किसान क्रेडिट कार्ड : भारत में सभी मछलीपालकों को दिए जाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड

Share Product Published - 12 Sep 2021 by Tractor Junction

किसान क्रेडिट कार्ड : भारत में सभी मछलीपालकों को दिए जाएंगे किसान क्रेडिट कार्ड

जानें, मछलीपालक किसान कैसे बनवा सकते हैं क्रेडिट कार्ड

किसानों की तरह ही देश के मछलीपालकों को भी क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान करने के लिए उन्हें भी किसानों की श्रेणी में रखते हुए यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब किसानों की तरह ही मछलीपालक किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लेकर अपने व्यवसाय बढ़ा सकेंगे। केंद्र सरकार की ओर से मछलीपालकों को क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं और सरकार दिसंबर तक सभी मछलीपालक किसानों क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराना चाहती है। 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1 


अभी तक 58 प्रतिशत किसानों के ही बने हैं क्रेडिट कार्ड

बता दें किसानों को कम दरों पर लोन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड योजना से कई वर्ष बीत जाने के बाद भी देश के सभी किसान अभी तक जुड़ नहीं पाए हैं। केवल लगभग 58 प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़े पाए हैं। जबकि 42 प्रतिशत ऐसे किसान इस जो इस योजना से बाहर हैं तथा अपनी खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेने लेते हैं। वहीं अब सरकार ने पशु पालक एवं मछली पालक किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से जुडऩा शुरू कर दिया है। इससे क्रेडिट कार्ड का लाभ मछलीपालकों को भी मिलेगा जिससे उन्हें सस्ता लोन मिल सकेगा। 


सभी मछलीपालकों के क्रेडिट कार्ड बनाने के दिए निर्देश

बीते दिनों मध्यप्रदेश सरकार में मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने महासंघ की 25वीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य अंतिम छोर तक के व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोडऩा है। मछुआरों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ही मत्स्य महासंघ का स्थापना की गई थी। लड़कियों के विवाह के लिए मीनाक्षी कन्या विवाह, जाल-नाव सहित अन्य आर्थिक संबल प्रदान करने वाली योजनायें मत्स्य महासंघ संचालित कर रहा है। इसके अलावा  मध्यप्रदेश सरकार ने मछली पालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से मछली पालकों के लिए चल रही योजनाओं में दी जाने वाली आर्थिक सहायता में वृद्धि करने के निर्देश दिए हैं।


किसान क्रेडिट कार्ड से मछलीपालकों को मिलेगा यह लाभ

किसान क्रडिट कार्ड से किसानों की तरह ही मछलीपालकों को भी मछलीपालन व्यवसाय केे लिए सस्ता लोन मिल सकेगा। केसीसी पर लिए गए 3 लाख रुपए तक के लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी है। लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है। इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है। लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है। इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है।


यह मछली पालक ले सकते हैं किसान क्रेडिट कार्ड

यह मछली पालक ले सकते हैं किसान क्रेडिट कार्ड अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर मछुआरे,  मछली पालक (व्यक्तिगत और समूह / साझेदार / फसल / किरायेदार किसान), स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह और महिला समूह किसान क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।


किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन हेतु मछलीपालकों के लिए शर्तें/पात्रता

  • खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है।
  • किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन हेतु लाभार्थी की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए।
  • यदि किसान की उम्र 60 साल से अधिक है तो एक को-अप्लीकेंट भी लगेगा। 
  • वहीं किसान की उम्र 60 से कम हो। किसान के फॉर्म भरने के बाद बैंक कर्मचारी देखेगा कि आप इसके लिए योग्य हैं या नहीं।
  • मछलीपालक लाभार्थियों को तालाब, टंकी, खुले जल निकाय, रेसवे, हैचरी, पालन इकाई, जैसे मछली पालन और मछली पकडऩे से संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक लाइसेंस होना चाहिए।
  • किसी भी अन्य राज्य विशिष्ट मत्स्य पालन और संबद्ध गतिविधियों के रूप में मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों में से किसी एक का मालिक होना चाहिए।


कैसे बनवाएं किसान क्रेडिट कार्ड ( Kisan Credit Card ) 

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के दो और तरीके हैं। जिस बैंक से क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते हैं उस बैंक की वेबसाइट पर जाएं और उस बैंक के किसान क्रेडिट कार्ड सेक्शन पर जाएं। आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर प्रिंट कर लें। इस फॉर्म को सावधानीपूर्वक भर ले। अधिकतर कॉमर्शियल बैंकों की वेबसाइट पर यह फॉर्म उपलब्ध है। किसान आवेदन और आवश्यक दस्तावेजों को निकटतम बैंक की शाखा में जमा करें। लोन अधिकारी आवेदक के साथ आवश्यक जानकारी साझा करेगा। इसके बाद लोन की राशि (लिमिट) मंजूर होते ही कार्ड भेज दिया जाएगा।


मछलीपालन के लिए सरकार से मिलता है अनुदान

मछलीपालन व्यवसाय खोलने के लिए किसानों को सरकार से अनुदान भी दिया जाता है। मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ग के अनुसार अलग-अलग अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्ग की महिलाओं को योजना के तहत लागत राशि का 30 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी हेतु 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। लाभार्थी को लागत राशि का 60 प्रतिशत तक बैंक ऋण दिया जा सकता है तथा शेष राशि 10 से 15 प्रतिशत राशि लाभार्थी को लगानी होती है।

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