प्रकाशित - 30 Jul 2023
किसान गेहूं, धान जैसी अनाज फसलों (grain crops) की खेती के साथ ही बागवानी फसलों की खेती (Cultivation of Horticulture Crops) करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। खास बात यह है कि इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को भारी सब्सिडी (subsidy) का लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में बागवानी फसलों के तहत पपीते की खेती (papaya farming) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को 45,000 रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। जो किसान पीपते की खेती करना चाहते हैं वे राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदान का लाभ उठाकर पपीते की खेती करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। बता दें कि पपीते की बाजार मांग काफी अच्छी रहती है। ऐसे में पपीते की खेती किसानों के लिए काफी लाभ का सौदा साबित हो सकती है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको पपीते की खेती पर कितनी सब्सिडी (Subsidy on Papaya Cultivation) दी जा रही है, इसके लिए कैसे आवेदन करना होगा, आवेदन के लिए किन डाक्यूमेंट्स (Documents) की आवश्यकता होगी, पपीते की खेती से कितना मुनाफा हो सकता है आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से उद्यान निदेशालय एवं राज्य बागवानी मिशन के अंतर्गत एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत पपीते की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए उद्यान विभाग ने पपीते की खेती की ईकाई लागत 60,000 रुपए निर्धारित की है। इस पर विभाग की ओर से किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। पपीते की खेती के लिए किसान 45,000 रुपए का अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। किसान को पपीते की खेती (papaya farming) के लिए अपने पास से सिर्फ 15,000 रुपए ही खर्च करना पड़ेगा। ऐसे में किसान बहुत कम पैसा खर्च करके पपीते की खेती कर सकते हैं।
उद्यान निदेशालय एवं राज्य बागवानी मिशन के अंतर्गत एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत बागवानी फसलों में पपीते की खेती के लिए किसान ऑनलाइन बागवानी (Horticulture) निदेशालय, बिहार सकार की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
राज्य के जो किसान पपीते की खेती (Papaya Farming) पर सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे इसके लिए ऑनलाइन आवेदन (Online Application) कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों (Documents) की आवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं
पपीते की खेती (Papaya Farming) करने में करीब 60 से 65 हजार प्रति ईकाई का खर्चा आता है। पपीते का एक पेड़ करीब 40 किलो तक फल देता है। एक हैक्टेयर में करीब 2250 पौधे तैयार किए जा सकते हैं। इस हिसाब से एक हैक्टेयर में करीब 900 क्विंटल तक पपीता प्राप्त किया जा सकता है। पपीते की बाजार में कीमत 40 से 50 रुपए प्रति किलो तक होती है। ऐसे में किसान एक हैक्टेयर में पपीते की खेती करके 10 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
पपीते का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है। पपीते में 89.6 प्रतिशत तक नमी हाेती है। इसमें विटामिन ए, प्रोटीन, विटामिन बी-2, वसा, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, निकोटिनिक एसिड, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, फास्फोरस पाया जाता है। इसके अलावा इसमें पर्याप्त मात्रा में कैलोरी और लौह तत्व होता है। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना गया है। पेट से संबंधित कब्ज को दूर करने में इसका प्रयोग काफी फायदेमंद हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी पपीते का सेवन लाभकारी है। इसे अलावा सूजन कम करने, वजन घटाने सहित आपकी स्किन को भी हेल्दी रखने में पपीता मददगार है।
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