प्रकाशित - 23 Jul 2024
सरकार की ओर से किसानों के लिए बहुत सी लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में एक योजना कृषि ड्रोन पायलट योजना (agricultural drone pilot scheme) है। इसक तहत सरकार 10वीं पास लोगों को ड्रोन उठाने की ट्रेनिंग दे रही है। कृषि ड्रोन का खेती में इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। कृषि ड्रोन की सहायता से बड़े से बड़े खेत में फसलों पर कीटनाशक छिड़काव कुछ ही समय में कर लिया जाता है। यदि वहीं कार्य हम स्वयं करते हैं तो उसमें काफी समय लग जाता है। इसलिए आधुनिक खेती में ड्रोन का उपयोग किया जाने लगा है। खास बात यह है कि कृषि ड्रोन ट्रेनिंग में 10वीं पास लोगों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे उनकी इनकम बढ़ेगी इसमें युवा-किसानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
प्रदेश में हाईटेक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग की ओर से 10वीं पास लोगों को कृषि ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में दी जा रही है। यह प्रशिक्षण 6 दिन का होगा। इसके लिए फीस भी निर्धारित की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा रिमोट पायलट का आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण की फीस 50 हजार रुपए रखी गई है। लेकिन चयनित लोगों को 9,300 रुपए ही शुल्क देना होगा। इस राशि में 5,000 रुपए प्रशिक्षण और 4,300 रुपए आवास व खाने का शुल्क रखा गया है। शेष निर्धारित शुल्क राशि का 50 प्रतिशत कृषि विभाग और 50 प्रतिशत विश्वविद्यालय वहन करेगा।
कृषि ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए कुछ योग्यता और पात्रता निर्धारित की गई हैं। योजना के तहत जो पात्रता और योग्यता रखी गई हैं, वे इस प्रकार से हैं-
यदि आप राजस्थान से हैं तो आप इस ड्रोन पायलट प्रशिक्षण में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदन राज किसान साथी पोर्टल अथवा राज किसान सुविधा ऐप के माध्यम से किया जा सकता है। आवेदन फॉर्म के साथ दसवीं और इसे समकक्ष मार्क शीट स्कैन करके अपलोड करनी जरूरी है। वहीं कृषि उत्पादक संगठन, कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा नामित होने की स्थिति में आवेदक को संगठन या केंद्र की ओर से नामित किए जाने का प्रमाण पत्र की प्रति भी स्कैन करके अपलोड करनी होगी। ऐसे उम्मीदवारों को प्रशिक्षण में प्राथमिकता दी जाएगी।
किसानों व कृषि उत्पादक संगठनों, कस्टम हायरिंग केंद्र को कृषि ड्रोन खरीदने लिए सब्सिडी दी जाती है। इसके तहत किसानों और कस्टम हायरिंग सेंटर को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इस तरह सरकार की ओर से 10 लाख के ड्रोन पर 4 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है। किसानों को 10 लाख की कीमत वाला ड्रोन मात्र 6 लाख रुपए में मिल जाता है।
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