प्रकाशित - 09 Jan 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें पीएम किसान सम्मान निधि योजना, पीएम आवास योजना, कृषि यंत्र अनुदान योजना, पीएम फसल बीमा योजना आदि लाभकारी योजनाएं शामिल हैं। इसी तरह राज्य सरकार भी अपने स्तर पर योजनाओं का संचालन करते हुए किसानों को लाभ पहुंचा रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना (Interest Subsidy Grant Scheme) चलाई जा रही है। इसके तहत प्रदेश के किसानों को एक लाख रुपए का ऋण बिना ब्याज के प्रदान किया जा रहा है।
राज्य कैबिनेट की ओर से किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने का फैसला लिया गया है ताकि राज्य के किसान आसानी से अपने खेतीबाड़ी के कामों को कर सकें और उन्हें पैसाें की परेशानी नहीं आए। राज्य सरकार की ओर से संचालित ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना (Interest Subsidy Grant Scheme) के क्रियान्वयन के लिए 5700 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। ऐसे में राज्य के लाखों किसानों को एक लाख रुपए का ब्याज मुक्त ऋण मिलना आसान हो गया है।
बता दें कि सरकार की ओर से कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। यह योजना अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से संचालित की जा रही हैं। राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर किसानों के लिए योजनाएं चला रही है और उन्हें खेती के लिए ब्याज मुक्त ऋण या कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराती हैं।
ब्याज मुक्त ऋण के लिए निर्धारित नियमों के मुताबिक जो किसान एक लाख से तीन लाख रुपए तक का कृषि ऋण लेगा, उससे 2 प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाएगा। ब्याज की यह दरें एक अप्रैल 2022 से पहले लिए गए कृषि ऋण वाले किसानों पर भी लागू होगी। इससे पहले राज्य के किसानों के लिए राज्य के प्रमुख कार्यक्रम “आजीविका और आय संवर्धन के लिए कृषक सहायता” जिसे संक्षेप में कालिया योजना का नाम दिया गया के तहत 50,000 रुपए की सीमा तक ब्याज मुक्त फसल ऋण प्रदान किया गया था। लेकिन अब राज्य के किसानों के लिए ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना शुरू की गई है। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ प्राप्त होगा।
राज्य सरकार की ओर से ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना (Interest Subsidy Grant Scheme) खास तौर से छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखकर लागू की गई है। ऐसे में इस योजना के तहत सबसे अधिक लाभ छोटे और सीमांत किसानों को होगा। इस योजना के तहत इन छोटी जोत वाले किसानों को खेती-किसानी के काम के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी खेती का काम कर सकें। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य छोटे व सीमांत किसानों की आय बढ़ाना है।
राज्य सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना (Interest Subsidy Grant Scheme) को 5 साल के लिए लागू किया गया है। इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 के दौरान करीब 32.43 लाख छोटे और सीमांत किसानों ने सहकारी बैंकों और प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) के माध्यम से जीरो 0 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर एक लाख रुपए तक या इससे कम का फसल ऋण लिया। सरकार द्वारा निर्धारित फसल ऋण को जारी करने में शामिल सहकारी बैंकों और पैक्स को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सहकारी बैंकों और पैक्स को ब्याज सब्सिडी या सबवेंशन दे रहा है। इससे यह लाभ होगा कि किसानों को कम ब्याज दरों पर समय-समय पर आसानी से ऋण मिल जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए सहकारी बैंकों या पैक्स को ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पूरे पांच वर्षों तक के लिए लागू रहेगी।
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार सहकारी बैंकों ने साल 2000-2001 में 6.40 लाख किसानों को 438.36 करोड़ रुपए तक का फसल ऋण वितरण में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। साल 2022-23 में 32.57 लाख किसानों को 16683.57 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। वर्तमान में सहकारी समितियां राज्य में वितरित कुल फसल ऋण का करीब 55 प्रतिशत प्रदान करती हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 17 प्रतिशत है। अधिकारियों के मुताबिक किसानों को सस्ती दर पर पर्याप्त और परेशानी मुक्त ऋण की उपलब्धता कराना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता रही है।
यदि आप ओडिशा राज्य के किसान है तो आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप सहकारी बैंक या सहकारी समिति के माध्यम से इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक से फॉर्म लेना होगा। इसमें पूछी गई सभी जानकारियां भरनी होगी व फार्म के साथ मांगे गए सभी दस्तावेजों को इसके साथ संलग्न करके जिस बैंक से आपने फार्म लिया है वहीं इसे जमा करा देना है। बैंक की ओर से आपके द्वारा भरे फॉर्म व इसके साथ अटैच किए गए दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। यदि आप ब्याज सब्सिडी अनुदान योजना के लिए पात्र होंगे तो आपके लोन को मंजूर कर दिया जाएगा। इस तरह आप इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए राज्य के किसान अपने जिले के कृषि विभाग या बागवानी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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