प्रकाशित - 25 Mar 2023
पिछले कई दिनों से मौसम में परिवर्तन के साथ ही बारिश का दौर जारी है। कई राज्यों में बैमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इस संकट की घड़ी में किसानों को राहत पहुंचाने हुए केंद्र सरकार ने यूपी सहित पांच राज्यों के लिए करोड़ों रुपए मुआवजा राशि जारी की है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछली बार खरीफ फसलों में हुए नुकसान के लिए 1260 करोड़ रुपए की राशि राज्यों को जारी कर दी है। जिन राज्यों के लिए ये राशि जारी की गई है उनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा शामिल है। बता दें कि देश में पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान होने पर इसकी भरपाई की जाती है। पिछले दिनों केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नई दिल्ली के कृषि भवन में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के डिजिटल दावा निपटारा मॉड्यूल डिजीक्लेम का शुभारंभ किया है। इससे अब किसानों के दावों का ऑनलाइन निपटारा हो सकेगा।
डिजीक्लेम मॉड्यूल के जरिये राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा राज्यों में फसल बीमा योजना में शामिल किसानों को कुल 1260.35 करोड़ रुपए के बीमा दावों का वितरण किया गया। कृषि मंत्री ने एक क्लिक के साथ करोड़ों की दावा राशि जारी की। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमित किसानों को 1.32 लाख करोड़ रुपए की दावा राशि का वितरण किया जा चुका है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई सहायता राशि में यूपी के लिए 462 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की गई है। इससे प्रदेश के करीब 9 लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार ने साल 2022 में उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से खरीफ की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह सहायता राशि जारी की है। यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि आंशिक मुआवजे के रूप में 2.18 लाख किसानों को पहले ही सहायता राशि मिल चुकी है। इन किसानों को बीमा कंपनियों द्वारा 134.25 करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को खरीफ सीजन 2022 के मुआवजे के रूप में कुल 597.05 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
शाही ने कहा कि किसानों को फसल नुकसान होने पर इसकी सूचना बीमा कंपनी, कृषि विभाग के अधिकारियों को 72 घंटे के भीतर दे देनी चाहिए। वहीं 60 प्रतिशत से कम बुवाई होने पर ग्राम पंचायत में मुआवजा देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि किसानों चाहिए कि वे बीमा कंपनी को निर्धारित समय में प्रीमियम दें ताकि उन्हें समय पर मुआवजा मिल सके।
मध्यप्रदेश में बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। इस पर एक्शन मोड पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों नुकसान की भरपाई करने की घोषणा कर दी है। इसके लिए सर्वे का काम भी शुरू किया गया है। मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करवाया जा रहा है। दतिया, ग्वालियर और अशोकनगर में 17 मार्च को ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं, चना और सरसों की फसलों में आंशिक नुकसान की जानकारी मिली है। ग्वालियर जिले के सगोरा में पशु हानि होने की सूचना भी मिली है। इन क्षेत्रों में सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के बाद किसान भाइयों को राहत राशि देने का काम शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने टीवी चैनल्स के प्रतिनिधि को बताया कि दतिया में 10 से 12 गांव, ग्वालियर में 8 से 10 गांव और अशोकनगर में 5 से 7 गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने इन जिलों के किसान भाइयों को आश्वस्त किया है कि सर्वे के बाद किसानों को राहत राशि और फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाएगा। शासकीय अमला खेतों में जाकर सर्वे कर रहा है।
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