Published - 08 Feb 2022 by Tractor Junction
किसानों की आय बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के जरिये किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इतना ही नहीं किसान ऐसी योजनाओं का लाभ लेकर अपने लिए प्रति माह एक निश्चित आमदनी भी सुनिश्चित कर सकते हैं। इन्हीं योजनाओं में से सरकार की ओर से वेयर हाउस योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को वेयर हाउस के निर्माण के लिए एक लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यदि किसान या कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाकर अपना वेयर हाउस खोलकर प्रति माह इससे लाखों रुपए की कमाई कर सकता है। आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से सरकार की वेयर हाउस योजना के बारे में जानकारी दें रहे हैं ताकि आप इसका लाभ उठा सकें।
सबसे पहले हमें ये जान लेना चाहिए कि वेयर हाउस होता क्या है? तो बता दें कि वेयर हाउस उस व्यापारिक भवन को मालगोदाम या भंडारगार को कहते हैं जहां सामान का भंडारण किया जाता है। मालगोदाम का उपयोग निर्माता, आयातक, निर्यातक, होलसेलर, यातायत व्यवसायी आदि करते हैं। मालगोदाम प्राय: नगरों के औद्योगिक क्षेत्रों में, कस्बों में और गांवों में स्थित सादे भवन होते हैं। सरकार की ओर से वेयर हाउस निर्माण के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत एक करोड़ रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
बता दें कि यदि आप एक लाख बोरी का वेयर हाउस बनवाते हैं तो उसमें आपको वेयर हाउस का किराया करीब 830000 रुपए प्रतिमाह प्राप्त होगा। इस प्रकार किसान लगभग एक करोड़ रुपए सालाना किराया हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा वेयर हाउस में रखने वाली फसलों का बीमा भी हो जाता है, जिसमें छोटी सी राशि लगाकर बैंक ऋण के जरिए एक बड़ी इनकम शुरू की जा सकती है। हालांकि देखरेख में थोड़ा-सा खर्च जरूर आता है। लेकिन इससे प्राप्त होने वाली आय के मुकाबले ये खर्च बहुत मामूली है। वेयर हाउस का निर्माण कर आप इससे काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
बात करें मध्यप्रदेश की तो खाद्यान्ना भंडारण की क्षमता में नर्मदापुरम जिला प्रदेश में अन्य सभी जिलों से अधिक है। जिले के व्यापारियों, धनाढ्य व्यक्तियों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं किसानों व सरकारी मिलाकर ने कुल 282 वेयरहाउस हैं। इसमें 60 गोदाम शासकीय हैं। इन सभी में 30 लाख टन खाद्यान्न की क्षमता है। वहीं उज्जैन जिले में डेढ़ सौ से ज्यादा वेयर हाउस तैयार हो चुके हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के अपने वेयरहाउस (गोदाम) भी हैं जहां वैज्ञानिक तकनीक से कृषि, वन उपज, बीज, कल्चर, उर्वरक और अन्य आवश्यक सामग्री का भंडारण किया जाता है। मार्कफेड की कुल भंडारण क्षमता 5.44 मीट्रिक टन है। मार्कफेड के भंडारण के अलावा ये गोदाम आपूर्तिकर्ता, किसान व अन्य पेशेवर व्यवसायियों को आवश्यकताओं के लिए किराए पर भी दिए जाते हैं। मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, विहार, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में भी किसानों के लिए वेयरहाउस बनाए जा रहे हैं ताकि किसानों की फसल भंडारण संबंधी समस्या का समधान हो सके।
देश में नाबार्ड के तहत आने वाले बैंक वेयर हाउस यानि भंडार गृह/गोदाम बनाने के लिए सब्सिडी देते हैं ये बैंक इस प्रकार से हैं-
इस योजना में आवेदन के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं-
वेयर हाउस निर्माण के लिए नाबार्ड के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए आवेदन हेतु आप उपरोक्त बताए गए बैंकों से आवेदन प्राप्त किए जा सकते हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा भी इसके लिए ऋण देता है जिस पर सरकारी नियमानुसार सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसी प्रकार अन्य सरकारी बैंक इसके लिए ऋण प्रदान करते हैं। किसान भाई इन बैंकों में जाकर इसके लिए फार्म भरकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए नाबार्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर https://www.nabard.org/hindi/content1.aspx?id=593&catid=23&mid=530 जानकारी ली जा सकती है।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।