Published - 19 Jan 2022
किसान खेती के साथ मछली पालन को अपना कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। आज मछलीपालन एक बहुत लाभ का व्यवसाय बन चुका है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को मछली पालन व्यवसाय खोलने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत किसानों को सरकार की ओर से 75 प्रतिशत तक सहायता प्रदान की जाती है। शेष 25 प्रतिशत पैसा ही मछली पालक को लगाना पड़ता है। सरकार की ओर से दिए जाने वाला कुल अनुदान 75 प्रतिशत है। इसमें कुल लागत का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार और 25 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को मछली पालन व्यवसाय की जानकारी दे रहे हैं ताकि वे खेती के साथ ही मछली पालन को भी व्यवसाय के रूप में अपना कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें।
केंद्र सरकार की ओर से संचालित पीएम मत्स्य संपदा योजना यानि पीएमएमएसवाई योजना मछली पालन के क्षेत्र में अब तक की चलाई जाने वाली योजनाओं में सबसे बड़ी योजना है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश में मछली पालन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत मछली की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से सितंबर 2020 को पीएम मत्स्य संपदा योजना को लागू की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को मछलीपालन के ऋण और निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को तालाब, हैचरी, खाने की मशीन, क्वालिटी टेस्टिंग लैब, दिया जाएगा। इसके साथ ही मछली रखने के लिए और उनके संरक्षण की भी व्यवस्था दी जाएगी।
इस खंड में किसानों को रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर, बायोफ्लॉक, एक्वापोनिक्स, मछली के चारे की मशीन, वातानुकूलित वाहन और मछली रखने के लिए जगह दी जाएगी।
इस खंड में केज में मछली पालन, रंगीन मछली पालन, प्रचार प्रसार और ब्रांडिंग, मछलियों का रखरखाव जैसे काम किए जाएंगे।
मछली पालन के लिए एक हेक्टेयर तालाब के निर्माण में करीब 5 लाख रुपए का खर्च आता है। इसमें कुल राशि का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार, 25 प्रतिशत राज्य सरकार अनुदान देती है। शेष 25 प्रतिशत मछली पालक को देना होता है। इस प्रकार के तालाबों के लिए भी सरकार खर्च के हिसाब से केंद्र और राज्य सरकार अनुदान देती है, जिसमें से 25 फीसदी मछली पालक को देना होता है।
यदि आप एक बार मछली पालन शुरू कर देते हैं, तो आप इससे लगातार कमाई कर सकते हैं। बता दें कि आप एक एकड़ के तालाब से हर साल करीब 5 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। यदि आपके पास तालाब नहीं है तो आप मछली पालन का काम टैंक में भी करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।
मछली पालन हेतु ऋण लेने के लिए सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के मत्स्य पालन विभाग में संपर्क करना होगा। बता दें कि मत्स्य पालन योजना के तहत कार्यालय में अपने राज्य के मुताबिक आवेदन करना होगा। इसके आलावा आप ऋण के लिए किसी भी अपने नजदीकी सरकारी बैंक में संपर्क कर सकते हैं।
यदि आप प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते है, तो इसके लिए बैंक द्वारा आपको एक आवेदन फार्म दिया जाएगा। जिसे भरने के बाद ऋण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आप चाहें, तो इसकी आधिकारिक वेबसाइट लिंक https://dof.gov.in/pmmsy या https://pmmsy.dof.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सरकार अब इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को देने का प्रयास कर रही है। इतना ही नहीं सरकार ने मछली पालन में लगे लोगों को भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देने का फैसला किया है। अब किसानों की तरह मछली पालक भी क्रेडिट कार्ड बनवा कर इससे 1.60 लाख का लोन बिना गारंटी के ले सकते हैं। इसके अलावा इस क्रेडिट कार्ड से अधिकतम 3 लाख रुपए तक ऋण लिया जा सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए लोन पर 9 फीसदी की दर से ब्याज लगता है। लेकिन सरकार किसानों को 2 फीसदी सब्सिडी देती है। इस तरह से 7 फीसदी की दर से ब्याज लगता है। लेकिन अगर किसान एक साल के भीतर लोन चुका देते हैं तो उन्हें 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जाती है। इस तरह किसानों को समय पर ऋण भुगतान करने पर 4 फीसदी ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो जाता है।
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