प्रकाशित - 01 Dec 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने कृषि यंत्र अनुदान योजना (agricultural equipment grant scheme) चला रखी है। इस योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी कृषि यंत्र के लागत मूल्य पर दी जाती है। जबकि किसान को जीएसटी (GST) व अन्य टैक्स स्वयं देना होता है।
इस संबंध में हाल ही में यूपी में चल रहे विधानसभा सत्र में राज्य में कृषि यंत्रों पर लगने वाले जीएसटी (GST) को लेकर जानकारी मांगी गई। इसके जवाब में राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विधानसभा में बताया कि जीएसटी व्यवस्था के तहत खेती में उपयोग में आने वाले विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों को शामिल किया गया है। इसमें कुछ कृषि यंत्रों पर जीएसटी की दरें (GST rates) निर्धारित की गई है। इसमें हार्वेस्टिंग, थ्रेशिंग मशीन और ट्रैक्टर जैसे मोटर से संचालित होने वाले कृषि यंत्रों को शामिल किया गया है। इन यंत्रों की खरीद पर किसानों को जीएसटी (GST) देना होता है।
कृषि यंत्रों पर कितना जीएसटी लगता है, इस सवाल का जबाब देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि हार्वेस्टिंग, थ्रेशिंग मशीन और ट्रैक्टर जैसे मोटर से संचालित होने वाले कृषि यंत्रों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। कृषि यंत्रों पर जीएसटी समाप्त करने की बात पर कृषि मंत्री ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279 (A) की उपधारा 4 के अंतर्गत वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन के संबंध में जीएसटी काउंसिल द्वारा निर्णय लिया जाता है। इस काउंसिल में सभी राज्यों एवं केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व है। जीएसटी की दरों में किसी प्रकार के परिवर्तन के संबंध में निर्णय काउंसिल की बैठक में विचार-विमर्श के बाद ही लिए जाते हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि हाथ से या पशु चालित कृषि उपकरण जैसे- कुदाल, फावडे, मटके, गैंती, कांटे और रेक, कुल्हाड़ी, बिल हुक, हंसिया, घास काटने का चाकू, बाड़ काटने की कैंची, लकड़ी की कीलें आदि कृषि उपकरणों को जीएसटी से बाहर रखा गया है। इन यंत्रों की खरीद पर किसानों को जीएसटी नहीं देना होता है।
जीएसटी का अर्थ है, वस्तु एवं सेवा कर जो ग्राहक को वस्तुओं की खरीद करने या सेवाओं के इस्तेमाल पर चुकाना होता है। इसे अंग्रेजी में Goods and Services Tax कहते हैं। इसे ही संक्षेप में GST कहा जाता है। सरकार की ओर से अलग-अलग वस्तुओं या सेवाओं के लिए अलग-अलग दर से GST निर्धारित किया गया है। इस टैक्स का निर्धारण जीएसटी परिषद द्वारा किया जाता है। यह जीएसटी पूरे भारत में एक टैक्स के रूप में लागू किया गया है।
जुताई के काम आने वाले कृषि यंत्रों या मशीनरी, हार्वेस्टिंग या थ्रेसिंग मशीन, इसमें पुआल या चारा बेलर मशीन भी शामिल है, घास व झाड़ियों को काटने की मशीन, यांत्रिक या तापीय उपकरणों से युक्त अंकुरण संयंत्र सहित अन्य प्रकार के कृषि यंत्रों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होता है। जबकि फलों या अन्य कृषि उपज की सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग की मशीनों, बीज, अनाज या सूखी फलीदार सब्जियों की सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग की मशीनों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
यदि आप ट्रैक्टर की खरीद करते हैं तो आपको 12 प्रतिशत तक की दर से जीएसटी देना होता है। उदाहरण के लिए किसान 5 लाख रुपए की कीमत का ट्रैक्टर खरीदता है तो उसे 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा। इस तरह किसान को 5 लाख का ट्रैक्टर खरीदने पर 60,000 रुपए जीएसटी के रूप में चुकाना होगा। इस तरह किसान को यह ट्रैक्टर 5 लाख 60,000 रुपए का पड़ेगा। इसी प्रकार ट्रैक्टर से चलने वाले सभी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी 12 प्रतिशत की दर से GST लगता है। वहीं ट्रैक्टर के पार्ट्स पर 18 प्रतिशत की दर सेजीएसटी चुकाना होता है।
किसानों को ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार की ओर से सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है ताकि किसानों को सस्ती कीमत पर आधुनिक कृषि यंत्र मिल सकें। कृषि यंत्रों या कृषि मशीनरी खरीदने के लिए अलग-अलग राज्यों में वहां के नियमों के अनुसार सब्सिडी का लाभ किसानों को दिया जाता है। यदि बात की जाए मध्यप्रदेश की तो यहां किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए 20 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। यूपी में किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि मशीनरी खरीदने के लिए 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। यहां ट्रैक्टर खरीदने के लिए किसानों को एक लाख रुपए तक का अनुदान मिल सकता है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में वहां के नियमों के अनुसार सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। बता दें कि ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (subsidy) का लाभ किसानों को इसके लागत मूल्य पर दिया जाता है जबकि GST विक्रय मूल्य पर चुकाना होता है।
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