प्रकाशित - 14 Sep 2022
ग्रामीण इलाकों में किसान खेती के साथ पशुपालन का काम करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। साथ ही गाय के गोबर से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं। गाय के गोबर का इस्तेमाल जैविक खेती में खाद के रूप में किया जा रहा है। इसके अलावा बायो गैस बनाने में भी गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग घरेलू तथा कृषि कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। बायोगैस उत्पादन के बाद बची स्लेरी का उपयोग खेतों में खाद के रूप में किया जाता है। इससे बेहतर फसल उत्पादन में लाभ मिलता है। इस तरह किसानों के लिए बायोगैस प्लांट लगाना काफी फायदे का सौंदा है। इसके लिए सरकार सब्सिडी भी देती है। इससे किसान कम खर्च पर बायोगैस प्लांट लगाकर इसका लाभ उठा सकते हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के दौरान बायो गैस को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत बायो गैस प्लांट योजना शुरू की गई है। इसके तहत बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना का लाभ पोल्ट्री फार्म सहित व्यावसायिक, खुद की डेयरी करने वाले किसान सहित गौ-शालाओं को प्रदान किया जाएगा। इच्छुक किसान इस योजना में 20 सितंबर तक आवेदन करके सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से बायो गैस प्लांट योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि आपको आवेदन करने में आसानी हो सके।
बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्त्रोत है जिसका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग घरेलू और खेती के काम के लिए भी किया जा सकता है। इसका मुख्य घटक हाइड्रो-कार्बन है, जो ज्वलनशील है और जिसे जलाने पर ताप और ऊर्जा मिलती है। बायोगैस का उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया द्वारा होता है, जिसके तहत कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को उपयोगी बायोगैस में बदला जाता है। इस गैस का मुख्य घटक मिथेन गैस है। बायोगैस को बनाने के लिए जैविक कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसे जैविक गैस या बायोगैस कहा जाता है।
बायोगैस प्लांट लगाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इनमें से कुछ लाभ इस प्रकार से हैं।
हरियाणा सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब 7.60 लाख पालतू पशुधन है। इन पशुओं के गोबर का इस्तेमाल करके लगभग 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस का बनाई जा सकती हैं। इस बायोगैस से प्रतिदिन तीन सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। बायो गैस प्लांट लगाने से ईंधन के लिए पेड़ों की कटाई पर भी रोक लग सकेगी। बायो प्लांट लगाने कर डेयरी किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं। साथ ही गौशालाएं भी इसका लाभ ले सकती हैं।
हरियाणा सरकार की ओर से राज्य में बायो गैस को बढ़ावा देने के लिए बायो गैस प्लांट योजना शुरू की है। योजना के तहत पशु पालक किसानों को बायो गैस प्लांट की लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसमें 25 क्यूबिक बायो गैस प्लांट से लेकर 80 क्यूबिक बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत कुल 5 तरह के बायो गैस प्लांट पर सब्सिडी दी जाएगी, जो इस प्रकार से है-
25 क्यूबिक बायो गैस प्लांट के लिए लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 1 लाख 27 हजार रुपए है। 25 क्यूबिक के बायो गैस प्लांट के लिए करीब 70-80 पशुओं के गोबर की आवश्यकता होती है।
35 क्यूबिक बायो गैस प्लांट के लिए लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 2 लाख 2 हजार रुपए है। 35 क्यूबिक के बायो गैस प्लांट के लिए लगभग 100-110 पशुओं के गोबर की आवश्यकता होती है।
45 क्यूबिक बायो गैस प्लांट के लिए लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 2 लाख 38 हजार 800 रुपए है। 45 क्यूबिक के बायो गैस प्लांट के लिए करीब 125-140 पशुओं के गोबर की आवश्यकता होती है।
60 क्यूबिक बायो गैस प्लांट के लिए लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 3 लाख 2 हजार 400 रुपए है। 60 क्यूबिक के बायो गैस प्लांट के लिए लगभग 175-185 पशुओं के गोबर की आवश्यकता होती है।
80 क्यूबिक बायो गैस प्लांट के लिए लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 3 लाख 95 हजार 600 रुपए है। 80 क्यूबिक के बायो गैस प्लांट के लिए करीब 250-270 पशुओं के गोबर की आवश्यकता होती है।
हरियाणा के एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस योजना का लाभ उठाने के लिए 20 सितंबर, 2022 तक आवेदन किया जा सकता है। योजना के तहत इच्छुक व्यक्तियों को बायो गैस प्लांट पर अनुदान के लिए अपना आवेदन जिला ग्रामीण विकास एजेंसी में जमा करना होगा। इसके अलावा लाभार्थी इस योजना की अधिक जानकारी के लिए संबंधित उपायुक्त कार्यालय के परियोजना अधिकारी से संपर्क कर अपना आवेदन जमा करवा सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों प्रीत ट्रैक्टर, इंडो फार्म ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖