Published - 07 Apr 2022 by Tractor Junction
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में देसी कपास का उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत हरियाणा सरकार राज्य में देशी कपास का उत्पादन करने वाले किसानों को सहायता राशि उपलब्ध कराएगी ताकि उन्हें कपास उत्पादन में कोई परेशानी नहीं आए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा सरकार की ओर से कपास की खेती के लिए किसानों को प्रति एकड़ 3 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के कपास उत्पादक किसानों को लाभ होगा। बता देें कि हरियाणा में मुख्यत: तीन प्रकार के कपास के बीजों का इस्तेमाल किसानों द्वारा किया जाता है। इनमें नरमा, बीटी कॉटन और देशी कपास शामिल है। प्रदेश में कपास के सभी बीजों की बिजाई 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है। इसे देखते हुए हरियाणा सरकार किसानों को बिजाई से पहले उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध करा रही है ताकि प्रदेश में कपास का उत्पादन बढ़ाया जा सकें।
हरियाणा सरकार की ओर से देशी कपास उत्पादन बढ़ाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सरकार की ओर से अब देसी कपास का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को तीन हजार रुपए प्रति एकड़ व समेकित कीट प्रबंधन एवं एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के लिए एक हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का प्रावधान किया है। बता दें कि किसानों की ओर से पिछले साल रोहतक जिले में 13354 एकड़ क्षेत्र में कपास की खेती की गई थी। जिसे प्रदेश सरकार इस साल बढ़ा 20 हजार एकड़ करना चाह रही है। किसानों को उच्च क्वालिटी का बीज उपलब्ध करवाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं।
हरियाणा में कपास खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली एक प्रमुख नकदी फसल है। कपास विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार की ओर से अधिसूचित और हरियाणा सरकार की ओर से अनुमोदित 50 कपास किस्मों के प्रमाणित बीज का इस्तेमाल कपास बिजाई के दौरान किया जाए तो कपास की उन्नत खेती हासिल की जा सकती है। इस खरीफ सीजन 2022 में कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में 19.25 एकड़ क्षेत्र में कपास की बिजाई का लक्ष्य है जो पिछले वर्ष से अधिक है। बता दें पिछले सीजन में प्रदेश में करीब 15.90 एकड़ में कपास की खेती की गई थी।
कपास के निर्धारित किए गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग ने 60 लाख पैकेट बीटी कपास के बीजों की व्यवस्था भी की है। बता दें कि प्रदेश के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, सोनीपत, पलवल, गुरूग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, चरखी, दादरी, नारनौल, झज्जर, पानीपत, कैथल, रोहतक ओर मेवात जिलों में प्रमुख रूप से कपास की खेती की जाती है।
जैसा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में कपास का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को अनुदान दिया जाएगा। कपास की खेती करने वाले किसान जो अनुदान प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। किसान अनुदान प्राप्त करने के लिए 25 अप्रैल से 31 मई तक अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। बता दें अनुदान योजना के बारें कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करने के बारे मे जागरूक करेंगे। ताकि प्रदेश में देसी कपास के क्षेत्र को बढ़ाया जा सके।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं-
कपास की फसल पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक किसानों को सबसे पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। किसान, पोर्टल के लिंक https://fasal.haryana.gov.in/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इस प्रकार से है-
फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी भरने के बाद इसे सब्मिट कर दें। इस तरह आपकी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पार्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
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