प्रकाशित - 17 Dec 2023
किसानों को खेती में आसानी हो, इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए सरकार ने कृषि यंत्र अनुदान योजना (Agriculture Equipment Grant Scheme) चला रखी है। यह योजना अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से चलाई जा रही है। मध्यप्रदेश में ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना (E-Agriculture Equipment Subsidy Scheme) तो उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) के नाम से चलाया जा रहा है। इसी तरह अन्य राज्यों में इसका संचालन को रहा है।
इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत खेती में काम आने वाले कृषि यंत्र रोटावेटर, कल्टीवेटर और पावर स्प्रेयर (Rotavator, Cultivator and Power Sprayer) पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। राज्य के जो किसान भाई इन कृषि यंत्रों की खरीद के लिए सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत रोटावेटर, कल्टीवेटर और पावर स्प्रेयर पर कितनी सब्सिडी (subsidy) मिलेगी, इसके लिए कैसे आवेदन करना होगा, आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।
राज्य के किसानों को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्रों का वितरण किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को रोटावेटर, कल्टीवेटर, पावर स्प्रेयर सहित अन्य कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा अन्य कृषि यंत्रों जैसे- पंप सेट, सीड ड्रिल, पाइप, नेपसेक स्प्रेयर, मिनी राइस मिल, दाल मिल, मानव चालित स्प्रेयर, कोनो वीडर, सीड स्टोरेज, सीड ट्रीटमेंट ड्रम यंत्र पर भी अनुदान दिया जा रहा है।
रोटावेटर को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से खेत में बीज की बुवाई के समय किया जाता है। रोटावेटर की सहायता से मक्का, गेहूं, गन्ना आदि के अवशेषों को हटाया जा सकता है और इनका मिश्रण भी किया जा सकता है। इसके अलावा यह मशीन खेतों में बीज की बुआई के बाद उर्वरकों और बीज को अच्छी तरह मिला देती है। रोटावेटर की सहायता से मिट्टी की 125 मिमी-1500 मिमी की गहराई तक जुताई की जा सकती है। रोटावेटर के उपयोग से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है इसके अलावा धन, लागत, समय और ऊर्जा आदि की भी बचत होती है।
कल्टीवेटर की सहायता से कड़ी मिट्टी की परत को तोड़ना, कृषि कार्य के लिए मिट्टी तैयार करना, खरपतवार निकालना या निराई, गहरी जुताई जैसे कार्य किए जा सकते हैं। कल्टीवेटर का इस्तेमाल कतार में बोई जाने वाली फसलों के लिए किया जा सकता है। इसके खेती में इस्तेमाल से श्रम, समय व धन की बचत होती है।
स्प्रेयर पंप बिजली व बैटरी दोनों से चलने वाला कृषि यंत्र है। इसकी सहायता से फसल पर पानी, उर्वरक व कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है। इस उपकरण की सहायता से किसान कम समय में अधिक क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है।
योजना के तहत आवेदन हेतु किसानों को कुछ दस्तावेजों (documents) की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं
यदि आप झारखंड राज्य के किसान है तो आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत उपरोक्त कृषि यंत्रों का लाभ लेने के लिए आप अपने प्रखंड के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक के माध्यम से आवेदन जमा करा सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
कृषि यंत्रों पर किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान देने के साथ ही राज्य के किसानों के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना भी लागू की जाएगी। इस योजना के तहत सभी जिलों के किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के प्रथम चरण के लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के किसानों को 1,112 ट्रैक्टर व 970 कृषि यंत्र वितरित किए जाएंगे। बता दें कि इस योजना को विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली राज्य योजना प्राधिकृत समिति और वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने मंजूरी दे दी है। अब इसको कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही यह योजना प्रदेश में लागू कर दी जाएगी।
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