प्याज की खेती पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी - जानें पूरी जानकारी

Share Product प्रकाशित - 20 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

प्याज की खेती पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी - जानें पूरी जानकारी

जानें, प्याज की खेती पर सब्सिडी की पूरी जानकारी

प्याज भारत में एक महत्वपूर्ण फसल मानी जाती हैं, भारत में प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। प्याज का उपयोग सब्जी, आचार तथा मसालें के लिए किया जाता है, इसलिए प्याज की मांग घरेलू बाजार के साथ-साथ विदेशी बाजारों में भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय किसान पारंपरिक फसलों के साथ ही अब बागवानी फसलों की तरफ रूख कर रहें हैं। खेती की लागत कम करने, आधुनिक खेती और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार व केंद्र सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही हैं। 

इसी क्रम में बिहार राज्य सरकार, राज्य में बागवानी फसलों में अपार संभावना को देखते हुए किसानों को फूल, सब्जी, फल सहित अन्य प्रकार की फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए यहां राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत एकीकृत बागवानी विकास मिशन संचालित की जा रही है। इसके तहत विशेष उद्यानिक फसल योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से किसानों को बागवानी फसलों की खेती करने के लिए इकाई लागत पर सब्सिडी दी जाती है ताकि खेती में होने वाले खर्च को कम करके किसानों का मुनाफा बढ़ाया जा सके।

प्याज की खेती पर कितनी मिलेगी सब्सिडी

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बिहार सरकार द्वारा प्याज की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 98,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की इकाई लागत पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी जो कि 49,000 रुपए तक दिए जा रहे हैं। उद्यानिकी विभाग के अनुसार प्याज का क्षेत्र विस्तार हेतु खरीफ में 10 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर एवं रबी में 12 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होगी। 

इन जिलों के किसान कर सकते हैं आवेदन

विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत प्याज के क्षेत्र विस्तार के लिए औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कैमूर, कटिहार, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सिवान तथा वैशाली जिलों का चयन किया गया है। इसलिए इन जिलों के किसान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत तथा सभी वर्ग की महिला किसानों के लिए 30 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

प्याज की खेती पर सब्सिडी पाने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Pyaj ki kheti)

बिहार सरकार प्याज की खेती पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • खसरा नंबर/बी1/वन पट्टे की प्रति   
  • बैंक विवरण के लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • आवेदन करने वाले किसान का फोटो
  • किसान का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक  हो।

प्याज की खेती पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन (Onion Farming)

योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं। जिले के इच्छुक किसान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करके योजना का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन करने लिए किसान के पास 13 नंबर का डीबीटी नंबर होना जरूरी है। वहीं जिन किसानों के पास डीबीटी पंजीयन संख्या नहीं है वह किसान https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर पंजीयन करा सकते हैं। इसके बाद किसान बिहार उद्यानिकी विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन करके योजना का लाभ ले सकते हैं। किसान, योजना के संबंध में विशेष जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान या प्रखंड उद्यान कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। 

प्याज की खेती पर सब्सिडी के संबंध में आवश्यक नियम व शर्तें

जिले के किसानों को प्याज पर सब्सिडी के लिए आवेदन करने से पूर्व बिहार शासन द्वारा इसके लिए तय किए गए नियम व शर्तों को अवश्य पढ़ लें और इसके बाद आवेदन करें। ये नियम और शर्तें इस प्रकार से हैं

  • विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत प्याज को शामिल किया गया है। इस योजना को वर्ष 2022-23 में प्रारंभ किया गया है।
  • प्याज की खेती का विस्तार क्षेत्र औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कैमूर, कटिहार, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, पूर्णियां, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सिवान एवं वैशाली जिलों में कराया जाएगा, जिसके लिए रोपण सामग्री की उपलब्धता एन.एच.आर.डी.एफ. से सुनिश्चित किया जाएगा। 
  • प्याज का क्षेत्र विस्तार हेतु खरीफ में 10 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर एवं रबी में 12 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होगी।
  • चयन हेतु जिला के लक्ष्य तहत 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 1 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
  • कृषक चयन में प्रत्येक वर्ग से 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा।
  • नियमानुसार सहायतानुदान डीबीटी कार्यक्रम के तहत सीएफएमएस द्वारा भुगतान किया जाएगा।


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