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किसानों के लिए खुशखबरी: धान की खरीद पर 500 रुपए बोनस देगी सरकार

प्रकाशित - 23 Sep 2024

धान बोनस के लिए 2500 करोड़ रुपए की राशि का किया आवंटन

सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनके लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका उन्हें लाभ मिल रहा है। इसी कड़ी में अब राज्य सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद (Purchase of Paddy) पर 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस (Bonus) देने का फैसला किया है। इससे राज्य में धान की खेती (Paddy Cultivation) करने वाले किसानों को लाभ होगा। यह बोनस किसान को धान की बेहतरीन किस्म के उत्पादन पर दिया जाएगा। किसानों को धान पर बोनस देने के लिए इस पर होने वाले खर्च के लिए राज्य सरकार ने 2,500 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दे दी है।  

राज्य सरकार के अनुमान के मुताबिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी (MSP) के अलावा प्रति एकड़ करीब 10,000 रुपए दिए जाएंगे। ऐसे में 2500 करोड़ रुपए का आवंटन धान की सरकारी खरीद के लिए किए गए आवंटन के अतिरिक्त है।

राज्य के किसानों से कितना है धान खरीदने का लक्ष्य

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि राज्य सरकार किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए का बोनस भी देगी। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस खरीफ सीजन में राज्य में कुल 154 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन होगा। इसमें से 80 लाख मीट्रिक टन धान की एमएसपी (MSP) पर खरीद की जाएगी। धान की एमएसपी पर खरीद शुरू करने को लेकर मंडियों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इससे किसानों को अपनी फसल एमएसपी (MSP) बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी। सरकार को उम्मीद है कि सरकारी खरीद केंद्रों पर आने वाले 80 लाख मीट्रिक टन धान में से 50 लाख मीट्रिक टन धान सुपरफाइन किस्म (Paddy Superfine Variety) का होगा। राज्य सरकार को राशन दुकानों और सरकारी छात्रावासों के माध्यम से वितरण के लिए 36 लाख मीट्रिक टन धान सुपरफाइन चावल की जरूरत है। राशन की दुकानों पर सुपरफाइन चावल वितरण करने की योजना है ताकि उपभोक्ताओं को अच्छा चावल उपयोग के लिए मिल सके।

किन किसानों को मिलेगा धान पर बोनस का लाभ

तेलंगाना सरकार की ओर से धान की बेहतरीन किस्म का उत्पादन करने वाले किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने का फैसला किया है। ऐसे में तेलंगाना के किसानों से 500 रुपए एमएसपी (MSP) के अतिरिक्त 500 रुपए बोनस पर धान की खरीद की जाएगी। बता दें कि तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों को बेहतरीन किस्म के धान की खरीद पर 500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने का वादा किया था। उसे अब निभाया जा रहा है। तेलंगाना सरकार द्वारा बोनस देने के फैसले से यहां के किसानों में खुशी है।  

झारखंड में धान पर 100 रुपए बोनस देने का ऐलान

इधर, झारखंड राज्य में भी हेमंत सोरेन सरकार ने किसानों को धान की खरीद पर 100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने का ऐलान किया है। इससे राज्य में धान की खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा। राज्य सरकार खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में किसानों को एमएसपी पर धान की खरीद के तहत केंद्र द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 100 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस (Bonus) देगी जिसके लिए राज्य सरकार ने 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में धान खरीद से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई है। झारखंड सरकार ने इस साल यहां के किसानों से कुल 6 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य तय किया है।

इस बार किसानों को कितना मिलेगा धान का भाव

केंद्र सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 के लिए साधारण धान का एमएसपी 2300 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। वहीं ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2320 रुपए रखा गया है। जिस पर तेलंगाना में 500 रुपए और झारखंड में किसानों को 100 रुपए का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा। ऐसे में तेलंगाना के किसानों को सुपर फाइन धान यानी ग्रेड ए धान का समर्थन मूल्य 2320+500 रुपए बोनस यानी कुल 2820 रुपए प्रति क्विंटल का रेट मिल सकेगा। वहीं झारखंड के किसानों को साधारण धान के लिए 2400 रुपए प्रति क्विंटल का रेट मिलेगा और ग्रेड ए धान के लिए 2420 रुपए का भाव मिल सकेगा। बता दें कि पिछले साल झारखंड में किसानों को धान की खरीद पर 117 रुपए का बोनस दिया गया था।

तेलंगाना और झारखंड में कितना होता है धान का उत्पादन

तेलंगाना में धान की खेती (Paddy Cultivation) करीब 44 लाख एकड़ क्षेत्र में होती है। भारतीय अनुसंधान कृषि परिषद के अनुसार तेलंगाना में प्रति एकड़ औसतन 20 क्विंटल धान का उत्पादन करते हैं। वहीं झारखंड में करीब 71 प्रतिशत क्षेत्र में धान की खेती की जाती है। इस बार बारिश कम होने से यहां धान की बुवाई कम हो पाई है। जुलाई 2024 तक राज्य में सिर्फ तीन प्रतिशत ही धान की बुवाई हो पाई थी। 97 प्रतिशत भाग पर धान की बुवाई शुरू नहीं हो पाई थी, ऐसे में इस बार झारखंड में धान का उत्पादन घट सकता है।

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