प्रकाशित - 17 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चला रही है। इसमें पीएम किसान योजना, कृषि यंत्र अनुदान योजना किसानों की लोकप्रिय योजनाओं में से हैं। पीएम किसान याेजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए की मदद सरकार की ओर से की जाती है। वहीं कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाते हैं। समय के साथ-साथ हर क्षेत्र में परिवर्तन आया है। इसी प्रकार कृषि के क्षेत्र में भी काफी परिवर्तन हो रहा है। किसान अब खेती के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करने लगे हैं। इस कड़ी में अब सरकार की ओर से किसानों को खेती में ड्रोन का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है। बता दें कि कृषि यंत्र अनुदान योजना की सूची में अब ड्रोन को भी शामिल कर लिया गया है। इससे किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीद की तरह ही अब ड्रोन खरीदने के लिए भी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
किसानों को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत ड्रोन खरीदने के लिए भी सब्सडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का निर्धारण भी कर दिया गया है, जो इस प्रकार से है
ड्रोन की सहायत से एक एकड़ खेत में महज एक घंटे में कीटनाशक या लिक्विड फर्टिलाइजर का छिड़काव किया जा सकता है। वहीं यदि पारंपरिक स्प्रेयर से कीटनाशक छिड़काव किया जाए तो इसी काम में छह सात घंटे लगते हैं। ड्रोन के जरिए छिड़काव करने से किसानों की कई तरीके से बचत होगी। एक तो कम समय में छिड़काव हो जाएगा। दूसरा, ड्रोन के जरिए खेत में हर जगह एक समान छिड़काव होता है। इसके उलट, यदि पारंपरिक तरीके से छिड़काव किया जाए तो सब जगह एक समान छिड़काव नहीं हो पाता।
यदि पांरपरिक तरीके से छिड़काव किया जाए तो एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए दो-तीन मजदूर की आवश्यकता होती हैं। यदि एक मजदूर की मजदूरी 500 रुपए मानें तो तीन मजदूरों की मजदूरी 1500 रुपए होती है। वहीं ड्रोन से छिड़काव करने पर एक एकड़ का किराया महज 400 रुपए ही पड़ता है। इस तरह किसानों को ड्रोन से छिड़काव करने पर एक एकड़ में 1100 रुपए की बचत होगी।
किसानों के लाभार्थ केंद्र सरकार की ओर से “कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (SMAM) योजना शुरू की है। इसके तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कृषि ड्रोन की खरीद, किराए पर लेने और प्रदर्शन में सहायता करके इस तकनीक को किफायती बनाने के लिए आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को वित्त पोषण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ड्रोन के इस्तेमाल के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन खरीदने के लिए 100 फीसदी या दस लाख रुपए तक अनुदान देने की परिकल्पना की गई। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठनों को ड्रोन खरीदने के लिए 75 फीसदी तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। यह वित्तीय सहायता और 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी। प्रदर्शन के लिए ड्रोन किराए पर लेने वाले एजेंसियों को 6,000 रुपए हर बार आक्समिक खर्च के तौर पर दिए जाएंगे। ड्रोन खरीद कर प्रदर्शन करने वाले एजेंसियों को आक्समिक खर्च के तौर 3,000 रुपए प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे।
ड्रोन पर सब्सिडी पाने के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार से हैं
सब्सिडी पर ड्रोन खरीदने के इच्छुक किसान कृषि यंत्र अनुदान योजना में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। अलग-अलग राज्यों वहां की राज्य सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। किसान कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत ड्रोन के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क करें।
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