई का चयन करके अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकता है।  

मशरूम यूनिट के लिए किसान ले सकते हैं बैंक से लोन

मशरूम यूनिट लगाने के लिए किसान बैंक से शार्ट टर्म यानि अल्प अवधि का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से क्रेडिट लिंक्ड बैंक इंडेड आधारित 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है जिसका लाभ कोई भी किसान उठा सकता है। किसान को इस योजना के तहत निर्धारित लागत 20 लाख रुपए का लोन बैंक से आसानी से मिल सकता है। लोन संबंधी जानकारी के लिए किसान अपने निकट के सहकारी बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

मशरूम यूनिट पर सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

मशरूम यूनिट पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान भाइयों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावोजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • आवेदन करने वाले किसान का पासपोर्ट साइज फोटो
  • जमीन की अद्यतन रसीद
  • किसान पंजीयन रसीद

मशरूम यूनिट पर सब्सिडी के लिए किसान कैसे करें आवेदन

मशरूम यूनिट पर सब्सिडी का लाभ बिहार राज्य के किसानों को दिया जाएगा। राज्य के जो किसान मशरूम यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें एकीकृ़त बागवानी मिशन के तहत आवेदन करना होगा। इसके लिए किसान बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की आफिशियल वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहीं योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान जिला उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

बिहार में कितना होता है मशरूम का उत्पादन

बिहार देश में नंबर वन मशरूम उत्पादक राज्य है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में बिहार में कुल 28000 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हुआ था। यह देश में उत्पादन होने वाले कुल मशरूम का 10.82 प्रतिशत है। इससे पहले बिहार में मशरूम का कुल उत्पादन 23000 मीट्रक टन था। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2010 में बिहार में 400 टन बटन मशरूम और 80 टन ऑएस्टर मशरूम का उत्पादन होता था, जो दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही चला गया।

बिहार में किस किस्म के मशरूम की होती है सबसे अधिक खेती

बिहार में दूधिया, ऑएस्टर और बटन मशरूम की खेती सबसे अधिक हो रही है। यहां अधिकांश किसान मशरूम की खेती कर रहे हैं और इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। बिहार की जलवायु विभिन्न प्रकार के मशरूम के उत्पादन के लिए काफी उपयुक्त पाई गई है। इसलिए यहां मशरूम की खेती करके किसान काफी अच्छा लाभ प्राप्त रहे हैं। बटन मशरूम के उत्पादन में सामान्य पुआल की कुट्‌टी एवं गेहूं के भूसे का उपयोग किया जाता है। जबकि श्वेत दुधिया मशरूम के लिए एक विशेष प्रकार के कम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है।

मशरूम की खेती से कितना हो सकता है लाभ

मशरूम की खेती किसानों की इनकम बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। मशरूम का उपयोग खाने में तो किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग बॉडी बिल्डिंग के उपयोग में आने वाले प्रोटीन पाउडर बनाने में भी किया जाता है। मशरूम की बाजार मांग काफी है। इसे देखते हुए मशरूम की खेती किसानों के लिए लाभ का सौंदा साबित हो रही है। खास बात ये हैं कि मशरूम की खेती के लिए किसी लंबे-चौड़े खेत की जरूरत नहीं होती है। इसकी खेती एक कमरे से भी शुरू की जा सकती है। कम जगह में इसकी खेती करके भी किसान इससे काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। एक कमरे में इसकी खेती करके किसान साल भर में 3 से 4 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। जबकि मशरूम की खेती की लागत केवल 50-60 हजार रुपए ही आती है। इस तरह इसकी खेती से किसान तीन गुना लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  

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