प्रकाशित - 10 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश के किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से व्यावसायिक खेती की तरफ रुख कर रहें हैं। केंद्र व राज्य सरकार भी व्यावसायिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करती रहती हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने लाख की खेती करने वाले किसानों के लिए प्रशिक्षण व ब्याज मुक्त लोन देने की घोषणा की हैं। राज्य में लाख की कमी को दूर करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा लाख आपूर्ति तथा लाख विक्रय और लाख की फसल पर लोन की उपलब्धता के लिए मदद सहित लाख की खेती करने वाले किसानों को इसका उचित मूल्य दिलाने के लिए क्रय मूल्य दर का निर्धारण किया है। किसान भाइयों आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना पर आपके साथ विस्तार से चर्चा करेंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में योजना को सुचारु रुप से चलाने व लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनों में 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन समूह का गठन भी किया गया है। इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन समूह में सर्वें कराकर किसानों से लाख की मांग की जानकारी ली जाएगी। इनमें किसानों को संघ द्वारा तय किए गए मूल्य पर लाख खरीदने के लिए आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन के बैंक खाते में जमा कराना होगा।
योजना के तहत रंगीनी बीहन लाख के लिए किसानों से मांग की जानकारी प्राप्त करने हेतु समय-सीमा 10 नवंबर तक ही निर्धारित है। इसमें किसानों से राशि जमा किए जाने हेतु समय-सीमा 15 नवंबर तक की निर्धारित है। इनमें कुसुमी बीहन लाख के लिए किसानों से मांग की जानकारी प्राप्त करने हेतु 30 नवंबर से पहले तथा राशि जमा किए जाने हेतु 15 दिसंबर तक की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में लाख की कमी को दूर करने के लिए किसानों के पास उपलब्ध लाख को उचित मूल्य पर खरीदने के लिए बिक्री मूल्य निर्धारित कर दिया है। इसके तहत कुसुमी लाख (बेर के पेड़ से प्राप्त) के लिए किसानों से 550 रुपए प्रति किलो ग्राम का भाव तथा रंगीन लाख (पलाश के पेड़ से प्राप्त) के लिए किसानों से 275 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से खरीद करेंगी। जो किसान लाख खरीदना चाहते है, सरकार ने उनके लिए भी विक्रय दर निर्धारित किया है। किसानों के लिए कुसुमी लाख (बेर के पेड़ से प्राप्त) के लिए विक्रय दर 640 रुपए प्रति किलोग्राम और रंगीन लाख (पलाश के पेड़ से प्राप्त) के लिए विक्रय दर 375 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित की है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख की फसल लोन पर निःशुल्क ब्याज के साथ प्रदान करने हेतु व्यवस्था की गई है। इसके तहत लाख पोषक वृक्ष कुसुम पर 5 हजार रुपए, बेर पर 900 रुपए तथा पलाश पर 500 रुपए प्रति वृक्ष की लोन सीमा तय की गई है।
प्रदेश में लाख पालन को वैज्ञानिक पद्धति से करने हेतु राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कांकेर जिले में एक प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। इस केन्द्र में 03 दिन के संस्थागत प्रशिक्षण के साथ लाख उत्पादन करने वाले समूहों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लाख पालन की अच्छी खेती के लिए कुसुम के पेड़ के लिए गर्मी का मौसम काफी उपयुक्त है परन्तु बारिश के मौसम में बेर के पेड़ में लाख पालन हेतु उपयुक्त है।
छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों में परंपरागत रूप से किसान लाख की खेती करते है और लगभग 50 हजार किसानों द्वारा कुसुम एवं बेर के पेड़ पर कुसुमी लाख, पलाश एवं बेर के पेड़ पर रंगीनी लाख का पालन किया जाता है। राज्य में वर्तमान समय में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रुपए तक की है। प्रदेश में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रुपए की आय किसानों को देने का लक्ष्य है। इसके लिए लाख पालन करने वाले किसानों को निःशुल्क ब्याज के साथ लाख फसल पर ब्याज मुक्त लोन देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
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