Published - 25 Dec 2021 by Tractor Junction
सरकार कृषि और पशुपालन व मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो। इसी प्रकार राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। इसके तहत कई राज्यों में किसानों के लिए लाभकारी योजनाएं शुरू की गई हैं जिनका लाभ किसानों को मिल रहा है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसान पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से गोधन न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसान पशुपालकों से 2 रुपए किलो के हिसाब से गोबर की खरीद करती है। इस योजना से राज्य के लाखों पशुपालकों को फायदा हो रहा है। बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोबर विक्रेता पशुपालकों सहित गौठान समितियों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 3 करोड़ 93 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन अंतरित की है।
इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक 15 दिनों के बाद पशुपालकों से खरीदे गए गोबर तथा महिला समूहों को भुगतान किया जाता है। बीते दिनों मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के पशुपालकों तथा गौठानों को भुगतान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर विक्रेता पशुपालकों सहित गौठान समितियों एवं महिला स्वयं-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 3 करोड़ 93 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन अंतरित की है। इसमें राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीन से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 63 लाख रुपए भुगतान किया गया है। वहीं गौठान समितियों को 79 लाख और महिला समूहों को 51 लाख रुपए की लाभांश जारी किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गौठान मेप एप का भी शुभारंभ किया।
गोधन न्याय योजना के तहत प्रत्येक 15 दिनों के बाद पशुपालकों से खरीदे गए गोबर का भुगतान किया जाता है। इस बार पशुपालकों, ग्रामीणों तथा किसानों को 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदे गए गोबर का पैसा भेजा गया है। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह जो गौठानों में गोबर खाद बनाती है उन्हें भी पैसा भेजा गया है।
योजना के तहत 20 जुलाई 2020 से 15 दिसंबर 2021 तक कुल 58.32 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की गई थी, इसके एवज में गोबर बेचने वाले को अब तक 116.63 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ सरकार किसानों, ग्रामीणों तथा पशुपालकों से गोबर खरीद कर जैविक खाद बनाती है। गौठान चलाने की जिम्मेदारी महिलाओं को दी गई है। महिला समूहों द्वारा गौठानों में अब तक 9 लाख 69 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख 21 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया गया है। जिसे सोसायटी के माध्यम से बेचा जाता है। अभी तक गौठानों के महिलाओं को कुल 48 करोड़ 20 लाख रुपए की आय हो चुकी है।
छतीसगढ़ राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने हरेली पर्व पर 20 जुलाई 2020 को इस योजना की शुरुआत की गई थी। प्रदेश में गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन सुराजी गांव योजना के तहत कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सहाकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रुपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है। खरीदे गए गोबर से गौठानों में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाया जाता है और किसानों को कम दाम पर जैविक खाद उपलब्ध कराई जा रही है।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।