Published - 21 May 2022 by Tractor Junction
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसके तहत सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है ताकि किसान महंगे कृषि यंत्र, खाद, कीटनाशक आदि खेती के लिए जरूरी चीजों को आसानी से खरीद सके। इसी क्रम में अब सरकार कीटनाशकों पर सब्सिडी बढ़ाने पर विचार कर सकती है। हिमाचल प्रदेश के बागवानी विभाग की ओर से यह पहल की जा रही है। इससे किसानों को लाभ होगा। इसके तहत कीटनाशकों की खरीद करने पर राज्य के किसानों को डीबीटी के जरिए सब्सिडी योजना का लाभ मिल सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किसानों को सब्सिडी देने की इस योजना के तहत बागवानी विभाग अपने अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझाव के बाद तैयार की गई योजना में सब्सिडी प्रक्रिया को और भी सरल बनाने पर विचार करेगी। गौरतलब है कि इस योजना को पिछले साल भी लागू किया गया था, पर योजना को लेकर फल उत्पादकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। क्योंकि इसके तहत राज्य भर के दुकानों में सब्सिडी पर कीटनाशकों की सीधी बिकी करने वाले नियम को कृषि अधिकारियों ने बदल दिया था। अब विभाग फिर से सरकार को इन परिवर्तनों की सिफारिश कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के बागवानी निदेशक आरके प्रुथी का कहना है कि हम योजना की समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। वहीं एक अन्य बागवानी अधिकारी ने बताया कि बागवानी को लेकर नई योजना तैयार की गई है और इसे जल्द ही सरकार को सौंप दिया जाएगा। योजना के अनुसार सेब और नाशपाती जैसे समशीतोष्ण फलों के उत्पादक किसानों को इसकी खेती करने के लिए 4,000 रुपए प्रति हेक्टेयर और आम और अमरूद जैसे उपोष्णकटिबंधीय फलों की खेती करने वाले किसान 2,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी के पात्र होंगे। हालांकि सब्सिडी प्राप्त करने के लिए उन्हें अपनी जमीन के दस्तावेज भी पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।
खबरों के अनुसार किसान डीबीटी योजना को रद्द करके विभाग से पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विभाग पुरानी योजना को फिर से लागू करने के पक्ष में नहीं है। विभाग का कहना है कि हम कार्यक्रम में सुधार करना चाहते हैं और इसे और अधिक उत्पादक-अनुकूल बनाना चाहते हैं। इसलिए सभी उत्पादकों को उद्यान कार्ड बनाने और उनका डिजिटलीकरण करने के लिए कहा गया है। बागवानी के एक अधिकारी ने कहा किसानों को अब हर बार उद्यान कार्ड के डिजिटलीकरण के बाद विभाग से सब्सिडी या अन्य लाभ का दावा करने के लिए कई दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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