Published - 28 Jan 2022 by Tractor Junction
केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा हैं। इन्हीं योजनाओं में एक किसान क्रेडिट कार्ड योजना है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाए जाते हैं। जिस किसान के पास ये क्रेडिट कार्ड होता है उसे बैंक के माध्यम से सस्ता ऋण उपलब्ध हो जाता है। बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। हर किसान को इसे बनवाना चाहिए ताकि उसे बैंक से सस्ता लोन मिल सकें। इस योजना की खास बात ये हैं कि इसमें यदि किसान समय पर लोन चुका देता है तो उसे आगे ऋण लेने पर ब्याज में छूट का फायदा दिया जाता है। इससे उसे बहुत ही कम ब्याज दर पर ऋण मिल जाता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसान भाइयों को बताएंगे कि वे कैसे इस योजना में ब्याज पर छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और इसका गणित क्या है? ताकि आप इस योजना से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकें।
देश के किसानों को खेती करने के लिए आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े और उन्हें सही समय पर खेती करने के लिए पैसे मिल जाएं, इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना को शुभारंभ अगस्त 1998 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा किया गया था। इससे किसानों को कर्जा मिल रहा है उसकी ब्याज दर कम होती है जिससे किसान आसानी से ऋण ले सकता है। इसमें किसान को 50 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाता है। इसके अलावा इस किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसान अपनी फसल का बीमा भी करवा सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 लाख रुपए तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है। यदि आप समय पर पैसा लौटा देते हैं तो ब्याज में 3 फीसदी की छूट मिलती है। इस तरह ईमानदार किसानों को 4 फीसदी ब्याज पर ही ऋण उपलब्ध हो रहा है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत केसीसी कार्ड धारकों को समय-समय पर अपना खाता का नवीनीकरण करवाना पड़ता है। जो किसान इसे नहीं करा पाते हैं उन्हें सब्सिडी का फायदा नहीं मिल पाता है और कई ऐसे बैंक है जो लोन के ब्याज साथ पेनल्टी भी लगाते हैं। उस केसीसी के खाते पर ब्याज दर सात फीसदी के बजाय 9 फीसदी तक लग जाता है। इतना नहीं प्रतिवर्ष यह ब्याज दर बढ़ती रहती है। कुछ मामलों और बैंकों में तीन वर्ष बाद ब्याज दर 14 फीसदी तक पहुंच जाता है। यदि आपने भी केसीसी से ऋण लिया है तो समय-समय पर खाता जरूर अपडेट कराएं ताकि आपको कम ब्याज पर लोन मिल सके।
किसान क्रेडिट कार्ड पर एक रुपए से लेकर तीन लाख रुपए तक कार्ड धारकों को 7 फीसदी की दर से ब्याज देना पड़ता है। यह ब्याज छह माही आधार पर (31 मई और 30 नवंबर को ) लगता है। इसके अलावा केसीसी कार्ड धारक को एक वर्ष के भीतर अपने खाते का नवीनीकरण करवाना चाहिए। नवीनीकरण कराने पर सब्सिडी के तौर पर तीन फीसदी ब्याज वापस मिल जाता है। इस तरह से जो किसान सही समय पर अपना लोन भरते हैं उन्हें चार प्रतिशत की दर से लोन मिलता है।
माना किसी किसान ने 3 लाख रुपए का केसीसी लोन लिया और वह उसका तीन वर्ष तक समय पर नवीनीकरण कराता रहा तो उसने 4 वर्ष में कुल ब्याज 12000x 4= 48000 रुपए का ब्याज भरता है, वहीं अगर कोई किसान लोन माफी के इंतजार में चार वर्षो तक एक रुपया भी नहीं भरता है तो उसका पहले वर्ष का ब्याज 3 लाख का 7 प्रतिशत 21000 रुपए होगा। जिसका (एक वर्ष बाद कुल मूलधन 321000) होगा। दूसरे वर्ष 9 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा। इसका मतलब 321000 का 9 प्रतिशत दूसरे साल 28890 होगा। इस तरीके से दूसरे वर्ष के बाद कुल मूलधन 349890 हो जाएगा। तीसरे वर्ष दूसरे वर्ष के मूलधन में ब्याज लगेगा। तीसरे वर्ष 11 प्रतिशत लगेगा। इस तरह से 349890 का 11 प्रतिशत से ब्याज 38487 हो जाएगा। इस तरह से तीसरे वर्ष के बाद कुल मूलधन 388377 होगा। चौथे वर्ष तीसरे वर्ष के मूलधन पर 14 प्रतिशत का ब्याज लगेगा। इस तरह से चौथे वर्ष का ब्याज 87472 हो जाएगा। और मूलधन 475849 हो जाएगा। यानि 3 लाख रुपए का कर्ज चार साल में बढक़र 475849 रुपए हो गया है। जिसमें 175849 रुपए ब्याज का देना होगा और मूल रकम 3 लाख रुपए भी चुकाना होगा। इस तरह समय पर लोन नहीं चुकाने पर आपको इतना नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यदि जिस किसान ने समय पर लोन का भुगतान किया उसे ब्याज के रूप में 48 हजार रुपए भरना पड़ा। जबकि दूसरी ओर जिस किसान ने समय पर भुगतान नहीं किया गया उसे ब्याज के तौर पर 175849 रुपए ब्याज भरना पड़ा। वहीं अगर इस रकम में बैंक द्वारा लिए जाने वाले दूसरे चार्ज जोड़ दिए जाए तो रकम 250000 के करीब हो जाती है। इसके अलावा आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो सकता है। जिसके चलते आगे आपको बैंक से लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
व्यक्तिगत खेती या संयुक्त कृषि कर रहे किसान इसके लिए पात्र मानें गए हैं। इसके अलावा पट्टेदार, बटाईदार किसान और स्वयं सहायता समूह भी इसका लाभ ले सकते हैं। बता दें अब केसीसी सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं है। पशुपालन व मछलीपालन के लिए भी इस योजना के तहत 2 लाख रुपए तक का कर्ज मिल सकेगा। खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है। खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति केसीसी के लिए आवेदन कर सकता है। केसीसी के लिए आवेदन की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल निर्धारित की गई है। यदि किसान की उम्र 60 साल से अधिक है तो एक को-अप्लीकेंट भी लगेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड दो तरीके से बनाया जा सकता है, जो इस प्रकार से हैं-
आप जिस बैंक से क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते हैं उस बैंक की वेबसाइट पर जाएं और उस बैंक के किसान क्रेडिट कार्ड सेक्शन पर जाएं। आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर प्रिंट कर लें। इस फॉर्म को सही-सही भर ले और मांगे गए दस्तावेज संलग्न करें। बता दें कि अधिकतर कॉमर्शियल बैंकों की वेबसाइट पर यह फॉर्म उपलब्ध हैं। किसान आवेदन और आवश्यक दस्तावेजों को निकटतम बैंक की शाखा में जमा करें। लोन अधिकारी आवेदक के साथ आवश्यक जानकारी साझा करेगा। इसके बाद लोन की राशि (लिमिट) मंजूर होते ही कार्ड भेज दिया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले किसान किसी भी वाणिज्यिक बैंक में जाकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसान बैंक के सक्षम अधिकारी से भी मिल सकते हैं। यहां आपको बैंक की ओर से फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। फॉर्म को पूर्ण रूप से सही-सही भरकर, मांगे गए दस्तावेजों को संलग्न कर बैंक में जमा कराना होगा। इसके बाद बैंक सत्यापन की कार्रवाई के बाद आपको क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करा देगा।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।