Published - 25 Apr 2022 by Tractor Junction
सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नई-नई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। इसी क्रम में झारखंड सरकार की ओर से किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की जा रही है। इस योजना का नाम पोस्ट हार्वेस्ट एंड प्रिजर्वेशन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना हैं। इस योजना के तहत किसानों को साइकिल और ई-रिक्शा दिए जाएंगे। इससे किसानों को बाजार में अपने उत्पाद बेचने में आसानी होगी। किसान साइकिल और ई-रिक्शा पर अपने फल, सब्जी को लेकर बाजार में बेच सकेंगे। इसके लिए उद्यान निदेशालय की ओर से किसानों को उत्पाद को रखने के लिए कैरेट भी दिए जाएंगे। इसके अलावा किसानों को छोटे-मोटे उपकरण भी प्रदान किए जाएंगे।
उद्यान निदेशालय की ओर से विशेषकर फल-सब्जी उत्पादक किसानों को बढ़ावा देने के लिए पोस्ट हार्वेस्ट एंड प्रिजर्वेशन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना शुरू की गई है। इसके तहत फल, सब्जी के प्रोसेसिंग और रखरखाव के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उत्पाद के विक्रय को सुगम बनाने के लिए किसानों को साइकिल और ई-रिक्शा दिए जाएंगे। इसके माध्यम से किसान बाजार जाकर अपने उत्पाद यानि फल, सब्जी आदि को आसानी से अच्छी कीमत पर बेच सकेंगे। इसके अलावा किसानों को फल-सब्जी लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। बता दें कि राज्य के उद्यान निदेशालय ने पहली बार किसानों के लिए ये योजना शुरू की है।
इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 11 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इस राशि को निकाल कर पीएल खाते में रखी गई है। यह योजना चालू वित्तीय वर्ष में चलाई जाएगी। इस योजना के तहत किसानों को साइकिल, ई-रिक्शा व छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज भी दिए जाएंगे। इसका लाभ ई-नाम से निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस योजना के तहत तीन हजार किसानों को साइकिल का वितरण किया जाएगा। इस योजना के तहत राज्य के 300 ग्रामीण बाजार में 10-10 किसानों को साइकिल प्रदान की जाएगी। इस पर राज्य सरकार डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करेगी। सभी साइकिल लेने वाले किसानों को दो-दो कार्ट (बक्सा) भी दिया जाएगा। एक साइकिल की कीमत पांच हजार रुपए बताई जा रही है। वहीं 250 किसानों को बक्सा सहित ट्राई साइकिल का वितरण किया जाएगा। इसकी एक यूनिट की लागत 40 हजार रुपए होगी। इस पर एक करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है।
इसके अलावा 250 किसानों को ई-रिक्शा देने की योजना भी उद्यान विभाग के पास है। इस पर राज्य सरकार की ओर से 87 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। एक यूनिट की लागत दो लाख रुपए आएगी। इसके लिए एक-एक हजार रुपए का 12 केरेट (फल-सब्जी रखने वाली टोकरी) भी ई-रिक्शा लाभार्थियों को प्रदान किए जाएंगे।
विभाग की ओर से किसानों को फल, सब्जी को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड रूप की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके तहत उद्यान निदेशालय की ओर से राज्य के 10 बाजार समिति (एपीएमसी) में कोल्ड रूम बनाएं जाएंगे। एक कोल्ड रूम की लागत 3.24 लाख रुपए बताई जा रही है। ऐसी ही लागत के 10-10 कोल्ड रूम ग्रामीण बाजारों में भी बनाए जाने की योजना है। एक कोल्ड रूम के लिए करीब 50 केरेट (फल व सब्जी रखने की टोकरी) दिए जाएंगे।
झारखंड सरकार की ओर से शुरू की जाने वाली पोस्ट हार्वेस्ट एंड प्रिजर्वेशन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना का लाभ राज्य के करीब 2.44 लाख किसानों को प्रदान किया जाएगा। बता दें कि राज्य में ई-नाम से 2.44 लाख किसान निबंधित हैं। ई-नाम के तहत सबसे अधिक 29 हजार से अधिक किसान पाकुड़ में निबंधित हैं। वहीं सबसे कम किसान चाईबासा में निबंधित हैं।
किसानों को बाजार में अपने उत्पाद जैसे- फल, सब्जियों का अच्छा दाम मिले, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देशभर में कृषि बाजार (ई-मंडी) खोली गई हैं। इसे राष्ट्रीय कृषि बाजार या ई नाम के नाम से जाना जाता है। इसकी शुरुआत 14 अप्रैल, 2016 को की गई थी। इसके तहत पंजीकरण करा कर किसान अपनी उपज (फसल) अच्छी कीमत पर देश भर में कहीं भी बेच सकता है। बता दें कि सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम के तहत जोड़ दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत काम करने वाला लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) ई-नाम को लागू करने वाली सबसे बड़ी संस्था है।
ई-नाम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
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