जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का चुनावी संकल्प पत्र, जानें, क्या की गई है घोषणाएं
केंद्र की बीजेपी सरकार की ओर से किसानों को 10,000 और महिलाओं को 18,000 रुपए देने का ऐलान किया गया है। अब इन किसानों को पीएम किसान योजना के तहत 10,000 रुपए की पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदान किया जाएगा। वहीं महिलाओं को 18,000 रुपए हर साल दिए जाएंगे।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा से पहले किसान और महिला वोट बैंक को रिझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूरा जोर लगाया जा रहा है और ऐसे में किसानों और महिलाओं के लिए योजनाओं का पिटारा खोला जा रहा है। इसके अलावा भी बीजेपी ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में कई घोषणाएं की है जिसे वह जम्मू-कश्मीर में चुनाव जीतने पर पूरा करेगी। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा है कि यदि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सरकार बनती है तो पीएम किसान योजना की वर्तमान में मिल रही राशि 6,000 को बढ़ाकर 10,000 रुपए किया जाएगा। वहीं यहां की महिलाओं को हर साल 18,000 रुपए दिए जाएंगे।
बिजली बिल की दरों में 50 प्रतिशत होगी कमी
अपने चुनावी घोषणा पत्र में बीजेपी ने कहा कि कृषि गतिविधियों के लिए बिजली की दरों को 50 प्रतिशत तक कम किया जाएगा। इससे किसानों को लाभ होगा। उन्हें सिंचाई पंप और अन्य मशीनरी संचालित करने में आसानी होगी। इसके अलावा घोषणा पत्र में कृषि उपकरणों और उर्वरकों के लिए सब्सिडी बढ़ाने की बात कही गई है जिससे किसानों को वित्तीय सहायता सुनिश्चित होगी।
बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल किसानों के लिए अन्य घोषणाएं
उपरोक्त घोषणाओं के अलावा भी अपने चुनावी घोषणा-पत्र में बीजेपी ने किसानों के लिए कई घोषणाएं की हैं-
- किसानों की उचित आय सुनिश्चित करने के लिए गेहूं, धान, मक्का, दालें सहित अन्य कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी सुनिश्चित की जाएगी।
- ड्रिप और स्प्रिंकलर तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए और किसानों को उन्हें अपनाने के लिए सब्सिडी प्रदान करके सिंचाई प्रणाली का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
- किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही छोटे और सीमांत किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों में निवेश करने के लिए विशेष ऋण योजनाएं दी जाएगी।
- सफल हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन और प्रसंस्करण निगम की तर्ज पर जम्मू और कश्मीर में बागवानी उत्पाद प्रसंस्करण और विपणन सहकारिता को बढ़ाया जाएगा जिससे स्थानीय किसान सशक्त बनेंगे। इससे उनकी आय बढ़ेगी और बागवानी उद्योग का विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
- जम्मू-कश्मीर में आधुनिक तकनीकों और स्मार्ट मार्केटिंग का उपयोग करते हुए बागवानी, विदेशी फूलों की खेती, मधुमक्खी पालन, मछली पालन व एकीकृत खेती सहित विविध कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
- उन्नत खेती और कीट नियंत्रण विधियों को नियोजित करते हुए सेब, केसर, अखरोट, बादाम और कैंडी-विशिष्ट फलों जैसे- लीची, आम और ड्रैगन फ्रूट जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और इनकी निर्यात क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
- कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विकास किया जाएगा। ग्रामीण मंडियों के माध्यम से बाजार संपर्क के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। वहीं जम्मू-कश्मीर के कृषि उत्पादों की क्वालिटी और पहुंच बढ़ाने के लिए निर्यात बाजारों का समर्थन किया जाएगा।
- राष्ट्रीय केसर मिशन के जरिये केसर की उपज और क्वालिटी को बढ़ाने के लिए सटीक कृषि जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। कश्मीरी केसर को दुनिया भर में अनोखे तरीके से बेचने के लिए हाल ही में प्राप्त जीआई टैग का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा किश्तवाड़ी केसर को खास बढ़ावा दिया जाएगा।
- जम्मू के कंडी क्षेत्र में खैर के पेड़ों को बेचने के संबंध में गरीब किसानों के सामने आने वाली समस्याओं को व्यापक रूप से दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जिसमें समय सीमा की कठोरता और 10 साल के कटाई कार्यक्रमों में अधिक गांवों को शामिल किया जाएगा।
- प्रमाणीकरण सहायता, जैविक इनपुट और जैविक कृषि पद्धतियों में प्रशिक्षण प्रदान करके, विशेष रूप से उच्च निर्यात क्षमता वाली फसलों के लिए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- जम्मू-कश्मीर में ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे जो प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाते हुए किसानों को मौसम, बाजार की कीमतों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
- गरीब कल्याण- 24 के तहत एआई आधारित फसल निगरानी, आपूर्ति श्रृंखला पारदर्शिता के लिए ब्लॉकचेन और आईओटी- आधारित स्मार्ट खेती समाधान जैसे- नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्र में कृषि तकनीक स्टार्टअप की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा।
- संगठित मोल-भाव बढ़ाने और उचित मूल्यों को सुनिश्चित करने के लिए किसान सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। वहीं पैकेजिंग, ब्रांडिंग और गुणवत्ता नियंत्रण सहित मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
- उच्च निर्यात क्षमता वाली फसलों की पहचान कर उन्हें वैश्विक बाजार में बढ़ावा देने के लिए रणनीति विकसित की जाएगी।
- जम्मू-कश्मीर में किसान उत्पादक संगठन (FPO) की संख्या बढ़ाकर 600 करने, कृषि सहयोग को मजबूत करने और किसानों को समग्र समर्थन प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।
- स्थानीय कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और मूल्य वर्धित उत्पादों का निर्माण करने के लिए पुंछ, राजौरी, डोडा, बारामूला और बडगाम में मांस और दूध प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किया जाएगा।
- कश्मीरी सेबों के लिए जीआई टैग प्राप्त करके स्थानीय सेब उत्पादकों को आयातित सेबों के प्रभाव से बचाने के लिए कड़े कदम उठाएं जाएंगे।
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