प्रकाशित - 18 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को लाभ प्रदान किया जा रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक योजना ऐसी भी है जिसमें खास किस्म की फसलों की खेती के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसमें व्यावसायिक फसलों को भी शामिल किया गया है। सरकार की इन योजनाओं की मदद से किसान कई तरह की लाभकारी फसलों की खेती करके अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से बांस की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को बांस की खेती करने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। किसान छत्तीसगढ़ सरकार की वन संपदा योजना के तहत आवेदन करके इसका लाभ उठा सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक किसान यदि किसान एक एकड़ में बांस की खेती करते हैं तो वे करीब डेढ़ से दो लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हैं। बांस को हरा सोना भी कहा जाता है। ऐसे में किसान इसका उत्पादन शुरू करके मालामाल हो सकते हैं।
बांस से कई प्रकार की चीजें जैसे- फर्नीचर, चटाइयां, टोकरियां, बर्तन, सजावटी सामान, जाल, मकान और खिलौने आदि बनाएं जाते हैं। बांस की देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुत मांग है। इसे दखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में बांस का उत्पादन बढ़ाना चाहती है। इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों को बांस की खेती पर अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसान आवेदन करके बांस की खेती पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बांस की खेती के लिए राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी, इसके लिए कैसे आवेदन करना है, किसान बांस को कहां बेच सकते हैं आदि बातों की जानकारी आपको दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर किसानों से बांस की खेती कराने की योजना है। इसके लिए उद्यानिकी, वन विभाग और कृषि विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। बांस की भालुका बांस, न्यूटंस बांस, जत्ती बांस, सुंदरकोंया बांस, देशी बांस को टिश्यू कल्चर तकनीक के माध्यम से उगाया जा रहा है। कृषि विज्ञानियों का मानना है कि यदि किसान टिश्यू कल्चर के पौधे लगाकर बांस का उत्पादन करते हैं तो उन्हें बेहतर मुनाफा होगा और ये किसानों के लिए हरा सोना साबित होंगे। एक अनुमान के मुताबिक बांस की खेती करके किसान प्रति एकड़ डेढ से दो लाख रुपए तक की आय प्राप्त कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बांस की देश--विदेश में बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य में बांस की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना शुरू की है। इसके तहत यहां के किसानों को टिश्यू कल्चर से बांस की खेती करने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
योजना के तहत टिश्यू कल्चर तकनीक से बांस की खेती करने पर प्रथम वर्ष में 11 हजार 500 रुपए, द्वितीय में वर्ष 7 हजार रुपए और तृतीय वर्ष के लिए 7 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी की राशि दी जाएगी। इस तरह बांस की खेती के लिए किसानों को कुल 25 हजार 500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को 5 एकड़ क्षेत्र के लिए यह अनुदान दिया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए बांस की फसल बेचने की सुविधा भी दी गई है, इसलिए किसानों को इसकी खेती करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। क्योंकि राज्य सरकार किसानों से खुद बांस की समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी जिसके लिए समर्थन मूल्य सरकार की ओर से तय किया जाएगा। इसके लिए प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य का निर्धारण शासन स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। बता दें कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य हितग्राहियों की निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी कंपनियों से वापस खरीदी सुनिश्चित कर उनकी आय में वृद्धि करना है।
इस योजना में शामिल होने वाले हितग्राही (किसानों) को मांग अनुसार निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराएं जाएंगे। योजना के तहत पौध रोपण का कार्य हितग्राही को स्वयं करना होगा। इसके अलावा हितग्राही को फेंसिंग एवं सिंचाई की व्यवस्था भी स्वयं के खर्च पर करनी होगी। दवितीय एवं तृतीय वर्ष में पौधों के जीवित प्रतिशत के अनुसार सब्सिडी की राशि हितग्राही के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
बांस की खेती पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
टिश्यू कल्चर तकनीक से बांस की खेती हेतु सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को अपने जिले के वन विभाग कार्यालय जाना होगा। यहां संबंधित अधिकारी से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। अब इस आवेदन फार्म में मांगी गई सभी जानकारी को ठीक से भरना होगा। इसके बाद फार्म में मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को फार्म के साथ अटैच करना है। अब इस फार्म को वापिस वन विभाग के कार्यालय में जमा कर देना है। इस तरह आप बांस की खेती के लिए अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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