प्रकाशित - 08 Jan 2023
किसानों को खेती के लिए उन्न्त बीज, खाद, कीटनाशक के अलावा आधुनिक कृषि यंत्रों की भी आवश्यकता होती है। आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से कम समय और श्रम में खेतीबाड़ी का काम निपटाया जा सकता है। किसानों के लिए कृषि यंत्रों की उपयोगिता को देखते हुए खेती में यंत्रीकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि यंत्र अनुदान योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना को अलग-अलग राज्य में अलग-अलग योजना के नाम से संचालित किया जा रहा है। जिस पर सब्सिडी भी अलग-अलग राज्य अपने यहां निर्धारित नियमों के अनुसार दे रही हैं। बात करें राजस्थान की तो यहां कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए किसानों को ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्र खरीदने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर राजस्थान सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान की जानकारी दे रहे हैं तो बने रहिये हमारे साथ।
कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center) एक ऐसी जगह है जहां किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं। जो किसान खेती के कार्यों के लिए कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते हैं, वे कस्टम हायरिंग सेंटर से मामूली किराये पर कृषि यंत्र का लाभ उठा सकते हैं। इसकी स्थापना के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार ग्रामीण इलाकों में कृषि यंत्र खोलने के लिए किसान संगठनों को करीब 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है। यह सब्सिडी उन्हें ट्रैक्टर सहित खेती में इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए दी जाएगी।
राजस्थान सरकार द्वारा क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस) और ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) को 10 लाख रुपए की लागत से कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों की खरीद पर लागत का 80 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
राजस्थान सरकार की ओर से सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को लाभान्वित करने के लिए क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस), ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) और कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के माध्यम से कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। इस योजना का लाभ उपरोक्त संगठनों से जुड़े किसान उठा सकेंगे।
सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जा रही है। योजना के तहत कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए ट्रैक्टर, थ्रेशर, रोटावेटर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल जैसे उन्नत कृषि यंत्रों की खरीद की जाती है। इन कृषि यंत्रों की ख्ररीद के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए गत 4 वर्षों में 43 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से 748 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। राजस्थान में बजट घोषणा 2022-23 के अनुसार राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के तहत आगामी 2 वर्षों में जी.एस.एस. एवं के.वी.एस.एस के माध्यम से 1500 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 600 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप अब तक 500 हायरिंग केंद्र स्थापित करने की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए सब्सिडी हेतु आवेदन के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की अवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए जिसमें कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आप अपने क्षेत्र के ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित किए गए शुल्क को देकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद उप निर्देशक, कृषि जिला परिषद कार्यालय द्वारा प्राप्त आवेदनों को रजिस्टर में इंद्राज कर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद किसानों को बजट की उपलब्धता की अनुरूप वरियता क्रम में नियमानुसार अनुदान से लाभान्वित किया जाएगा। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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