पीएम किसान योजना : एक लाख से अधिक किसानों ने छोड़ा योजना का लाभ, जानें, वजह

Share Product प्रकाशित - 06 Jun 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

पीएम किसान योजना : एक लाख से अधिक किसानों ने छोड़ा योजना का लाभ, जानें, वजह

सबसे ज्यादा बिहार के 29,176 किसान हुए योजना से स्वयं बाहर

सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका उन्हें लाभ हो रहा है। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान योजना) (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Yojana (PM Kisan Yojana)) काफी लोकप्रिय योजना है। इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना से बहुत से अपात्र किसानों को बाहर किया गया है। वहीं कई किसान खुद ही इस योजना से अलग हो गए हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस योजना से जुड़े 1.16 लाख किसान ऐसे भी है, जिन्होंने स्वयं अपनी मर्जी से योजना का लाभ लेना बंद कर दिया है। इसमें सबसे अधिक किसान बिहार के हैं। उसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान हैं जिन्होंने स्वेच्छा से योजना के लाभ का परित्याग कर दिया है। इसके अलावा कई अन्य राज्यों जहां पीएम किसान योजना संचालित है वहां के हजारों किसानों ने इस योजना से अपने आप को अलग कर लिया है।

किस राज्य में कितने किसानों ने छोड़ा योजना का लाभ (How many farmers gave up the benefits of the scheme in which state)

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे अधिक 29,176 किसान परिवारों ने पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ा है। उसके बाद उत्तर प्रदेश में 26,593 किसान इस योजना से अलग हो गए हैं। तीसरे नंबर पर राजस्थान है जहां 10,343 किसानों ने पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ा है। सूत्रों ने बताया कि कृषि मंत्रालय ने पिछले वर्ष पीएम किसान मोबाइल ऐप और वेबसाइट में एक मॉड्यूल प्रस्तुत किया था, जो किसानों को स्वेच्छा से योजना से बाहर निकालने में समक्ष बनाता है। अधिकारियों के अनुसार बहुत अधिक जोत वाले किसानों ने खुद अपनी ओर से सब्सिडी का लाभ नहीं लेने का फैसला किया। इसके अलावा आयकर का भुगतान करने वाले छोटे किसानों ने भी योजना का लाभ छोड़ दिया।  

पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ने के पीछे क्या है कारण (What is the reason behind giving up the benefits of PM Kisan Yojana)

केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान योजना के तहत योजना से जुड़े पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपए सीधे उनके खाते में डीबीटी द्वारा ट्रांसफर किए जाते हैं। पीएम किसान योजना के नियम व शर्तों में स्पष्ट रूप से बता रखा है कि कौन इसका लाभ ले सकता है और कौन नहीं। इसके बावजूद कई अपात्र किसान इस योजना का लाभ ले रहे थे। ऐसा पता चलने के बाद सरकार ने अपात्रों को योजना से बाहर करने का काम किया और राशि वापस वसूलने के नोटिस भी जारी किए। इसके अलावा सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी और भूमि सत्यापन अनिवार्य कर दिया। इन सब को देखते हुए और कार्रवाई के डर से कई अपात्र किसान योजना को छोड़ने लगे और इस तरह तीन राज्यों में ऐसे किसानों की संख्या 1.16 लाख हो गई जिन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि का परित्याग किया।

किसान कैसे कर सकते हैं योजना में अपने लाभ को सरेंडर (How can farmers surrender their benefits under the scheme)

पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध विवरण के मुताबिक जो किसान स्वेच्छा से पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली सम्मान निधि के लाभ को छोड़ना चाहते हैं, वे आसानी से योजना से अलग हो सकते हैं। इसके लिए आपको पीएम-किसान पोर्टल को अपने मोबाइल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद इच्छुक किसान को अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद वे एक ओटीपी जनरेट कर सकते हैं जो उनके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के जरिये पीएम किसान योजना के लाभार्थी की पहचान की जाती है। इसके बाद लाभार्थी किसान अपने पीएम किसान योजना के लाभ को सरेंडर कर सकता है।

किसानों को पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त का इंतजार

पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Yojana) का लाभ दिया जाता है। अब तक इस योजना की 16 किस्त किसानों को मिल चुकी हैं और 17वीं किस्त का किसानों को बेसब्री से इंतजार है। इस योजना की 16वीं किस्त पीएम मोदी ने 29 फरवरी 2024 को महाराष्ट्र के यवतमाल से जारी की थी। पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त जून या जुलाई में किसी भी दिन जारी की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद तुरंत जारी की जा सकती है।

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