प्रकाशित - 13 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
फसलों की अधिक पैदावार के लिए मिट्टी में पोषक तत्वों का होना जरूरी है। इसके लिए किसानों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों के लिए खाद व उर्वरक पर सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से भूमि में जिप्सम (gypsum) की कमी को दूर करने के लिए किसानों को जिप्सम पर सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार की ओर से वे किसान सब्सिडी (subsidy) पर जिप्सम लेकर अपने खेत में छिड़काव कर सकते हैं जिनके खेत की मिट्टी में जिप्सम की कमी है। इससे भूमि के स्वास्थ्य में सुधार होगा और फसलों की पैदावार भी अच्छी होगी। जिप्सम से न केवल क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है, बल्कि इसके उपयोग से फसलों की पैदावार और क्वालिटी दोनों बढ़ाई जा सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को जिप्सम पर सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है।
जिप्सम (gypsum) एक प्राकृतिक द्वितीयक खनिज है। रासायनिक रूप में यह कैल्शियम सल्फेट (CaSO42H2O) के नाम से जाना जाता है। इसमें सामान्यत: 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम और 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है। कृषि में यह क्षारीय भूमि के सुधार व पोषक तत्व के रूप में उपयोगी पाया गया है। क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाने और इससे अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिप्सम का उपयोग लाभदायक होता है। पोषक तत्व के रूप में इसका उपयोग तिलहन, दलहन और गेहूं की फसलों में किया जाए तो इससे उनकी क्वालिटी और उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है।
राज्य सरकार की योजना के तहत वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 20,000 किसानों को क्षारीय भूमि सुधार एवं पोषक तत्व के रूप में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission) दलहन एवं गेहूं के तहत दलहनी और गेहूं की फसलों में उपयोग के लिए जिप्सम का वितरण किया जाएगा जिस पर सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी।
कृषि विभाग दौसा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को क्षारीय भूमि सुधार के लिए जिप्सम (gypsum) पर शत-प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है जो अधिकतम 0.5 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए दिया जाएगा। किसानों को जिप्सम की मांग के अनुसार अधिकतम 1.50 मैट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय कृषि विकास के अंतर्गत संचालित सॉयल हैल्थ फर्टिलिटी कम्पोनेंट के तहत भूमि के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर एक किसान को अधिकतम दो हैक्टेयर क्षेत्र के लिए भूमि की जिप्सम मांग रिपोर्ट के अनुसार प्रति हैक्टेयर अधिकतम 5 मैट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध कराया जा सकेगा। राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत दलहन फसलों में जिप्सम 250 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम 750 रुपए प्रति हैक्टेयर प्रति किसान अधिकतम 2 हैक्टेयर तक अनुदान दिया जाएगा।
राजस्थान सरकार की ओर से राज्य के किसानों को जिप्सम (gypsum) की मांग के लिए राज किसान साथी- सुविधा एप के जरिये आवेदन करना होगा। इसके लिए किसान जनआधार (Janaadhaar) नंबर से लॉगिन कर एप पर अपनी जिप्सम की मांग भेज सकते हैं। भूमि सुधार कार्यक्रम (Land Reform Programme) के लिए जिप्सम की मांग के साथ ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Laboratory) से प्राप्त जिप्सम मांग रिपोर्ट जो छह माह से अधिक पुरानी नहीं हो, उसे अपलोड करना होगा। जिप्सम पर सब्सिडी (subsidy on gypsum) की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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