Published - 30 Dec 2021
किसानों को ऋण मुक्त करने के लिए कई राज्यों में ऋण माफी योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है। हाल ही में पंजाब में किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की गई। इसी क्रम में राजस्थान की गहलोत सरकार ने एक मुश्त ऋण माफी योजना के तहत किसानों का ऋण माफ करने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए राज्य की गहलोत सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय बैंकों को किसान कर्जमाफी प्रस्ताव भेजा है।
सीएम गहलोत ने बैंकों को भेजे गए प्रस्ताव में किसानों के 90 प्रतिशत ऋण माफ करने का आग्रह किया गया है। इसी के साथ प्रदेश सरकार ने कहा कि शेष राशि 10 प्रतिशत राशि वह स्वयं चुकाएगी। बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते दिनों ये बात राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 151 बैठक और नाबार्ड की राजस्थान राज्य स्तरीय ऋण संगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही।
मीडिया रिपोट्स के अनुसार सीएम गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के फसल ऋण माफी के लिए एकमुश्त कर्ज माफी योजना लाकर गरीब किसानों को राहत देने का प्रस्ताव बैंकों को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को लागू कर राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों की कर्जमाफी में राज्य सरकार को आवश्यक सहयोग प्रदन करे। गहलोत ने कहा कि हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा शुरू की गई एकमुश्त ऋण माफी योजना में, एनपीए के रूप में वर्गीकृत कृषि ऋणों को माफ कर दिया गया है। जिसमें 90 फीसदी कर्ज बैंक ने माफ कर दिया है जबकि बाकी 10 फीसदी किसान ने दिया है। इसी तरह अन्य बैंकों को भी गरीब किसानों को राहत देनी चाहिए। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इसमें किसान के हिस्से का 10 प्रतिशत देने के लिए तैयार है। राज्य सरकार और बैंकों का उद्देश्य किसानों को राहत देना है।
उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों के कर्जमाफी का आदेश जारी कर अब तक सहकारी बैंकों का 14,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया, जिसमें पिछली सरकार का 6000 करोड़ रुपए का कर्ज भी शामिल था। राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार, 30 नवंबर, 2018 को एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों के खातों के ऋण अभी तक माफ नहीं किए गए हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को सशक्त बनाने के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना लेकर आई है। योजना के तहत युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बिना ब्याज के 50 हजार रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसी के साथ सीएम ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के साथ ही बैंक आगे आएं और इंदिरा महिला शक्ति उद्यमी प्रोत्साहन योजना, स्वयं सहायता समूहों और अन्य योजनाओं से जुड़े लोगों को ऋण मुहैया कराने में सहयोग प्रदान करें। गहलोत ने वर्ष 2022-23 के लिए नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर जारी किया। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को 2.50 लाख करोड़ रुपए के संभावित ऋण का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष के अनुमानित अनुमान से 7.3 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में इन प्राथमिकताओं पर ध्यान दिया है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इस आधार दस्तावेज में दर्शाई गई क्षमता के आधार पर इन चिन्हित क्षेत्रों को ऋण देने का लक्ष्य बनाना चाहिए और एक वार्षिक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में रिजर्व बैंक एवं अन्य प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधियों की ओर से जो महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं उन्हें क्रियान्वित करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम में इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, स्वयं सहायता समूह व अन्य योजनाओं में लाभार्थियों को चेक वितरित किए गए। तिब्बती शरणार्थियों को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण के चेक भी दिए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की लाभार्थी सुमेर कंवर एवं ज्योति तथा इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के लाभार्थी टी स्टॉल संचालक विक्की स्वामी सहित अन्य लाभार्थियों से संवाद किया।
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