प्रकाशित - 11 Oct 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों की आर्थिक मदद के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। वहीं राज्य भी अपने-अपने स्तर पर योजनाएं संचालित करके किसानों की आर्थिक मदद देकर लाभ पहुंचा रहे हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पशुपालक किसानों के हित में गोधन न्याय योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत पशुपालन करने वाले किसानों से गोबर की खरीद की जाती है और इसकी एवज मेें उन्हें हर 15 दिन में गोबर खरीदी का भुगतान किया जाता है। अभी पिछले दिन राज्य सरकार ने इस योजना से जुड़े हितग्राहियों के खातों में 8 करोड़ 13 लाख रुपए की राशि किसानों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की है।
पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और महिला स्वसहायता समूहों को मिली राशि इस राशि में से गोबर विक्रेता पशुपालकों, ग्रामीणों को 5.34 करोड़ रुपए की राशि, गौठान समितियों को 1.69 करोड़ और महिला स्व सहायता समूहों को 1.11 करोड़ रुपए की लाभांश राशि वितरित की गई। गोबर विक्रेताओं को इस भुगतान की गई राशि को मिलाकर गोबर खरीदी के एवज में अब तक 170.34 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान राज्य सरकार कर चुकी है।
छत्तीसगढ़ में है इन ट्रैक्टरों की सबसे ज्यादा है डिमांड, जानें, किसानों की क्या है पसंद
जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ में महिंद्रा, स्वराज और मैसी ट्रैक्टर की भारी डिमांड है। यहां के किसान इन कंपनियों के ट्रैक्टर अधिक पसंद करते हैं। इस तरह छत्तीसगढ़ के किसानों के बीच इन कंपनियों के ट्रैक्टर अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं।
गोधन न्याय योजना की राशि ट्रांसफर करने दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि दीपावली के पहले 17 अक्टूबर को किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त के साथ राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना की राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया जाएगा। इसके तहत किसानों, भूमिहीन कृषि मजदूरों और गोबर विक्रेताओं को लगभग 1800 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा दीपावली हम सब के लिए बड़ा त्यौहार है। दीपावली के पहले राशि मिलने से हम सब धूमधाम से दीपावली मनाएंगे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से पैरादान (पैरादान यानि फसल अवशेषों का दान) की अपील करते हुए कहा कि धान की कटाई शुरू होने वाली है। किसान पैरा न जलाएं, गौठानों में मवेशियों के चारे के लिए पैरादान करें। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था होने से वे खेत में नहीं जाएंगे। इससे खरीफ फसल के साथ-साथ उन्हारी फसल भी बचेगी। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों से उन्हारी फसलों, सरसों, तिवरा, अलसी आदि के बीज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू की जाएगी। अधिकारियों को बारदाने सहित धान खरीदी केंद्रों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दे दिए गए हैं, जिससे किसानों को धान बेचने में असुविधा न हो।
गोधन न्याय योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री बघेल ने अब ग्राम पंचायतों के बाद उनके आश्रित गांवों में गौठान शुरू करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना बनाने को कहा है। बता दें कि अब तक प्रदेश में राज्य सरकार ने 10 हजार 624 गौठानों की स्वीकृति दी है, जिसमें से 8408 गौठान बनकर तैयार हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब गांवों में पहले पहल गांवों में गौठान बने तो महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं में गौठान से जुडक़र वहां आजीविका मूलक गतिविधियां चलाई गई जिसके अच्छे नतीजे मिले। इसके तहत महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट के साथ सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन जैसी गतिविधियों से जुड़ीं जिससे उन्हेें गांवों में ही रोजगार मिल रहा है।
अब विगत 2 अक्टूबर को 300 रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के शुभारंभ के बाद अनेक गांवों से रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क प्रारंभ करने की मांग आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे गांवों में रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क शुरू करने के लिए कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए। हमें युवाओं को भी गौठानों से जोडऩा चाहिए। गौठानों में इन पार्को में वर्किंग शेड, पहुंच मार्ग निर्माण और बिजली, पानी की व्यवस्था के लिए प्रति गौठान दो-दो करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। गौठानों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध होने से यहां ग्रामीण युवाओं को अपने उद्यम शुरू करने में आसानी होगी। इससे गांवों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
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