Published - 22 Apr 2022 by Tractor Junction
राष्ट्रीय स्तर पर चल रही पीएम सिंचाई योजना के तहत देश के सभी राज्यों के किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। पीएम सिंचाई योजना के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है ताकि उन्हें कम खर्च पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सके। ऐसे में पीएम सिंचाई योजना के तहत बिहार के 22 जिलों में राज्य सरकार की ओर से 6578 बोरबेल और पंपसेट लगाए जाएंगे ताकि किसानों को सिंचाई कार्य में सुविधा हो सके। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से करीब 2657 लाख रुपए खर्च किए जाऐंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- बिहार सरकार राज्य के किसानों को खेत पर ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रही है। इसके लिए किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं और अब सरकार की ओर से जिन किसानों के खेत में बोरबेल और पंपसेट नहीं है, उनके खेत में बोरबेल और पंपसेट लगाने का काम किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से राज्य के ऐसे 22 जिलों को चिह्नित कर लिया है जहां के किसानों को सिंचाई कार्य के लिए बोरबेल और पंपसेट की सुविधा दी जाएगी।
पीएम सिंचाई योजना के तहत बिहार के किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए करीब 2657 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें 1594 लाख रुपए केंद्र सरकार खर्च करेगी। वहीं शेष अपनी हिस्सेदारी के 1063 लाख रुपए बिहार राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाएंगे। किसानों के खेतों में बोरबेल और पंप लगाने के बाद वे उन्हें सिंचाई कार्य में आसानी होगी।
बिहार में 4.50 लाख किसानों को तीन साल के अंदर बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। इसको लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसे लेकर बिजली विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। किसानों को सीधे पंप सेट में कनेक्शन दिए जाएंगे। बिहार राज्य सरकार का उद्देश्य सभी किसानों को बिजली कनेक्शन देना है ताकि वे अपने सिंचाई कार्य को बिना किसी बाधा के पूरा कर सके।
बिहार सरकार की ओर से पिछले दिनों पंप सेटों की गणना की गई थी। इसमें पता चला कि वर्तमान में राज्य में करीब 7 लाख से अधिक पंप सेट हैं जो सिंचाई में प्रयोग किए जा रहे हैं। अब बिहार सरकार की ओर से उन किसानों को बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे जिनकेे खेत में पंपसेट और बोरबेल लगाए जाने हैं।
बिहार में कुल डेढ़ करोड़ किसान है। इनमें से करीब 3 लाख किसानों के पास ही बिजली कनेक्शन है। बिजली विभाग की ओर से मई तक प्रदेश के 3.45 किसानों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाए जाएंगे। इधर बिजली कंपनियां कृषि कनेक्शनों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति करने के लिए समर्पित फीडर तैयार कर रही है जिससे ही किसानों को कनेक्शन दिया जाएगा। वहीं बिजली विभाग केंद्र प्रायोजित योजना आरडीएसएस के माध्यम से ट्रांसफमर और लो टेंशन लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है।
पीएम कृषि सिंचाई योजना साल 2015 में शुरू की गई थी। ये यह एक प्रमुख सिंचाई योजना है। पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके तहत हर प्रदेश सरकार निर्धारित दर पर सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। इस योजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी शासन द्वारा प्रदान की जाती है।
पीएम कृषि सिंचाई योजना के इसके तहत कई प्रकार की सिंचाई से संबंधित कई गतिविधियों के लिए राज्य सरकारों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण के दो प्रमुख घटक शामिल हैं- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और हर खेत को पानी। एचकेकेपी, में चार उप-घटक हैं जिसमें कमान क्षेत्र विकास (सीएडी), सतह लघु सिंचाई (एसएमआई), जलस्रोतों का उद्धार, सुधार और बहाली (आरआरआर) तथा भूजल विकास शामिल हैं। इसके अलावा भूमि-जल विकास वाले हिस्से को भूमि संसाधन विकास द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। पीएमकेएसवाई का दूसरा घटक, यानी प्रति बूंद अधिक फसल को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग क्रियान्वित कर रहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को वर्ष 2021 से पांच वर्ष बढ़ाकर वर्ष 2026 तक के लिए चलाने का फैसला लिया है। इस फैसले से 22 लाख किसानों को फायदा होगा। इस योजना पर कुल लागत 93,068 करोड़ रुपए आने का अनुमान है। बता दें कि 2015 में जब ये पीएम सिंचाई योजना शुरू हुई थी, तब केवल 6.5 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर ही सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध थी। इसके बाद इसका विस्तार होता गया और आने वाले समय में देश के कुुल 8 करोड़ हैक्टेयर में क्षेत्र को सिंचाई सुविधाओं से जोडऩे की दिशा में कार्य चल रहा है।
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