Published - 30 Nov 2021
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को कृषि संबंधी ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है ताकि किसानों को कम ब्याज दर पर बैंकों से ऋण उपलब्ध हो सके। किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी करने का कार्य में अब तेजी लाई जा रही है। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी का लाभ मिले। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों का क्रेडिट कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए सरकार की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। अभियान के तहत राज्य के 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
वर्ष 2019 से किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) को पशुपालन तथा मत्स्य पालन से जोड़ दिया गया है। अब किसानो के साथ ही पशुपालकों और मछली पालकों भी इसका लाभ उठा सकते हैं। अब किसान डेयरी, पशु एवं मछली पालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन ले सकते हैं। अधिक से अधिक मछली पालकों एवं पशुपालकों को किसाने क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान की शुरुआत कर दी है।
केंद्र सरकार के राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान के तहत मध्यप्रदेश में 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। मध्य प्रदेश सरकार आगामी 3 माह का विशेष अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा डेयरी, पशु एवं मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करेगी। बता दें कि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा 15 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 तक नेशनवाइड एनिमल हस्बेंडरी डेयरी एवं फिशरीज़ केसीसी केम्पैन चलाया जा रहा है। जिसके तहत मध्यप्रदेश सरकार ने भी केसीसी अभियान शुरू किया है। इसमें पशुपालन गतिविधियों के लिये प्रदेश के 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार की ओर से सभी संभागायुक्त और कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। केसीसी अभियान के तहत प्रदेश के सभी पात्र पशुपालकों और दुग्ध उत्पादक संगठनों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग जे.एन. कंसोटिया द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को शिविर आयोजित कर जांच-परख कर आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य में जिला स्तर पर किसान क्रेडिट कार्ड अभियान के लिए केसीसी समन्वय समिति गठित की जा रही है। सहकारी दुग्ध संघ के अधिकारी/कर्मचारी, उप संचालक से समन्वय स्थापित कर दुग्ध सहकारी समितियों से संबंधित पशुपालकों के आवेदन शिविर में प्रस्तुत करेंगे। वहीं दुग्ध संघ से इतर अन्य पशुपालकों के आवेदन उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे। प्राप्त आवेदन का चेकलिस्ट अनुसार मिलान कर पूर्ण पाए जाने पर आवेदक को पावती दी जाएगी। वहीं कमी रहने पर आवेदक को लिखित में अवगत कराया जाएगा।
सही आवेदनों का निराकरण 15 दिनों के अंदर हो जाएगा। केसीसीस स्कीम के तहत कोई भी किसान नजदीकी बैंक शाखा पहुंचकर बहुत आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकता है। सरकार ने किसानों की परेशानी को समझते हुए केसीसी आवेदन के लिए बहुत ही सरल फॉर्म जारी किया है। इसे भरने के बाद उन्हें महज 15 दिन में अपना किसान क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड से लिए गए कर्ज पर 3 लाख रुपए तक का सेवा शुल्क माफ कर दिया गया है। बता दें कि केसीसी के तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है। यही नहीं, समय पर पैसा लौटाने वाले किसानों को 3 फीसदी की छूट भी मिलती है। दूसरे शब्दों में कहें तो समय पर कर्ज लौटाने वाले किसानों को महज 4 फीसदी ब्याज दर पर ही रकम मिल रही है।
किसानों को क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
केसीसी किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से हासिल किया जा सकता है। देश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) और आईडीबीआई बैंक से भी केसीसी लिया जा सकता है। इसके अलावा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) रुपे केसीसी जारी करता है।
खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति केसीसी के लिए आवेदन सकता है। केसीसी के लिए आवेदन की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल निर्धारित की गई है। यदि किसान की उम्र 60 साल से अधिक है तो एक को-अप्लीकेंट भी लगेगा।
क्रेडिट कार्ड बनवाने में कोई समस्या आ रही हो तो किसान भाई केसीसी हेल्पलाइन नंबर 155261 / 011-24300606 और ग्राहक ईमेल pmkisan-ict@gov.in के जरिये हेल्प डेस्क से भी संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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