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कृषि अनुदान योजना : कृषि से संबंधित 25 योजनाओं के फॉर्म भरने शुरू, ऐसे उठाएं लाभ

प्रकाशित - 23 Apr 2024

जानें, क्या है कृषि अनुदान योजना और इसमें कैसे करना है आवेदन

किसानों की आय बढ़ाने और खेती के काम को आसान बनाने के लिए सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। खास बात यह है कि इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी (subsidy) का लाभ दिया जाता है। ऐसे में किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र सहित अनेक खेती से संबंधित कार्यों के लिए अनुदान मिल जाता है जो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने में मदद करता है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत 25 से अधिक योजनाओं को शामिल किया गया है। इन योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचे, इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इन योजनाओं के तहत किसानों को अलग-अलग सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। राज्य के जो किसान इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, वे आवश्यकतानुसार अपने लिए उपयोगी योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं और सरकार से मिलने वाले अनुदान का लाभ उठा सकते हैं।

कृषि अनुदान योजना में किन योजनाओं को किया गया है शामिल

राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रखी है जिनके तहत उन्हें सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं में कृषि और उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाएं शामिल हैं जिन पर अनुदान के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन योजनाओं में कृषि यंत्र अनुदान योजना (agricultural equipment grant scheme), खेत की तारबंदी योजना (farm fencing scheme), फार्म पौंड योजना (Farm Pond Scheme), जल हौज योजना (water tank scheme), प्याज भंडारण संरचना योजना (onion storage structure scheme), सिंचाई पाइप लाइन योजना (irrigation pipeline scheme), ग्रीन हाउस (Greenhouse), शेडनेट हाउस (Shade Net House), फव्वारा संयंत्र (fountain plant), ड्रिप सिंचाई (drip irrigation), मिनी स्प्रिंकलर संयंत्र (mini sprinkler plant), सोलर वाटर पंप योजना (solar water pump scheme) सहित 25 योजनाएं शामिल है। इन योजनाओं के लिए आवेदन फॉर्म भरने शुरू हो गए हैं। योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसान निर्धारित अंतिम तिथि 15 मई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

लॉटरी से होगा लाभार्थी किसान का चयन

जानकारी के मुताबिक इन सभी तरह की कृषि अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद चयनित किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा। किसानों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा और वरीयता सूची के आधार पर किसानों को योजना के तहत सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमांत किसानों के साथ ही महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

किसानों को ऑनलाइन जमा कराना होगा योजना का फॉर्म

किसानों को इन सभी योजनाओं के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन जमा कराना होगा। इसके लिए किसान स्वयं विभागीय वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। यदि स्वयं आवेदन करने में असमर्थ है तो अपने पास के ई-मित्र केंद्र की सहायता से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसान के पास जनआधार कार्ड होना जरूरी है। इसके अलावा किसान के पास आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण व खेत की जमाबंदी की नकल जो छह माह से अधिक पुरानी नहीं हो आदि दस्तावेज की आवश्यकता होगी।

योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान कहां करें आवेदन

यदि आप राजस्थान के किसान है तो आप उपरोक्त 25 योजनाओं के तहत आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको राज किसान साथी पोर्टल (Raj Kisan Sathi Portal) पर जाकर आवेदन करना होगा। इन सभी योजनाओं के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित की गई है। जो किसान इन योजनाओं में आवेदन करना चाहते हैं वे 15 मई 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने निकटतम कृषि विभाग या उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

राजस्थान सरकार की प्रमुख कृषि योजनाएं

कृषि यंत्र अनुदान योजना : राजस्थान सरकार की ओर से राज्य के किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है। योजना के तहत अनुमोदित कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए किसानों को श्रेणी के अनुसार अधिकतम 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमांत किसानों सहित महिला किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं अन्य श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।

खेत तलाई योजना : इस योजना के तहत किसानों को खेत में छोटा तलाब जिसे तलाई कहा जाता है उसे बनवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है जिससे किसान वर्षा के पानी को इसमें इकट्‌ठा कर उसे सिंचाई के काम में ले सकें। इस योजना के तहत राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत किसानों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73,500 रुपए कच्चे फार्म पौंड पर तथा 90 प्रतिशत या 1,35,000 रुपए प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौंड पर अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63,000 रुपए कच्चे फार्म पौंड पर तथा 80 प्रतिशत या 1,20,000 रुपए प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौंड पर जो भी कम हो, अनुदान दिया जाता है। तालाब या पौंड का साइज न्यूनतम 400 घनमीटर होने पर ही अनुदान देय होगा।

खेत की तारबंदी योजना : नीलगाय व आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की ओर से खेत की तारबंदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी स्थापित करने पर लघु एवं सीमांत किसानों को लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 48,000 रुपए जो भी कम हो अनुदान दिया जाता है। वहीं योजना के तहत सामान्य किसानों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 रुपए जो भी कम हो अनुदान दिया जाता है। सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक किसानों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर में तारबंदी किए जाने पर लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 56,000 रुपए जो भी कम हो, प्रति किसान 400 रनिंग मीटर तक अनुदान दिया जाएगा।

ड्रिप सिंचाई योजना : इस योजना के तहत खेत में ड्रिप सिंचाई संयंत्र स्थापित करने के लिए सामान्य किसानों को लागत का 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वहीं लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला किसानों को लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत सभी श्रेणी के किसानों को ड्रिप संयंत्र पर अधिकतम 5 हैक्टेयर क्षेत्रफल तक के लिए अनुदान दिया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास कम से कम 0.2 हैक्टेयर सिंचित कृषि योग्य भूमि होना जरूरी है।

ग्रीन हाउस योजना : किसानों को सुरक्षित खेती जिसमें ग्रीन हाउस का निर्माण करके सब्जियों, फूलों व फलों आदि उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को निर्धारित इकाई लागत या विभाग द्वारा अनुमोदित फर्मस की दरों में से जो भी कम होने पर अधिकतम 4000 वर्गमीटर क्षेत्र के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वहीं लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान मिलता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बजट घोषणा की अनुपालना में अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों के साथ ही प्रदेश के सभी लघु, सीमांत श्रेणी के किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। आवेदक के पास कृषि योग्य भू-स्वामित्व एवं सिंचाई का स्त्रोत होना जरूरी है।

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