प्रकाशित - 20 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब ऋणी किसान भी सहकारी समिति से नकद खाद और बीज खरीद सकेंगे। सहकारी समिति ने किसानों के लिए नकद खाद और बीज बेचने का फैसला किया है। पिछले साल खाद व उर्वरक की कमी को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को रबी सीजन में खाद की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया है। इसके तहत किसानों को सस्ती दर पर खाद व बीज मुहैया कराए जाएंगे।
हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से उन किसानों को राहत दी गई है, जिन्होंने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से ऋण ले रखा और उनका ऋण बकाया है। ऐसे किसान भी सहकारी समितियों से नकद में खाद व बीज खरीद सकेंगे। इससे राज्य के लाखों किसानों को फायदा होगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में कई ऐसे किसान हैं जिन्होंनें सहकारी समितियों से कर्ज ले रखा है पर वे इसके सदस्य नहीं है। पहले ये व्यवस्था थी कि सहकारी समितियों यानि पैक्स के सदस्य किसान ही सहकारी समिति से खाद-बीज खरीद सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब जो किसान इसके सदस्य नहीं हैं वे भी सहकारी समिति से नकद में खाद व बीज की खरीद कर सकेेंगे। इस संबंध में मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग की ओर से सभी प्राथमिक कृषि साख समितियों को, किसानों को रासायनिक उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता को निर्देश दिए गए थे जिस पर सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने विभागीय अधिकारियों को काम करने के लिए कहा है।
पहले ऋण न चुकाने पर किसानों को काफी नुकसान होता था। उन्हें सरकारी समितियों से खाद व बीज उपलब्ध नहीं हो पाता था। इससे उन्हें मजबूरन बाजार से अधिक कीमत खाद व बीज खरीदता पड़ता था जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। वहीं नकली खाद व बीज का भी डर बना रहता था। अब इन किसानों को सहकारी समितियों से उच्च क्वालिटी की खाद और बीज उपलब्ध हो सकेंगे।
आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कई सहकारी समितियां खाद का अधिक मात्रा में भंडारण नहीं कर पाती हैं, इसे को देखते हुए सरकार की ओर से विपणन संघ को निर्देश दिए गए हैं कि सहकारी समितियों को क्रेडिट पर 25 टन उर्वरक दिया जाए ताकि कमजोर सहकारी समितियां भी किसान को उर्वरक उपलब्ध करा सकेंं। इसी 25 टन उर्वरक बेचने के बाद समितियों के पास प्राप्त राशि से वह फिर से उर्वरक खरीद कर पुन: उसका भंडारण करने करने में समक्ष होगी। इससे किसानों को लगातार उर्वरक की उपलब्धता बनी रहेगी जिससे किसानों को उर्वरक के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
पिछले साल रबी सीजन में उर्वरक की कमी से राज्य के किसान काफी परेशान हुए थे। इसके लिए प्रदेश में काफी हाहाकार मचा था। किसान रात-रात भर जाग कर खाद के लिए लंबी-लंबी कतार लगा लेते थे। यहां के दतिया, ग्वालियर, भिंड, डिंडोरी, सहित कई जिलों में खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी कतारें देखने मिली थी। ऐसी स्थिति इस रबी सीजन में न हो, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से पहले से ही तैयारियां की जा रहीं हैं ताकि राज्य के किसानों को खाद व उर्वरक के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े।
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