प्रकाशित - 16 Dec 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास में जुटी हुई है। इसके लिए सरकार की ओर से कई नए फैसले लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं जो नए साल 2023 से लागू हो जाएंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ अब पहले और जल्दी मिलने लगेगा। इससे किसानों को लाभ हाेगा।
दरअसल हाल ही नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में आयोजित हुई राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड मंडल की 32वीं बैठक् की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने निर्णय लिया कि किसानों के लिए बागवानी परियोजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा ताकि किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ त्वरित गति से मिल सके। इसके अलावा बैठक में कई अन्य निर्णय भी लिए गए जिससे किसानों को लाभ होगा। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के निदेशक मंडल की 32वीं बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री की ओर से किसानों के हित में लिए गए अहम निर्णय की जानकारी साझा कर रहे हैं। तो बने रहिये हमारे साथ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के निदेशक मंडल की 32वीं बैठक केंद्रीय कृषि मंत्री तथा बोर्ड अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई। इसमें निर्णय लिया गया है कि किसानों के लिए बागवानी परियोजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। इसके तहत स्वीकृति की प्रक्रिया दो चरण के बजाय अब एक ही बार में पूरी कर ली जाएगी और यह पूरी तरह से डिजिटली होगी। इतना ही नहीं इसमें कम से कम दस्तावेजों की जरूरत रहेगी, जिससे किसानों को परेशानी नहीं होगी। गौरतलब है कि अभी तक जो अनेक परियोजनाएं करीब 6 से 8 महीने की समय अवधि में स्वीकृत हो पाती थी, वे अब मात्र 45 दिनों में ही मंजूर कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया पर अनुवर्ती कार्यवाही के रूप में, योजना डिजाइन, आवेदन फाइलिंग, डॉक्यूमेंटेशन तथा मंजूरी प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है। नया सरल डिजाइन एक जनवरी 2023 से लागू होगा।
बैठक में एनएचबी की एक नई पहल- स्वच्छ पौध कार्यक्रम के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। इसके स्कीम तहत एशियन विकास बैंक (एडीबी) की सहायता से 2100 करोड़ रुपए के खर्च से किसानों के लिए पौधारोपण सामग्री की उपलब्धता की समस्या हल की जाएगी। इससे, विशेषकर व्यवसायिक रूप से महत्वपूर्ण अनेक फलों के लिए रोपण सामग्री की अधिकतर परेशानियों का समाधान हो सकेगा।
बैठक् में बताया गया कि एनएचबी के तहत जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक नया विभाग बनाया गया है, जिससे जैविक क्षेत्र के सभी पहलुओं जैसे योजनाओं का पर्यवेक्षण-निगरानी, क्षेत्र विस्तार-उत्पादन, मूल्य श्रृंखला विकास के लिए बाजार को बढ़ावा देना व बुनियादी ढांचा तैयार करना आदि पर काम किया जाएगा।
कृषि भवन में हुई बैठक में बागवानी बोर्ड के प्रोजेक्ट्स के साथ कृषि अवसंरचना कोष के के तहत आबंटन की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत सरकार की ओर से देशभर में 18,133 प्रोजेक्ट चालू किए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने 13,681 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है। इस स्कीम के तहत देशभर में गोदामों, कोल्ड स्टोरों का निर्माण और नवीनीकरण के कार्य किए जाएंगे जिससे फल, सब्जी और कृषि उत्पादों में नुकसान को कम किया जा सकेगा। इस स्कीम के तहत मंजूर हुए कई प्रोजेक्ट्स पर काम चालू हो चुका है। इसमें 8076 गोदाम, 2788 प्रोसेसिंग यूनिट, 1860 कस्टम हायरिंग केंद्र, 937 छंटाई और ग्रेडिंग यूनिट, 696 कोल्ड स्टोरेज, 163 टेस्ट यूनिट और 3613 पोस्ट हार्वेल्स मैनेजमेंट यूनिट्स बनाई जाएंगी।
देश के किसान कृषि अवसंरचना कोष स्कीम में आवेदन करके फलों की ग्रेडिंग, पॉलीहाउस, ड्रोन और कृषि मशीनरी खरीदने के लिए भी पैसा ले सकते हैं। इस स्कीम के तहत कृषि आधारित उद्योगों के निर्माण के लिए 2 करोड़ का ऋण बैंक से मिल सकता है। इस ऋण पर ब्याज दर सरकार की ओर से 3 फीसदी की छूट दी जाती है।
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