प्रकाशित - 19 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
भारत के किसान अपनी आय को बढ़ाने के लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन भी कर रहे हैं। किसान विभिन्न प्रकार के पशुओं को पाल कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य की जनजातीय महिलाओं के लिए कड़कनाथ मुर्गा पालन इकाई की स्थापना करने की योजना बनाई है, ताकि इन्हें रोजगार मुहैया कराया जा सके। पोषक तत्वों से भरपूर कड़कनाथ मुर्गे की मांग दिन-प्रतिदिन मार्केट में बढ़ती जा रही है। इसीलिए प्रदेश में कड़कनाथ मुर्गे को पालने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की हैं। राज्य सरकार की इस योजना के तहत लाभार्थियों को कड़कनाथ मुर्गे पालने के लिए शेड, बर्तन, दाना और 100 चूजे दे रही है। साथ ही सरकार कड़कनाथ मुर्गे को सही तरह से पालन करने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है। सरकार कड़कनाथ मुर्गे के 28 दिन के चूजे को टीकाकरण करने के बाद किसानों को दे रहीं हैं, ताकि चूजे में किसी तरह का संक्रमण ना फैले व इनकी मौत न हो। अगर किसान कड़कनाथ बेचने में समर्थ नहीं है, तो पशुपालन विभाग उनसे अंडे और मुर्गे की खरीद भी कर लेगा। कड़कनाथ मुर्गे को मध्य प्रदेश में जीआई टैग भी मिला हुआ है। किसान भाइयों आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी साझा करेंगे।
कड़कनाथ मुर्गे की त्वचा, पंख, मांस, खून सभी का रंग काला होता है। सफेद चिकन की तुलना में इसमें कॉलेस्ट्रोल की मात्रा काफी कम होती है, फैट की मात्रा कम होने के चलते इसे हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कम वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय-श्वास और एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है। मुर्गे की अन्य प्रजाति और उनके अंडों की तुलना में कड़कनाथ मुर्गा काफी मंहगा होता है। इसका एक अंडा करीब 30 से 35 रुपए और मुर्गा 900 से 1100 रुपए प्रति किलो तक आसानी से बिक जाता है। जबकि इस प्रजाति की मुर्गी की कीमत कड़कनाथ मुर्गे से भी तीन गुना ज्यादा होती है।
मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ पहले चरण में 310 महिलाओं ने लिया। इसमें झाबुआ जिले में 106, अलीराजपुर में 87 और बड़वानी जिले में 117 जनजातीय महिलाओं ने प्रथम चरण में कड़कनाथ मुर्गे का पालन शुरू कर योजना का लाभ लिया है। इन जिलों की महिलाओं को कुक्कुट विकास निगम द्वारा 10×17 का शेड, बर्तन, 6 माह तक का दाना, वैक्सीनेटेड 50 चूजे अब तक दिए जा चुके हैं। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में योजना का दूसरा चरण आरंभ हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना के क्रियान्वयन की प्रशंसा करते हुए कहा कि जल्द ही ये जनजातीय महिलाएं न केवल कड़कनाथ मुर्गे से अच्छी आय प्राप्त करेंगी बल्कि अपने बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ उज्ज्वल भविष्य भी सौंपेंगी। सरकार की कड़कनाथ कुक्कुट पालन योजना का लाभ सतना जिले के उचेहरा विकासखंड के कई गांव की महिलाओं ने भी उठाया है। इसमें जनजातीय बाहुल्य ग्राम गोबरांव कला, पिथौराबाद, धनेह, जिगनहट, बांधी, मौहार और नरहटी में जनजातीय महिलाओं के लिए करीब 30 कड़कनाथ कुक्कुट इकाइयां स्थापित कर दी गई हैं। योजना के तहत इन्हें पहले चरण में 40-40 कड़कनाथ चूजे और उच्च गुणवत्ता युक्त 58 किलोग्राम कुक्कुट आहार दिया गया है।
कड़कनाथ मुर्गी पालन करते समय किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता हैं, वो बातें निम्नलिखित हैं
कड़कनाथ मुर्गी पालन करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन योजना चलाई है, जिसमें कुक्कुट परियोजना के तहत 25 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश सरकार कड़कनाथ मुर्गी पालन करने वाले किसानों को शेड, बर्तन, दाना और चूजे भी दे रही हैं। इच्छुक लोगों को बैंक से लोन, नाबार्ड लोन और कई प्रकार के वित्तीय संस्थानों से भी सस्ती ब्याज दरों पर लोन मिल जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, कड़कनाथ मुर्गी पोल्ट्री फार्मिंग करके किसान सालाना 35 लाख रुपए तक आसानी से कमा सकते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी या फिर पशु औषधालय के प्रभारी या उप संचालक पशु चिकित्सा से योजना की जानकारी लेना होगा, तथा फॉर्म को भर कर सरकार द्वारा तय राशि जमा करनी होगी। इसके बाद आपके आवेदन का सत्यापन करके आपको योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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