प्रकाशित - 02 Jul 2024
सरकार की ओर से प्राकृतिक आपदा जैसे- अनियमित बारिश, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि आदि से फसल को नुकसान होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है। वहीं किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके पुराने ऋण भी माफ किए जाते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से ऋण माफी योजना चलाई जा रही है। इस योजना को अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे- उत्तर प्रदेश में ऋण मोचन योजना तो मध्यप्रदेश में जय किसान फसल ऋण माफी योजना (jai kisan fasal rin mafi yojana) नाम दिया हुआ है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में भी अलग-अलग नामों से यह योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों के पुराने कर्ज माफ किए जाते हैं।
हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से बालाघाट जिले के करीब 32 हजार से अधिक किसानों का करीब 41 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया गया है। इसकी सूचना कृषि विभाग मध्यप्रदेश के ट्यूटर हैंडल पर जारी की गई है। इसमें मुख्यमंत्री द्वारा बालाघाट के किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा को लेकर पोस्ट जारी किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से लिखा गया है कि बालाघाट जिले के अंदर 32 हजार 161 किसानों के 41 करोड़ के ऋण माफ करने की घोषणा करता हूं ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।
दरअसल बीते दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बालाघाट में आयोजित दो कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इसमें पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 43 लाख रुपए के दो इनामी नक्सलियों के मार गिराने वाले हाकफोर्स के 28 जवानों को क्रम से पूर्व पदोन्नति देकर उनका सम्मान किया। वहीं इतवारी कृषि उपज मंडी में मुख्यमंत्री ने मिलेट मिशन के तहत आयोजित अन्न उत्सव में कई अहम घोषणाएं की जिनमें से एक घोषणा बालाघाट के किसानों की कर्ज माफी (karj mafi) की घोषणा भी है जिसमें उन्होंने बालाघाट के 32 हजार 161 किसानों का 41 करोड़ रुपए का ऋण माफ करने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री की घोषणा से बालाघाट के किसानों को बहुत बड़ी राहत मिली है।
बालाघाट के किसानों को कर्जमाफी दिए जाने की घोषणा जब मध्यप्रदेश के कृषि विभाग के अधिकृत सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से पूरे प्रदेश के किसानों के साथ ही बुरहानपुर के किसानों तक पहुंची तो उन्होंने बुरहानपुर जिले के किसानों खासकर केला उत्पादक किसानों के कर्ज माफ करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। वहीं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिंकू टांक का कहना है कि बुरहानपुर जिले के केला उत्पादक किसान पांच साल से प्राकृतिक आपदा से करोड़ों रुपए की फसल नुकसान की मार झेल रहे हैं। यहां फसल बीमा योजना नहीं होने से शासन से मिलने वाला मुआवजा किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल बुरहानपुर का ही नहीं बल्कि सरकार को पूरे मध्यप्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए।
कांग्रेस कमेटी की ओर से पूरे प्रदेश के किसानों की ऋण माफी की मांग की जा रही है। इस पर बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटील का कहना है कि बालाघाट के किसानों की क्या परिस्थितियां रही है जिसके चलते मुख्यमंत्री ने उनका कर्ज माफ किया है। वहीं जहां तक सवाल बुरहानपुर के किसानों का है तो यहां केला उत्पादक किसानों को बीजेपी सरकार ने प्राकृतिक आपदा में फसल नुकसान का पर्याप्त मुआवजा दिया है।
मध्यप्रदेश में किसानों के कर्ज माफ करने के लिए जय किसान फसल ऋण माफी योजना (jai kisan fasal rin mafi yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों के सहकारी बैंक से लिए गए पुराने ऋण माफ किए जाते हैं। सरकार के शासनादेश के अनुसार मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय और सरकारी बैकों के अंतर्गत अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्रता के अनुसार सही पाए गए किसानों के 2 लाख रुपए की सीमा तक का बकाया फसल कर्ज माफ किया जाता है। राज्य के जिन किसानों का कर्ज माफ किया गया है, वे कर्ज माफी योजना मध्यप्रदेश (Karj mafi yojana MP) के तहत अपना फसल कर्ज माफ करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अभी इस योजना के तहत 2018 में किसानों द्वारा लिए गए ऋण माफ किए गए हैं।
जय किसान फसल कर्ज माफी योजना के तहत ऑफलाइन आवेदन लिए जाते हैं। इसके लिए किसान द्वारा जिस ग्राम पंचायत की सीमा में कृषि भूमि है, उस ग्राम पंचायत से ऑफ-लाइन आवेदन पत्र जमा कराया जाता है। नगरीय क्षेत्र स्थित कृषि भूमि होने पर संबंधित नगरीय निकाय में आवेदन पत्र जमा कराया जा सकता है। आवेदन पत्र में आधारकार्ड की कॉपी तथा ऋण प्रदाता संस्था राष्ट्रीयकृत बैंक अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होने की स्थिति में संबंधित बैंक शाखा द्वारा दी गई बैंक ऋण खाता पासबुक के प्रथम पेज की कॉपी आवेदन के साथ लगाना जरूरी होता है। वहीं सहकारी बैंक या प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति से ऋण की स्थिति में बैंक ऋण खाता पासबुक की आवश्यकता नहीं होती है। ऑफलाइन भरे गए आवेदन पत्र को जमा कराने पर रसीद ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्र सीमा में कृषि भूमि होने पर नगरीय निकाय की ओर से आवेदक किसान को दी जाती है।
जिन किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की गई है, उन्हें अपने कर्ज को माफ करने के लिए जय किसान फसल कर्ज माफी योजना (jai kisan fasal rin mafi yojana) के तहत आवेदन करना होता है। यदि आप सभी पात्रताओं को पूरा करते हैं तो आपको कर्जमाफी का लाभ दिया जाता है। जिन किसानों की कर्जमाफी की स्वीकृति शासन द्वारा दी जाती है उनकी लिस्ट कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मध्यप्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी जाती है। अभी इस योजना के तहत 2018 में लिए गए पुराने कर्ज माफ किए जा रहे हैं जिसकी कर्जमाफी लिस्ट (karj mafi list) जिलेवार जारी की गई है। जिसकी पीडीएफ फाइल डाउनलोड करके देखा जा सकता है।
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