प्रकाशित - 05 Dec 2022
सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इससे किसानों को काफी लाभ हो रहा है। किसानों को खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है। वहीं बैंक लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि किसान को खेती-किसानी के काम में आसानी रहे। इस समय रबी फसलों की बुवाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में किसान अपने खेतों में फसलों की बुवाई कर रहे हैं। फसल उत्पादन काल के दौरान कई प्रकार के खर्चों को पूरा करने के लिए किसान को पैसों की जरूरत होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए किसानों को सरकार की ओर से बहुत ही कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही उसके ब्याज में सब्सिडी भी दी जाती है ताकि किसान को सस्ता कृषि ऋण मिल सकें।
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के किसानों को बिना ब्याज के कृषि ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को फल, सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को 3 लाख रुपए तक का बैंक लोन बिना किसी ब्याज के दिया जा रहा है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार की शून्य ब्याज ऋण अनुदान योजना की जानकारी दे रहे हैं। तो बने रहिये हमारे साथ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसानों को दिए जाने वाले इस ब्याज अनुदान योजना का विस्तार कर दिया है। राज्य में फल, फूल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को ब्याज अनुदान योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसी के साथ ही मछली पालन करने वाले करने वाले किसानों को भी इस येाजना के तहत बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों को पहले भी बिना ब्याज के फसली ऋण उपलब्ध कराती रही है। वहीं मछली पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने के बाद अब राज्य सरकार मछलीपालकों भी इस योजना का लाभ दे रही है। किसान खेती के साथ मछली पालन के लिए भी इस योजना के तहत बिना किसी ब्याज के ऋण ले सकते हैं। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने योजना का विस्तार करके उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को भी इस योजना में शामिल कर लिया है।
मछली पालन विभाग द्वारा 2 अगस्त 2021 को जारी आदेश के अनुसार मत्स्य पालकों, मत्स्य समूहों व संगठनों को अल्पकालीन कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से अधिसूचना का प्रकाशन भी 14 सितम्बर को राजपत्र में कर दिया गया है। इसके अलावा उद्यानिकी फसलों के लिए किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण की तरह ही एक अप्रैल 2022 से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा एवं उस ऋण पर ब्याज अनुदान देय होगा।
राज्य में उद्यानिकी कृषकों एवं मत्स्य पालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के परिपालन में सहकारिता विभाग की ओर से सहकारी ऋण पर ब्याज अनुदान नियम 2021 में संशोधन के लिए जारी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में किया गया है। इसके अनुसार मत्स्य पालकों, मत्स्य समूहों एवं मत्स्य समितियों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा। जिससे मत्स्य पालकों, मत्स्य समूहों एवं मत्स्य समितियां को अल्पकालीन ऋण 3 लाख तक का ऋण बिना किसी ब्याज मिल सकेगा।
जारी अधिसूचना के अनुसार उद्यानिकी किसानों को प्रभावित ब्याज दर में से प्रभावशील ब्याज दर घटाने के साथ शेष राशि की प्रतिपूर्ति भी अनुदान के रूप में राज्य शासन द्वारा सहकारी बैंकों एवं समितियों को की जाएगी। जिससे उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को 3 लाख रुपए तक का अल्पकालीन ऋण ब्याज मुक्त मिलेगा यानि किसानों को केवल मूलधन ही वापस करना होगा। इस पर कोई ब्याज किसानों से नहीं लिया जाएगा।
किसानों को अल्पकालीन ऋण एक साल की अवधि के लिए दिया जाता है। इसे उसे निर्धारित समय पर चुकाना होता है। यदि किसी कारण से किसान इस ऋण को एक साल की अवधि में नहीं चुका पाते हैं तो बैंक उन्हें डिफाल्टर मानकर 12 प्रतिशत ब्याज से ऋण की वसूली करता है। वहीं कई राज्य सरकारें किसानों को राहत प्रदान करने के लिए किसानों के अल्पकालीन ऋणों को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित करने की सुविधा भी देती है ताकि किसान को कम ब्याज चुकाना पड़े। अल्पकालीन ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित होने पर किसान को 1.65 प्रतिशत ब्याज कम चुकाना पड़ता है। बता दें कि अल्पकालीन ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित होने पर किसान को ऋण चुकाने के लिए तीन साल का समय मिल जाता है।
बिना ब्याज ऋण योजना छत्तीसगढ़ का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास क्रेडिट कार्ड (Credit Card) होना जरूरी है। जिन किसानों ने क्रेडिट कार्ड बना रखा गया है, वे किसान या मछलीपालक अपने निकटतम सहकारी बैंक के माध्यम से इस योजना का लाभ उठा सकते हैँ। इसके लिए आपको केसीसी योजना के तहत ऋण प्रदान किया जाएगा। जिन किसानों के पास क्रेडिट कार्ड नहीं है वे इसे बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। नियम के मुताबिक 14 दिन के भीतर बैंक आपको केसीसी बनाकर दे देता है। केसीसी बनवाने के लिए किसान को विधिवत भरे हुआ आवेदन पत्र के साथ ही आधार कार्ड, पैन कार्ड, आवेदक का फोटो, खेत के कागजात और किसी ओर बैंक से कर्जदार न होने का प्रमाण-पत्र आदि दस्तावेजों की जरूरत होती है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत खेती या संयुक्त खेती कर रहे किसान भी केसीसी योजना का लाभ ले सकते है। इसके अलावा पट्टेदार, बटाईदार किसान और स्वयं सहायता समूह भी इसका लाभ ले सकते हैँ। किसान क्रेडिट कार्ड किसी भी सरकारी, निजी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से बनवाया जा सकता है। आप कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद लाख उत्पादक किसान व समूहों के लिए अल्पकालीन ऋण लेने का रास्ता खुल गया है। इसके लिए सहकारिता विभाग ने नियमों का खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत एक लाख उत्पादक समूह को अधिकतम 2 लाख और व्यक्तिगत रूप से किसान 50 हजार रुपए का अल्पकालीन ऋण ले सकते हैं। यह ऋण शून्य ब्याज दर पर मिलेगा। इससे प्रदेश के करीब 36 हजार किसानों को फायदा होगा। सहकारिता विभाग की ओर से इसके नियम जारी हो गए हैं। इसमें कई शर्तों को जोड़ा गया है। समूहों का ऋण प्रकरण तभी तैयार होगा, जब उनके पास सीड मनी के रूप में 50 हजार रुपए होंगे। इसी के साथ एक लाख उत्पादक किसानों को कर्ज देने के लिए अनुपात भी तय कर दिया गया है। उन्हें 60: 40 के हिसाब से कर्ज दिया जाएगा। किसानों को 60 फीसदी नकद और 40 वस्तु ऋण दिया जाएगा। शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्थिति में किसानों को 60 फीसदी से अधिक की राशि नकद रूप में नहीं दी जाएगी।
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