प्रकाशित - 11 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान परंपरागत फसलों की खेती के अलावा सब्जियों की खेती से भी काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें शिमला मिर्च की खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है। खास बात ये हैं कि इसकी खेती के लिए सरकार से भी अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है। इसकी खेती के लिए यूपी सरकार 37500 का अनुदान देती है। इसके अलावा इसकी बाजार मांग भी अच्छी बनी रहती है इससे इसके भावों में कम ही उतार-चढ़ावा देखा जाता है। इससे इसकी खेती में अधिक लाभ की संभावना रहती है। यूपी के हरदोई में कई किसान इसकी खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
हरदोई जिले के किसान शिमला मिर्च की खेती करके अच्छा-खासा लाभ कमा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में ऐसे कई किसान हैं जो शिमला मिर्च की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। यहां के किसानों की पैदा की गई शिमला मिर्च दिल्ली से लेकर आगरा तक जा रही है। शिमला मिर्च की खेती कर रहे हरदोई के एक किसान कमल कहना है कि यह बेहतर मुनाफा देने वाली खेती है। इसकी खेती करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
किसान ने बताया कि उन्होंने काफी समय से परती पड़े एक हेक्टेयर खेत में गोबर की खाद डालने के बाद में उसकी जुताई की। उसके बाद पाटा लगाकर खरपतवार को बाहर निकाल कर खरपतवार और बैक्टीरिया नाशक दवाओं का छिडक़ाव किया और शिमला मिर्च की खेती शुरू कर दी। कमल ने बताया कि इसकी खेती में वो ड्रिप इरीगेशन विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस विधि से पानी की बचत के साथ ही बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
सब्जियों की खेती के लिए अलग-अलग राज्य सरकारें अपने नियमानुसार सब्सिडी लाभ प्रदान करती हैं। इससें शिमला मिर्च की खेती के लिए भी अनुदान का लाभ किसानों को दिया जाता है। बता करें उत्तरप्रदेश की तो यहां सरकार किसानों को शिमला मिर्च की खेती करने के लिए 70 प्रतिशत तक अनुदान देती है। इसके तहत डेढ़ हैक्टेयर में शिमला मिर्च की खेती करने पर किसानों को करीब 37500 रुपए का अनुदान दिया जाता है। हरदोई के किसान सरकारी सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर शिमला मिर्च की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इधर बिहार में शिमला मिर्च की खेती के लिए किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। यहां के किसानों को सरकार की ओर से 2,000 वर्ग मीटर में शेड नेट तैयार करने के लिए 75 प्रतिशत का अनुदान दे रही है। 2,000 वर्ग मीटर के शेड नेट तैयार करने में 25 लाख रुपए का खर्च आता है इसमें राज्य सरकार किसानों को 18.75 लाख रुपए की सब्सिडी देती है।
शिमला मिर्च की खेती किसी प्रकार की जलवायु में की जा सकती है। इसकी खेती में मात्र 75 दिन में उत्पादन मिलना शुरू हो जाता है। इसकी खेती के लिए खेत में क्यारियां बनाई जाती हैं। इसमें इसकी रोपाई की जाती है। समय पर खाद, पानी और कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव करके इसका बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। शिमला मिर्च की खेती के लिए भूमि का पीएच मान 6 होना चाहिए। वहीं तापमान की बात करें तो शिमला मिर्च का पौधा 40 डिग्री तक तापमान सह सकता है। एक हेक्टयेर में 300 क्विंटल तक शिमला मिर्च का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
वर्तमान में शिमला मिर्च की जो किस्में अधिक प्रचलन में जिसकी खेती किसानों द्वारा की जा रही है। उनमें कैलीफोर्निया वंडर, येलो वंडर, रायल वंडर, ग्रीड गोल्ड, भारत अर्का बसंत, अर्का गौरव, अर्का मोहिनी, इंद्रा, बाम्बे लारियों एवं ओरोबेली, आशा, हीरा आदि किस्में प्रमुख रूप से शामिल हैं।
शिमला मिर्च का बाजार में भाव अच्छा मिलता है। इसके भावों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है। होटलों, मॉल्स और ढाबों में इसकी मांग अधिक होने से इसकी बाजार कीमत भी अच्छी मिलती है। इस समय बाजार में शिमला मिर्च 100 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है।
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