प्रकाशित - 07 Jun 2024
किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती के साथ ही पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को 50 चूजों का पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए 3000 रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। पशुपालन विभाग की ओर से पोल्ट्री फार्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ विशेषकर अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को दिया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश के हर जिले में 200 पोल्ट्री यूनिट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना का लाभ 15,000 ग्रामीणों को दिया जाएगा।
पशुपालन विभाग की ओर से स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत पोल्ट्री इकाई लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 50 चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए लाभार्थी को 3,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा चूजे, छप्पर की व्यवस्था, आहार, यातायात पर खर्च और ट्रेनिंग के लिए पूरा अनुदान दिया जाएगा यानि यह सभी चीजें लाभार्थी को नि:शुल्क प्रदान की जाएंगी। इसकी वसूली लाभार्थी से नहीं की जाएगी।
इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति के कमजोर वर्ग की महिला व पुरुष को दिया जाएगा। लाभार्थियों की चयनित सूची ग्राम प्रधान द्वारा बनाई जाएगी। इसके बाद इस चयनित सूची का परीक्षण संबंधित पशुचिकित्सा अधिकारी और पोल्ट्री प्रोग्राम आफिसर द्वारा किया जाएगा। वहीं जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी लाभार्थियों के चयन को अंतिम रूप देंगे। इसके लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए है उसी के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।
इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति के लोगों को प्रदान किया जाएगा। योजना की शर्त है कि लाभार्थियों का चयन ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान के माध्यम से किया जाएगा। जिस गांव में पोल्ट्री फार्म (poultry farm) खोलना है, लाभार्थी भी उसी गांव का निवासी होना चाहिए। लाभार्थी के पास अपने रहने की व्यवस्था हो और वह पोल्ट्री पालन में रुचि रखता हो।
योजना का लाभ अनुसूचित जाति के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना से गांव में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के जरिये अनुसूचित जाति के परिवारों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनका जीवन स्तर ऊंचा हो सकेगा।
लाभार्थियों का चयन करने के बाद उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय पर कुक्कुट पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण एक सप्ताह का होगा जो बिलकुल नि:शुल्क होगा। प्रशिक्षण में चूजों के रखरखाव, आहार और देखभाल आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश उप निदेशक (कुक्कुट रोग निदान), पशुपालन विभाग से संपर्क किया जा सकता है।
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