प्रकाशित - 16 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए किसानों को कई प्रकार की लाभकारी कृषि योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है जिससे उन्हें सस्ती दर पर खाद, उर्वरक, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं। इसी क्रम में किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नीलगिरी की खेती के लिए 25 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार, राज्य में वन आधारित फसलों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत नीलगिरी की खेती का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकार खुद किसानों से नीलगिरी की फसल खरीदेगी जिससे उन्हें इसे बचने के लिए इधर-उधर भटकने की भी आवश्यकता नहीं है। इस योजना के तहत किसान भाई आवेदन करके राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ पाने के लिए राज्य के किसान अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय और वन विभाग के आधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को नीलगिरी की खेती से होने वाले लाभ और इस पर सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं।
नीलगिरी को यूकेलिप्टस भी कहते हैं। इसके पेड़ बहुत ऊंचे होते हैं। इनसे इमारती लकड़ी प्राप्त होती है जिनका इस्तेमाल जहाज बनाने, इमारती खंभे और फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसकी पत्तियों से तेल निकाला जाता है जिसका उपयोग गले, नाक, गुर्दे तथा पेट की बीमारियों में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग सर्दी जुकाम में औषधि के रूप में किया जाता है। इस पेड़ से एक प्रकार का गोंद भी प्राप्त होता है। इस पेड़ की छाल को कागज और चमड़ा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
नीलगिरी की लकड़ी की मांग बाजार में बहुत रहती है। इसकी लकड़ी से सस्ते फर्नीचर बनाएं जाते हैं। बाजार में नीलगिरी की लकड़ी का भाव 6-7 रुपए किलोग्राम है। वहीं एक पेड़ से किसान को करीब 400 किलोग्राम लकड़ी प्राप्त होती है। इस तरह किसान यदि एक एकड़ में नीलगिरी के 1000 पौधे लगता है तो उसे काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। बता दें कि नीलगिरी का पेड़ पांच साल में अच्छी तरह से विकसित हो जाता है।
नीलगिरी के पौधे को विशेष मिट्टी और जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है, इसके पौधे सामान्य मिट्टी और जलवायु में उगाए जा सकते हैं। इसकी खेती के लिए 30-35 डिग्री तक तापमान अच्छा रहता है। इसे बीज या कलम दोनों तरीके से उगाया जा सकता है। इसके पौधे काफी लंबे होते हैं, इसलिए इन्हें जमीन में ही रोपा जाता है। इसके पौधे के ठीक तरह से विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश, हवा, पानी की आवश्यकता होती है। यदि सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो इससे काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। किसान, चाहे तो अपनी खेत की मेड़ पर भी इसे उगाकर बेहतर लाभ कमा सकते हैं। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ ही किसानों की इनकम भी बढ़ जाएगी।
नीलगिरी की खेती के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों कुल 25 हजार रुपए की सब्सिडी दे रही है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी की राशि का वितरण इस प्रकार से किया जाएगा।
नीलगिरी की खेती पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण दस्तोवजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार से हैं-
नीलगिरी की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को सबसे पहले अपने नजदीकी वन विभाग कार्यालय जाना होगा। यहां संबंधित अधिकारी से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। अब इस आवेदन फार्म में मांगी गई सभी जानकारी को ठीक से भरना होगा। इसके बाद फार्म में मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को इसके साथ अटैच करना है। अब इस फार्म को आपको वापिस वन विभाग के कार्यालय में जमा कर देना है। इस तरह आप नीलगिरी की खेती के लिए अनुदान का लाभ सरकार से प्राप्त कर सकते हैं।
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