कुसुम योजना के तहत झारखंड सरकार ने किसानों से मांगे आवेदन
पीएम कुसुम योजना के तहत देश भर के किसानों को सोलर पंप दिए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी दी जाती है। इस समय झारखंड में यहां के किसानों को सोलर पंप खरीदने पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इच्छुक व्यक्ति इस योजना में आवेदन करके सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। राज्य के किसानों को अपने खेत में सोलर पंप लगवाने पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा। कृषि निदेशालय झारखंड द्वारा किए गए ट्विट के मुताबिक किसान इस संबंध में शिकायत दर्ज या जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान कॉल सेंटर के निशुल्क नं. 18001231136 पर सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही किसान अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
सोलर पंप लगवाने से क्या होगा लाभ
सरकार किसानों की पारंपरिक पेशा खेती को जलाभाव से संरक्षित करने के साथ -साथ आर्थिक रूप से और भी मजबूत बनाना चाहती है। पीएम कुसुम योजना के तहत किसान अपने खेत में सोलर पंप लगाकर खेतों की सिंचाई करने के साथ-साथ अतिरिक्त उत्पन्न बिजली को ग्रिड को बेच कर पैसा कमा सकेंगे। बंजर भूमि पर भी सोलर पंप लगवाया जा सकता है। किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए कुल लागत का केवल 10 प्रतिशत पैसा ही देना होगा।
सोलर पंप सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्रता और शर्तें
सोलर पंप पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार से हैं-
- राज्य का कोई भी किसान अपने खेत पर सोलर पंप लगवा सकता हैं।
- एक परिवार के एक ही व्यक्ति को सोलर पंप पर सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
- कुसुम योजना के अंतर्गत 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदक द्वारा आवेदन किया जा सकता है।
- आवेदक द्वारा अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता (दोनों में से जो भी कम हो) के लिए आवेदन कर सकता है।
- प्रति मेगावाट के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।
- इस योजना के अंतर्गत स्वयं के निवेश से प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
- यदि आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है तो विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होनी अनिवार्य है।
- योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति/लघु/सीमांत किसान/महिला किसानों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।
- किसान को सोलर पंप की क्षमता के अनुसार 4/6/8/10 इंच व्यास का डीप बोरिंग अपने स्तर से करना होगा। उक्त योजना का लाभ सभी वर्ग/स्तर के किसानों को दिया जाएगा, जिनके पास खेती योग्य भूमि का होना अनिवार्य होगा।
सब्सिडी पर सोलर पंप प्राप्त करने के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
सोलर पंप पर सब्सिडी (Subsidy On Solar Pump) का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-
- आवेदन करने वाले किसान का पहचान पत्र इसमें आधार कार्ड
- आवासीय प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बिजली बिल। इनमें से कोई एक की कापी)
- जमीन की रसीद/खसरा खतौनी की कॉपी
- नोटिरी से अटेस्टेट किया हुआ एक घोषणा पत्र देना होगा।
- हाल ही का एक स्व-सत्यापित फोटो।
- झारखंड सरकार के कृषि विभाग/जल संसाधन विभाग से फर्म भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए स्वप्रमाणित प्रमाण-पत्र (ये दस्तावेज की कॉपी वो किसान जमा करें, जो अपने खेतों में सुगम सिंचाई व्यवस्था स्थापित किए हुए हैं और ये दस्तावेज बाकी किसानों के लिए अनिवार्य नहीं है।)
झारखंड में सोलर पंप पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कैसे करें आवेदन
राज्य के किसान झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी जो राज्य सरकार ऊर्जा विभाग के तहत एजेंसी है। उसकी वेबसाइट https://www.jreda.com/content/74/Solar%20Water%20Pump%20Program पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
कुसुम सोलर पंप योजना की खास बातें (Solar Pump Subsidy Yojana)
- इस योजना के तहत प्लांट की कुल लागत का 30 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी इसके अलावा 30 प्रतिशत राशि कृषि उपभोक्ताओं को लोन के रूप में नाबार्ड या अन्य बैटिंग संस्थान द्वारा फाइनेंस करवाए जाएंगे।
- किसानों को केवल 10 प्रतिशत राशि ही देनी होगी।
- इसके अलावा अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने पर बची हुई बिजली को किसान द्वारा बेचा भी जा सकता है।
- आवेदक के पास आवेदन के समय आधार कार्ड एवं बैंक खाता होना अनिवार्य है।
- सरकार द्वारा आवेदक के खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी।
- इसके अलावा किसान, डिस्कॉम एवं बैंक के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट साइन किया जाएगा। किसान द्वारा बेची गई बिजली की कमाई को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
- पहला हिस्सा उपभोक्ता का एवं दूसरा हिस्सा लोन की किस्त का होगा।
- इस योजना के माध्यम से किसानों तक बिजली पहुंचेगी तथा बंजर जमीन से पैसे कमाए जा सकेंगे।
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