Published - 25 Mar 2022
किसानों को कृषि संबंधी कई कार्यों के लिए ऋण की आवश्यकता पड़ती है। कई किसान स्थानीय साहूकारों से ऋण लेते हैं लेकिन उनकी ब्याज दर ऊंची होती है जिससे उन्हें ब्याज के रूप में अधिक राशि चुकानी पड़ती है। ऐसे में सरकार की ओर से सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर अल्पकालीन और दीर्घकालीन ऋण प्रदान किए जाते हैं। कई किसान समय पर ऋण चुका देते हैं और कई किसान किसी कारणवश समय पर ऋण नहीं चुका पाते हैं। जो किसान समय पर ऋण चुका देते हैं। ऐसे किसानों के लिए राजस्थान सरकार ब्याज अनुदान योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से किसानों द्वारा लिए गए ऋण पर अदा किए जाने वाले ब्याज में 5 प्रतिशत की सब्सिडी यानि छूट दी जा रही है। अब समय पर ऋण अदा करने वाले किसानों को इस छूट का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बता दें कि ये ब्याज सब्सिडी या छूट केवल दीर्घकालीन ऋण के लिए ही दी जाएगी।
मीडिया रिपोट्स से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रदेश में किसानों के लिए प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से वितरित दीर्घकालीन कृषि लोन पर 5 प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत दीर्घकालीन कृषि ऋणों की किश्तों को नियमित चुकाने वाले किसानों को ब्याज दर में 5 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस ब्याज अनुदान योजना में उन्नत किस्म के पशु खरीदने के लिए विभिन्न ऋण यथा डेयरी ऋण, भेंड, बकरी पालन का ऋण आदि ऋण शामिल है। आंजना ने बताया कि इन ऋणों पर भी राज्य सरकार द्वारा ब्याज दर में 5 प्रतिशत का ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
मंत्री ने विधानसभा में कहा कि अल्पकालीन फसली सहकारी साख नीति के तहत किसानों को दिया जाने वाले ऋण वितरण का कार्य ऑनलाइन होने के बाद विलंब नहीं हुआ है। आंजना ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि तत्कालीन समय में कर्ज माफी हुई। इससे पूर्व ऋण माफी में बहुत घपला हुआ था, इसलिए ऑनलाइन लोन वितरण में 2-3 महीने का समय लगा। उन्होंने कहा कि जब से यह कार्य ऑनलाइन हुआ है, तब से लोन वितरण में विलंब नहीं हुआ है तथा कोई नुकसान भी नहीं हुआ है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि बैंकों की ओर से दी जाने वाली क्रेडिट एमसीआई के आधार पर निर्धारित होती है। बैंकों के पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर किसानों को दी जाने वाली क्रेडिट सीमा निर्धारित होती है। उन्होंने माना कि वर्तमान में बैंकों द्वारा अधिकतम साख सीमा तक कृषि लोन नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले आंजना ने विधायक अभिनेष महर्षि के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि वर्तमान में विभाग द्वारा 11 जुलाई 2018 को जारी की गई।
अल्पकालीन फसली सहकारी साख नीति (संशोधित) में केंद्रीय सहकारी बैंकों से संबद्ध ग्राम सेवा सहकारी समिति/लैम्पस के कार्यक्षेत्र में निवास करने वाले खातेदार भूमिधारक अथवा बटाईदार सदस्यों को अल्पकालीन फसली ऋण वितरण का प्रावधान पूर्व से ही मौजूद है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में माह जुलाई, 2019 से अल्पकालीन फसली ऋण वितरण प्रारंभ हुआ था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही ऋण वितरण समय पर शुरू कर दिया गया और आगे भी समय पर ऋण का वितरण किया जाएगा।
किसानों को कृषि कार्यों के लिए ऋण की आवश्यकता होती है किसानों को यह ऋण सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दिया जाता है। यह ऋण दो तरह के होते हैं जिसमें एक होता है। इसमें पहला अल्पकालीन फसली ऋण होता है, जो खरीफ या रबी फसलों के लिए कृषि आदानों (खाद, बीज) के लिए लिया जाता है और दूसरा ऋण दीर्घकालीन कृषि ऋण होता है, जो किसान कृषि संसाधनों जैसे ट्रैक्टर, सिंचाई यंत्र, नलकूप, डेयरी, भूमि सुधार आदि कार्यों के लिए लेते हैं।
अल्पकालीन ऋण वे होते है जो 6 महीने से 15 महीनों के लिए दिया जाता है इनकी मांग मुख्यत: खाद व बीज खरीदने मजदूरी चुकाने और ब्याज आदि का भुगतान के लिए की जाती है इनका भुगतान फसल कटने के बाद प्राय: कर दिया जाता है। जबकि दीर्घकालीन लोन वे है जो 5 वर्ष से अधिक अवधि के लिए दिए जाते हैं।
राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को एक अप्रैल से कम ब्याज दर पर फसली ऋण प्रदान करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार इस साल राज्य के 5 लाख किसानों को करीब 20 हजार करोड़ का ऋण बांटेगी। इस संबंध में राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा है कि एक अप्रैल से किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण की शुरुआत की जाएगी। राज्य के इतिहास में लोन वितरण का यह सर्वाधिक लक्ष्य होगा। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। यह जानकारी बीते दिनों मंत्री आंजना ने जयपुर स्थित शासन सचिवालय के मंत्रालय भवन में विभागीय अधिकारियों की बैठक में दी थी।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 17 हजार 24 करोड़ रुपए का फसली ऋण बांटा जा चुका है। सीएम अशोक गहलोत ने अलग से पेश किए गए कृषि बजट में ऐलान किया था कि उनकी सरकार साल 2022-23 के दौरान 5 लाख किसानों को रिकॉर्ड 20,000 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण देगी। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
राजस्थान में वर्ष 2012-13 से किसानों को शून्य प्रतिशत के ब्याज पर फसली ऋण दिया जा रहा है। वर्ष 2021-22 के वित्त वर्ष में राज्य के किसानों को 25,000 करोड़ रुपए का फसली ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था। 23 दिसंबर तक खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर 23 हजार 500 करोड़ रुपए तक का फसली ऋण किसानों को दिया जा चुका है। योजना के तहत 2.57 लाख नए किसानों को पिछले वर्ष जोड़ा गया है। वहीं बजट 2022-23 में मुख्यमंत्री ने इस योजना को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत 5 लाख किसानों को 20 हजार करोड़ का ऋण बांटा जाएगा।
राजस्थान राज्य का कोई भी क्रेडिट कार्ड धारक किसान इस कृषि ऋण को राज्य सरकार के सहकारी बैंक से प्राप्त कर सकता है। इस योजना को फसल ऋण कहा जाता है। खास बात है कि किसानों को इस लोन पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है। बता दें कि किसानों को क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपए तक का फसली ऋण बिना ब्याज के मुहैया कराया जाता है। वहीं किसान क्रेडिट कार्ड से 3 लाख रुपए तक का ऋण लिया जा सकता हैं।
सहकारी बैंक से दिए जाने वाले फसली ऋण वर्ष भर में दो बार दिया जाता है। यह ऋण समय पर चुकाने पर ब्याज नहीं देना होता है। राजस्थान के सहकारिता मंत्री ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता बैंकों द्वारा वितरित होने वाला अल्पकालीन फसली ऋण खरीफ सीजन में 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक दिया जाता है तथा रबी सीजन में 1 सितंबर से 31 मार्च तक किसानों को वितरित किया जाता है।
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