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फूलों की खेती पर 40 प्रतिशत सब्सिडी, किसानों को मिलेंगे 16 हजार रुपए

प्रकाशित - 04 Jan 2023

जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे उठा सकते हैं लाभ

हमारे देश के किसान पारंपरिक फसलों की खेती करने के साथ-साथ अन्य व्यापारिक फसलों व फूलों की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। हमारे देश की मिट्टी और जलवायु विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती करने के लिए काफी उपयुक्त है। देश के किसान गुलाब, गेंदा, ग्लेडीयोलस, रात की रानी, बेला, मोगरा, हरसिंगार, सदासुहागन, लिली, गुलदावदी, रजनीगंधा से लेकर ट्यूलिप, लिलियम और विदेशी किस्मों के फूलों की भी खेती कर रहे हैं। हमारे देश में फूलों का उपयोग पूजा, सजावट,सांस्कृतिक कार्यक्रम, तीज-त्यौहार और तरह-तरह के आयोजन में होता है। इसीलिए देश में फूलों की मांग हमेशा रहती हैं व किसान भी विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती करके अच्छा लाभ व मुनाफा कमा रहे हैं।

पिछले कुछ वर्षों में किसानों के बीच फूलों की मिश्रित खेती करने का चलन भी बढ़ गया है। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बागवानी मिशन और अरोमा मिशन के अलावा राज्य सरकार भी अपने-अपने राज्यों में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन कर रही हैं। इसी कड़ी में राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य में फूलों की खेती बढ़ाने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है। किसान भाईयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ राजस्थान सरकार की इस योजना से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करेंगे।

फूलों की बागवानी करने के लिए इतनी मिलेगी सब्सिडी

राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों को लूज फ्लावर यानी देसी गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, गैलार्डिया की खेती करने के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ की अनुमानित लागत तय की है, इस राशि पर सरकार द्वारा 25 से 40 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी।
छोटे और सीमांत किसानों को फूलों की खेती करने की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी यानी कि अधिकतम 16,000 रुपये का अनुदान का लाभ दिया जाएगा। शेष अन्य श्रेणी के किसानों को फूलों की खेती करने पर 25 फीसदी की सब्सिडी यानी कि अधिकतम 10,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

अनुदान के साथ ही मिलेंगी कई अन्य सुविधाएं

फूलों की खेती करने के लिए राजस्थान सरकार की इस विशेष अनुदान योजना में आवेदन करने के बाद चयनित लाभार्थी किसानों को आर्थिक मदद के साथ विभाग की तरफ से तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।

  • सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार, चुने गए किसान को फूलों की खेती से लेकर उसकी मार्केटिंग और रख-रखाव और इस्तेमाल करने की जानकारी और मदद प्रदान की जाएगी।
  • फूलों की खेती करने वाले किसानों के खेत की मिट्टी और पानी की जांच के आधार पर उर्वरकों व खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। 
  • किसानों को मिलने वाली इस सब्सिडी की राशि में से सबसे पहले पौधे की रोपाई करने की सामग्री और फिर खेती में प्रयोग होने वाली बाकी चीजें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • फूलों की खेती करने वाले किसान को सड़ी हुई गोबर की खाद 1.00 रुपये प्रति किलोग्राम और वर्मीकंपोस्ट 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की रेट से उपलब्ध करवाई जाएगी।
  • फूलों की खेती में उपयोग होने वाली खाद, उर्वरक और कीटनाशक समेत बाकी चीजें सरकारी सहकारी समितियों के जरिए उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए dipr.rajasthan.gov.in पर जाकर योजना से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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राजस्थान के किन जिलों के किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

फूलों की खेती की इस अनुदान योजना के लिए सिर्फ राजस्थान के निवासी किसानों को शामिल किया गया है। इसमें मुख्य रुप से राजस्थान के अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बाड़मेर, जैसलमेर, बूंदी, चित्तौडगढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा,  टोंक, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, उदयपुर, बारां, करौली जिले के किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा।

योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

राजस्थान सरकार की इस योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। जो इस प्रकार से हैं-

  • आवेदक का आधार कार्ड
  • जमीन के कागजात
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आवेदक का बैंक खाता
  • आवेदक का मोबाइल नंबर जो आधार कार्ड से लिंक हो
  • किसान का शपथ पत्र
  • खेत की मिट्टी व पानी की जांच रिपोर्ट
  • जन-आधार या भामाशाह कार्ड की कॉपी 
  • योजना से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए www.horticulture.rajasthan.gov.in पर जा सकते हैं।

फूलों की खेती पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन

फूलों की खेती करने के लिए राजस्थान सरकार ने कुछ नियम व शर्तें भी रखी हैं। इस योजना का लाभ खुद की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को दिया जाएगा। अधिकतम अनुदान की रकम 2 एकड़ में फूलों की खेती के लिए दी जाएगी, हालांकि किसान के पास कम से कम 0.10 एकड़ खेत का होना अनिवार्य है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान चाहें तो अपने नजदीकी ई-मित्र सेवा केंद्र पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।

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