प्रकाशित - 19 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
गन्ना किसानों के लिए खुशखबर सामने आई है। अब गन्ना का नया भाव घोषित करने की तैयारियां चल रही है। इसको लेकर हरियाणा सरकार ने बैठक की है जिसमें इसको लेकर संकेत दिए गए हैं। अब राज्य के किसानों को गन्ने का पहले से ज्यादा मूल्य मिल सकेगा। बता दें कि केंद्र सरकार खरीफ और रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है। उसी तरह गन्ना की फसल का एफआरपी तय किया जाता है। इसके बाद राज्य सरकार अलग से गन्ना की फसल पर अपनी ओर से किसानों को बोनस देते हैं। इस तरह राज्य द्वारा तय किया गया एफआरपी एफआरपी से ज्यादा होता है जिससे किसानों को लाभ होता है। ये मूल्य राज्य सरकारें अपने स्तर पर बढ़ती है जो अलग-अलग हो सकता है, लेकिन एफआरपी मूल्य पूरे देश में एक समान लागू होता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि शुगर मिलों में लगाए जाने वाले इथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि किसानों को ज्यादा लाभ मिल सके। इसके अलावा किसान गन्ने की नई किस्म 15023 की अधिक से अधिक पैदावार करें। इस किस्म पर किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने जल्द ही गन्ने का नया भाव तय करने के भी संकेत दिए। पिछले दिन कृषि मंत्री की अध्यक्षता में गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक हुई। इसमें के निर्देश दिए गए।
कृषि मंत्री ने कहा कि शाहबाद शुगर मिल में 60 किलो लीटर प्रति दिन (केएलपीडी) क्षमता का इथेनॉल प्लांट स्थापित किया जा चुका है। वहीं पानीपत शुगर मिल में इथेनॉल उत्पादन के लिए 90 केएलपीडी क्षमता का प्लांट जल्द लगाया जाएगा। इसके अलावा रोहतक, करनाल, सोनीपत, जीन्द, कैथल, महम, गोहाना व पलवल शुगर मिलों में इथेनॉल प्लांट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। शीघ्र ही इन जगहों पर भी इथेनॉल प्लांट लगाए जाएंगे ताकि किसानों की आय बढ़ सकें। बता दें कि इथेनॉल के निर्माण में गन्ने की कटाई के बाद बचे फसल अवशेष यानि पराली का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए किसानों से इसकी खरीद की जाती है।
दलाल ने कहा कि किसानों के लिए गन्ने की नई किस्म 15023 तैयार की गई है। इस किस्म को केंद्र सरकार ने भी स्वीकृति दे दी है। इस किस्म के संबंध में कृषि मंत्री ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार को जल्द ही इस किस्म के सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस किस्म का अधिक से अधिक बीज तैयार करने को कहा है ताकि राज्य में इस किस्म का अधिक उत्पादन हो सके और किसानों को लाभ हो। इतना ही नहीं इस किस्म के लिए किसानों को अनुदान यानि सब्सिडी का लाभ भी सरकार की ओर से दिया जाएगा। इसके तहत किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। जिन किसानों ने पिछले वर्ष इस किस्म की बिजाई की थी, उनका सत्यापन करके उन्हें सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2022-23 के लिए गन्ना उत्पादकों को चीनी मिलों द्वारा दिए जाने वाले न्यूनतम मूल्य में 15 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इससे अब गन्ने का मूल्य यानि एफआरपी 305 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। जबकि पिछले विपणन वर्ष 2021-22 में गन्ने का एफआरपी 290 रुपए प्रति क्विंटल था। वहीं हरियाणा में गन्ने का अभी मूल्य 362 रुपए प्रति क्विंटल है जिसमें राज्य सरकार की ओर से और बढ़ोतरी की जा सकती है। बता दें कि देश में किसानों को सबसे ज्यादा गन्ने का भाव देने वाला हरियाणा प्रदेश है। यहां किसानों को अन्य राज्यों के तुलना में गन्ने का अच्छा भाव मिलता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के गन्ने की बकाया राशि का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। बस अब केवल एक शुगर मिल की बकाया राशि बाकी है, उस शुगर मिल बकाया राशि का भुगतान भी शीघ्र करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को अब जल्द ही बकाया राशि मिल जाएगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस साल शुगर मिलों का पिराई सत्र पिछले सत्र से पहले शुरू किया जाएगा ताकि किसान अगली फसल की बुवाई करने को कोई परेशानी नहीं हो। कृषि मंत्री ने कहा कि सहकारी शुगर मिलों एवं प्राइवेट शुगर मिलों के उत्पादन में जो अंतर है, इसे दूर करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। रिपोर्ट आने के बाद व्यक्तिगत स्तर पर शुगर मिलों की जवाबदेही तय की जाएगी।
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