Published - 21 Apr 2022
केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा ही है जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। सरकार परंपरागत फसलों की खेती के साथ ही बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है जिस पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। बता दें कि देश भर में एक जिला एक उत्पाद योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसमें जिलेवार अलग-अलग फसलों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश के इंदौर जिले को आलू उत्पादन प्रोत्साहन के लिए चुना गया है। जिले के किसान, आलू का उत्पादन करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको आलू उत्पादन पर राज्य सरकार से मिलने वाले बैंक लोन और सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में खास आलू का उत्पादन किया जा रहा है। यह शुगर फ्री आलू है। इसमें शर्करा की मात्रा न के बराबर है। इस तरह ये आलू डायबिटिज के मरीजों के लिए काफी अच्छा बताया जा रहा है। इसकी बाजार मांग को देखते हुए यहां के किसान शुगर फ्री आलू की खेती कर रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार किसानों को बैंक ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान कर रही है ताकि जिले में शुगर फ्री आलू का उत्पादन बढ़ाया जा सके।
एक जिला एक उत्पाद के तहत इंदौर के किसानों को शुगर फ्री आलू के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से उन्हें बैंक लोन मुहैया कराया जा रहा है और उस पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। आलू उत्पादन के लिए जिले में किसानों को 25 से 35 लाख रुपए तक का बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें अधिकतम 10 लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। वहीं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत आलू फसल आधारित नवीन सूक्ष्म उद्योग लगाने 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान दिया जा रहा है।
बता दें कि इंदौर मध्यप्रदेश का ही नहीं पूरे देश का प्रमुख आलू उत्पादक जिला है। एक जिला-एक उत्पादन योजना के तहत इस जिले का चयन आलू के लिए किया गया है। इंदौर जिले में हर साल 45 हजार हेक्टेयर में करीब 20 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन होता है। जिले में महू क्षेत्र के ग्राम गवली, पलासिया, जामली, बिचौली, कोदरिया, बडग़ोंदा, हरसोला, दतोदा, हासलपुर, मेमदी, कुवाली, मानपुर, टीही, राउ, रंगवासा, कैलोद और मेण में प्रमुख रूप से आलू की खेती की जा रही है।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में शुगर फ्री आलू का उत्पादन किया जा रहा है। इस तरह के आलू में न के बराबर शुगर है। इस वजह से इसकी लोकप्रियता देश में ही नहीं विदेशों में बढ़ रही है। डायबिटिज के मरीजों के लिए इसका सेवन सुरक्षित पाया गया है। शुगर-फ्री आलू की चिप्स तलने के बाद लाल नहीं होती, सफेद बनी रहती है। इंदौरी आलू की विशेषताओं के कारण ही कई छोटी कंपनियों के साथ प्रतिष्ठित कंपनियों ने इंदौर में अपने कारखाने स्थापित किए हुए हैं।
सामान्यत: एक हेक्टेयर में 220 में 240 क्विंटल तक आलू का उत्पादन होता है, लेकिन देपालपुर तहसील के गांव चितोड़ा के किसान भरत पटेल ने उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करके प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल आलू उत्पादन पाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने 7 वेरायटी के आलू उत्पादन किया।
जैसा कि एक जिला-एक उत्पाद के तहत इंदौर जिले के किसानों को आलू की खेती के लिए बैंक ऋण और सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। जिले के किसान इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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