प्रकाशित - 22 Jul 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार खेती बाड़ी के साथ ही मछलीपालन पर भी जोर दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से मछलीपालन शुरू करने के लिए 60 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा कई सुविधाएं भी मछलीपालकों को दी जा रही है। इतना ही नहीं यदि आपके पास पैसा नहीं है तो आप मछलीपालन व्यवसाय खोलने के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं। यहां ये बताना जरूरी होगा कि लोन केवल केसीसी धारकों को ही दिए जाएंगे यानि आपके पास केसीसी है तो आपको बैंक से लोन आसानी से मिल जाएगा। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको मछली पालन पर कैसे लोन ले, इस पर कितनी सब्सिडी सरकार देगी और इसके लिए कैसे आपको अप्लाई करना होगा। इन सब बातों की जानकारी हम इस पोस्ट में दे रहे हैं इसलिए इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े और लाभ उठाएं।
मछली पालन के लिए किसानों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सहायता दी जाती है इसके लिए बैंक से लोन दिया जाता है और इसके अलावा मछलीपालन का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। वहीं नाबार्ड के तहत भी किसानों को मछलीपालन के लिए मछलीपालन के लिए सहायता दी जाती है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) के तहत मछलीपालन व्यवसाय के लिए सस्ती दर पर बैंक से लोन मिलता है। इस पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पुरुष एवं महिला किसानों को 60 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है, जबकि सामान्य वर्ग के किसानों के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
मछलीपालन के लिए किसान केसीसी कार्ड से 2 लाख रुपए तक लोन आसानी से ले सकते हैं। इस लोन पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होता है। यदि पहली बार समय पर लोन चुका देते हैं तो आप अगली बार फिर लोन लेने के पात्र हो जाते हैं। इसके लिए आपको ब्याज दर में छूट दी जाती है जो तीन प्रतिशत होती है। इस तरह मछलीपालक मात्र 4 प्रतिशत की दर पर बैंक से इस व्यवसाय के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से किसानों के साथ ही मत्स्यपालकों एवं पशुपालकों को भी जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अपेक्स बैंक में सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए इस संबंध में सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मछली पालन और पशुपालन के काम में लगे लोगों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अधिक से अधिक नए सदस्य किसानों को फसली ऋण से जोड़ा जाए। इस वर्ष सरकार ने 5 लाख नए सदस्य किसानों को जीरो प्रतिशत पर फसली ऋण का लाभ देने का फैसला लिया है। बता दें कि वर्ष 2022-23 में राजस्थान में 20 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त फसली कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा गया है। यहां हम आपको ये बता दें कि ये सुविधा केवल सहकारी समिति से जुड़े किसानों को ही मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों से जुड़े मछलीपालक किसानों को शून्य ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि इससे पहले इन मछुआरों को एक लाख रुपए तक एक प्रतिशत ओर तीन लाख रुपए पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज पर लोन दिया जाता था। सस्ती दर लोन उपलब्ध कराने के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जाएगी।
यहां किसानों को मछलीपालन के लिए फ्री पानी की सुविधा दी जा रही है। इससे पहले राज्य में मछली पालन के लिए 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई बांधों और जलाशयों से नहर के माध्यम से जलापूर्ति आवश्यकता पड़ती थी, जिसके लिए मत्स्य कृषकों एवं मछुआरों को प्रति 10 हजार घन फीट पानी के बदले 4 रुपए का शुल्क अदा करना पड़ता था, जो अब मछलीपालकों को फ्री में मिल रहा है। योजना के तहत किसानों को रंगीन मछली पालन करने के लिए भी अनुदान पर पैसे दिए जाते हैं। इसके अलावा किसानों को नाबार्डी की तरफ से भी भी टैंक या तालाब बनाने के लिए 60 फीसदी अनुदान पर राशि दी जाती है।
मछलीपालन (Fish Farming) पर लोन और सब्सिडी के लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आवेदन करना होगा। वहीं लोन के लिए आपको निकटतम सहकारी बैंक से संपर्क करना होगा, क्योंकि इसमें मिलने वाली सब्सिडी नाबार्ड योजना के तहत दी जाती है। बैंक में जाकर आपको यहां लोन के लिए फॉर्म भरना होगा। आवेदन भरते समय आपको प्रमुख रूप से आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज, बैंक विवरण हेतु बैंक पास बुक की कॉपी, मोबाइल नंबर देना होगा। आवेदन के बाद यदि बैंक से लोन स्वीकृत हो जाता है तो आपको सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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