प्रकाशित - 31 Oct 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय व फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती हैं। सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने व फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्नत किस्मों के बीज किसानों को देती हैं। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से मटर उत्पादन पायलट प्रोजेक्ट के तहत पंचायत समिति ने निम्बाहेड़ा परिसर में किसानों को मटर की उन्नत खेती करने के लिए प्रशिक्षण एवं मटर की उन्नत किस्मों के बीजों का वितरण किया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार समय-समय पर किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करती रहती है, किसान इन योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने किसानों को राजस्थान के अन्य जिलों में कृषि के क्षेत्र में ईजाद हुई नवीनतम कृषि तकनीक का ज्ञान प्राप्त करने के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) से भेजने के लिए निर्देशित किया। राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि जिन किसानों का चयन मटर की खेती हेतु किया गया है, वह बुवाई से लेकर कटाई तक खर्चो के ब्यौरे का विवरण डायरी में नोट करें, ताकि अंत में गेहूं, जौ एवं चना आदि फसलों से मटर की खेती से होने वाले फायदे की तुलना की जा सके। बता दें कि मटर की खेती में अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन ट्रस्ट मद अंतर्गत जिला पंचायत समिति निम्बाहेड़ा के 500 किसानों का चयन उन्नत खेती करने हेतु किया गया है। जिला अधिकारी ने निर्देशित किया कि चयनित किसानों का वाट्सप ग्रुप बनाकर 20-20 किसानों का समूह बनाने व समूह में एक कृषि पर्यवेक्षक कों पर्यवेक्षण कार्य हेतु लगाया जाए जिससे वास्तविक परिणाम प्राप्त किए जा सके। किसान भाइयों आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से सरकार की इस योजना से जुड़ी जानकारी आप के साथ साझा कर रहे हैं।
राजस्थान सरकार की इस योजना में चयनित किसानों को मटर की उन्नत किस्मों के बीज के साथ-साथ खाद भी दिया गया। योजना में चयनित किसानों को 0.1 हेक्टेयर यानी आधा बीघा के क्षेत्रफल हेतु 10 किलोग्राम मटर की उन्नत बीज किस्म सोना 1010 एवं 250 मिलीलीटर जैविक उर्वरक, 5 किलोग्राम यूरिया एवं 25 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट खाद और 5 किलोग्राम सूक्ष्म पोषक तत्व मिक्सर दिए गए। खरपतवार नियंत्रण के लिए फसल की अवधि के हिसाब से आवश्यकतानुसार रसायन किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद् चित्तौडगढ़ राजस्थान डॉ. शंकर लाल जाट द्वारा डीएमएफटी मद से मटर के अधिक उत्पादन हेतु योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
राजस्थान सरकार के उप निदेशक कृषि (आइपीएम), चित्तौडगढ़ श्री ओम प्रकाश शर्मा ने किसानों को रबी फसलों की बुवाई एवं उन्नत खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सहायक निदेशक उद्यान चित्तौडगढ़ डॉ. शंकरसिंह राठौड़ द्वारा किसानों को उद्यान विभाग से किसानों के हित में सरकार द्वारा संचालित योजना जैसे सौलर ऊर्जा संयंत्र, ड्रिप सिंचाई सिस्टम, पोली हाउस की स्थापना एवं बगीचे की स्थापना करने पर राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान के बारे में बताया। कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानिया द्वारा मटर की उन्नत खेती करने के लिए उन्नत तकनीकी अपनाने के बारे में किसानों को जानकारी प्रदान की गई।
मटर की खेती से किसानों को डबल मुनाफा मिलता है। सामान्यत: मटर की फसल 115-125 दिन में पककर तैयार हो जाती है। मटर की फसल से हरी फलियों की पैदावार 80-120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है। वहीं फलियां तोड़ने के बाद 150 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। दाने की औसत उपज 15-22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है। भूसे की उपज 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर उचित कृषि कार्य प्रबंधन के साथ मटर की खेती की जाए तो एक हैक्टेयर में 18 से 30 क्विंटल तक उपज प्राप्त हो सकती है। वहीं एक हेक्टेयर क्षेत्र में मटर की खेती करने पर कुल लागत 20 हजार रुपए के आसपास आती है और मुनाफा 90 हजार रुपए तक हो सकता है। इस तरह देखा जाए तो किसान भाई मटर की खेती से करीब 70 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
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